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लखनऊ: गरीब परिवार लगा रहे गुहार, "मकान बनवा दो सरकार" - prime minister awas yojna

यूपी के लखनऊ में दो गरीब परिवारों को अभी तक पक्का मकान नहीं मिल पाया है. दोनों परिवार टूटे-फूटे छप्पर में रहने को मजबूर हैं. हमीरपुर निवासी सुनीता ने बताया कि वह लगभग 40 वर्षों से बंथरा के हमीरपुर गांव में रह रही हैं. उनके परिवार में 5 बच्चे और स्वयं पति-पत्नी हैं. लेकिन उनके पास अभी तक एक भी पक्का कमरा नहीं है.

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गरीब परिवार.
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Published : Oct 18, 2020, 1:30 PM IST

लखनऊ: प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार शहरी और ग्रामीण गरीबों के लिए आवास योजना चला रही है. इसी के तहत सभी ग्रामीणों और शहरी बेघरों के लिए आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इन योजनाओं का लाभ कुछ जनप्रतिनिधि और सरकारी विभाग के कर्मचारी को मिल रहा है. गरीब लोग बेघर हो रहे हैं. गरीब झुग्गी-झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं.

मकान की मांग के लिए सरकार से गुहार लगा रहे दो परिवार.

बंथरा थाना क्षेत्र में स्थित ग्राम हमीरपुर गांव में दो परिवारों को पक्का मकान नहीं मिल पाया है. दोनों परिवार टूटे-फूटे छप्पर में रहने को मजबूर हैं. हमीरपुर निवासी सुनीता ने बताया कि वह लगभग 40 वर्षों से बंथरा के हमीरपुर गांव में रह रही हैं. उनके परिवार में 5 बच्चे और स्वयं पति-पत्नी हैं. लेकिन उनके पास अभी तक एक भी पक्का कमरा नहीं है. बरसात में आंधी-तूफान के समय उनके पास अपने बच्चों के सिर छुपाने की जगह नहीं है. ऐसे में उनको हर समय असुरक्षा की भावना बनी रहती है.

अजय कुमार नाम के व्यक्ति का कहना है कि रंगाई-पुताई का काम करते हैं. कोरोना के समय से काम धाम बंद है. सरकार द्वारा उनको आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है. अभी तक दोनों परिवारों में लेबर कार्ड भी नहीं बना है. सरकारी तंत्र ऐसे लोगों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रखना चाहता. ग्रामीण सुनीता ने बताया कि मकान के लिए उन्होंने ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी, वीडीओ आदि संबंधित सभी लोगों से जाकर गुहार लगाई. लेकिन किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया.

लखनऊ: प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार शहरी और ग्रामीण गरीबों के लिए आवास योजना चला रही है. इसी के तहत सभी ग्रामीणों और शहरी बेघरों के लिए आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इन योजनाओं का लाभ कुछ जनप्रतिनिधि और सरकारी विभाग के कर्मचारी को मिल रहा है. गरीब लोग बेघर हो रहे हैं. गरीब झुग्गी-झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं.

मकान की मांग के लिए सरकार से गुहार लगा रहे दो परिवार.

बंथरा थाना क्षेत्र में स्थित ग्राम हमीरपुर गांव में दो परिवारों को पक्का मकान नहीं मिल पाया है. दोनों परिवार टूटे-फूटे छप्पर में रहने को मजबूर हैं. हमीरपुर निवासी सुनीता ने बताया कि वह लगभग 40 वर्षों से बंथरा के हमीरपुर गांव में रह रही हैं. उनके परिवार में 5 बच्चे और स्वयं पति-पत्नी हैं. लेकिन उनके पास अभी तक एक भी पक्का कमरा नहीं है. बरसात में आंधी-तूफान के समय उनके पास अपने बच्चों के सिर छुपाने की जगह नहीं है. ऐसे में उनको हर समय असुरक्षा की भावना बनी रहती है.

अजय कुमार नाम के व्यक्ति का कहना है कि रंगाई-पुताई का काम करते हैं. कोरोना के समय से काम धाम बंद है. सरकार द्वारा उनको आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है. अभी तक दोनों परिवारों में लेबर कार्ड भी नहीं बना है. सरकारी तंत्र ऐसे लोगों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रखना चाहता. ग्रामीण सुनीता ने बताया कि मकान के लिए उन्होंने ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी, वीडीओ आदि संबंधित सभी लोगों से जाकर गुहार लगाई. लेकिन किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया.

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