ETV Bharat / state

भू माफिया के खिलाफ एफआईआर, सांठगांठ पर एलडीए के दो कर्मचारी निलंबित - एलडीए के छह कर्माचारी गिरफ्तार

अर्जन विभाग की गोपनीय पत्रावलियों से छेड़छाड़ कर पत्रावली को नष्ट किये जाने की शिकायत पर डीएम और एलडीए वीसी ने एलडीए कार्यालय में औचक छापेमारी की. इस दौरान उन्होंने छह कर्मचारियों को गिरफ्तार करवाया. बाद में तहसीलदार मो. असलम की तरफ से द हिमालयन सहकारी आवास समिति के अध्यक्ष दिलीप बाफिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है.

एलडीए वीसी.
एलडीए वीसी.
author img

By

Published : Nov 22, 2020, 1:46 AM IST

लखनऊः एलडीए में 50 संपत्तियों में फर्जीवाड़ा व करीब 25 हजार फाइलों के गायब होने की छानबीन के बीच डीएम/वीसी ने बड़ी कार्रवाई की. अर्जन विभाग की गोपनीय पत्रावलियों से छेड़छाड़ कर पत्रावली को नष्ट किये जाने की शिकायत पर शनिवार को वीसी अभिषेक प्रकाश ने औचक छापा मारा. इससे पहले उन्होंने प्राधिकरण के तीनों गेट बंद करा दिये.

इस मामले में अमीन सत्येन्द्र सिंह व सेक्शन आफिसर आनन्द मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके अलावा अमीन पियूष, सर्वेयर केदारनाथ व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भोला नाथ पाल समेत आनंद व सत्येंद्र को भूमाफिया से सांठगांठ करने व गोपनीय पत्रावलियों से छेड़छाड कराने के आरोप में कार्यालय से ही गिरफ्तार करा दिया गया. सात घंटे बाद देर शाम सभी कर्मचारियों को छोड़ते हुए तहसीलदार मो. असलम की तरफ से द हिमालयन सहकारी आवास समिति के अध्यक्ष दिलीप बाफिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है.

etv bharat
एलडीए कार्यालय में पत्रावली देखता भूमाफिया.

तहसीलदार को फटकार, मांगा स्पष्टीकरण
जिलाधिकारी व एलडीए वीसी को शनिवार को सूचना मिली कि द हिमालयन सहकारी आवास समिति के अध्यक्ष दिलीप सिंह बाफिला अर्जन विभाग में कर्मचारियों के बीच बैठक गोपनीय फाइलें देख रहा है. वीसी ने पहले इसकी सत्यता की जांच संयुक्त सचिव ऋतु सुहास से करायी. सूचना सही मिलने पर वीसी ने अचानक कार्यालय पहुंचे और सभी गेट बंद कराकर अपने कार्यालय से नई बिल्डिंग में प्रथम तल पर स्थित अर्जन विभाग पहुंचे.

वीसी के पहुंंचने से पहले ही बाफिला को कर्मचारियों ने भगा दिया. लेकिन कर्मचारियों की संलिप्तता जाहिर होने पर छह कर्मचारियों को गिरफ्तार करवा दिया. इस छापेमारी के दौरान दूसरे तल पर कुछ लोगों के खाली बैठे दिखने पर डीएम ने पूछताछ की. वीसी अभिषेक प्रकाश ने अर्जन विभाग के तहसीलदार मोहम्मद असलम को जमकर फटकार लगाई और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. निजी संस्था शान कम्प्यूटर के कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पाये जाने पर नोटिस जारी की गयी है.

etv bharat
एफआईआर की कॉपी.
बाफिला के संगठित गिरोह के तौर पर काम कर रहे कर्मचारी
तहसीलदार अर्जन मो. असलम की तरफ से गोमती नगर थाने में लिखाई एफआईआर में कर्मचारियों को बचा लिया गया. एफआईआर में अर्जन विभाग के अज्ञात कर्मचारियों का जिक्र किया गया है. कहा गया है कि शनिवार को अर्जन विभाग में अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत से दिलीप सिंह बाफिला कर्मचारी की तरह महत्वपूर्ण फाइलों को देख रहा था, जबकि यहां बाहरी व्यक्तियों का आना प्रतिबंधित है. इससे वह अपनी सुविधा से लाभ लेने के लिए हेर फेर व कूट रचना भी कर रहा था. इससे स्पष्ट है कि बाफिला का एक संगठित गिरोह है. एफआईआर में लिखाया गया है कि कर्मचारियों की मिलीभगत से पत्रावलियों के अनुचित लाभ लेकर उन्हें गायब भी कर सकता है. इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हुआ है.
परिसर में ही कार में बैठा रहा बाफिला
छापेमारी की जानकारी होते ही दिलीप कुमार बाफिला कार्यालय के बाहर निकल गया. परिसर के भीतर ही वाहन पार्किंग स्टैंड में खड़े अपने वाहन में ही बैठा रहा है. उधर, बाफिला से मिलीभगत के आरोप में अधिकारी व कर्मचारी संदेह के घेरे में आ गए. कर्मचारियों का आरोप है कि अगर बाफिला दोषी है तो उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है.
किसी को बख्शा नहीं जायेगाः उपाध्यक्ष
उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया की फाइलों से छेड़छाड़ किये जाने की सूचना मिली थी. प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये लोगों के विरुद्व कार्रवाई की गयी है. गोपनीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ व लापरवाही पर किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा. पूरे मामले में जांच करायी जाएगी और जो लोग भी मामले में दोषी पाये जायेगें उनके विरुद्ध भी दण्डनात्मक अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
नहीं की कोई छेड़छाड, अपनी फाइल देख रहा थाः बफिला
दिलीप बाफिला का कहना है कि मैं अपने एक वाद से संबंधित प्रपत्र देने के लिए एलडीए कार्यालय गया था. वह कार्यालय की कोई पत्रावली नहीं देख रहा था बल्कि अपने प्रपत्र देख रहा था. मेरे एक व्यक्तिगत मामले में तहसीलदार सदर द्वारा कुछ आपत्ति एलडीए से मांगी गयी थी, जिसकी पत्रावली में कुछ प्रपत्र नहीं मिल रहे थे तथा प्राधिकरण को सोमवार तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है. कार्यालय से ही फोन कर अपने प्रपत्र जमा करने के लिए कहा गया था. मैं उन्ही प्रपत्रों को अपनी स्वयं के पास की पत्रावली में तलाश रहा था. कोई गोपनीय पत्रावली नहीं थी.
बाफिला के मामले की चल रही जांच
द हिमालयन सहकारी आवास समिति ने साल 1997 से 1998 के बीच मखदूमपुर और उजरियांव में प्लॉट दिए थे. साल 2000 में शहीद पथ के लिए इस जमीन का अधिग्रहण हो गया. एलडीए ने वहां मकान या चहारदीवारी बना चुके समिति सदस्यों को दूसरी योजनाओं में प्लॉट देकर जमीन खाली करवा ली. बाद में मखदूमपुर में अधिगृहत जमीन का शहीद पथ के निर्माण में इस्तेमाल नहीं हुआ. लिहाजा साल 2011 में जमीन छोड़ दी गई. इस जमीन पर एलडीए का कब्जा होना चाहिए था. आरोप है कि समिति अध्यक्ष ने अफसरों से मिलीभगत कर इस पर समिति के नए सदस्यों को कब्जा दिलवा दिया. खाली जमीन दिलीप बाफिला की दूसरी आवासीय समिति बहुजन निर्बल वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति के नाम करने का प्रस्ताव भेज दिया गया. शिकायत होने पर आवास आयुक्त इस मामले की जांच कर रहे हैं जबकि एलडीए और तहसील से नामांतरण कर दिया गया. हालांकि मामला खुलने पर नामांतरण निरस्त कर दिया गया.

लखनऊः एलडीए में 50 संपत्तियों में फर्जीवाड़ा व करीब 25 हजार फाइलों के गायब होने की छानबीन के बीच डीएम/वीसी ने बड़ी कार्रवाई की. अर्जन विभाग की गोपनीय पत्रावलियों से छेड़छाड़ कर पत्रावली को नष्ट किये जाने की शिकायत पर शनिवार को वीसी अभिषेक प्रकाश ने औचक छापा मारा. इससे पहले उन्होंने प्राधिकरण के तीनों गेट बंद करा दिये.

इस मामले में अमीन सत्येन्द्र सिंह व सेक्शन आफिसर आनन्द मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके अलावा अमीन पियूष, सर्वेयर केदारनाथ व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भोला नाथ पाल समेत आनंद व सत्येंद्र को भूमाफिया से सांठगांठ करने व गोपनीय पत्रावलियों से छेड़छाड कराने के आरोप में कार्यालय से ही गिरफ्तार करा दिया गया. सात घंटे बाद देर शाम सभी कर्मचारियों को छोड़ते हुए तहसीलदार मो. असलम की तरफ से द हिमालयन सहकारी आवास समिति के अध्यक्ष दिलीप बाफिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है.

etv bharat
एलडीए कार्यालय में पत्रावली देखता भूमाफिया.

तहसीलदार को फटकार, मांगा स्पष्टीकरण
जिलाधिकारी व एलडीए वीसी को शनिवार को सूचना मिली कि द हिमालयन सहकारी आवास समिति के अध्यक्ष दिलीप सिंह बाफिला अर्जन विभाग में कर्मचारियों के बीच बैठक गोपनीय फाइलें देख रहा है. वीसी ने पहले इसकी सत्यता की जांच संयुक्त सचिव ऋतु सुहास से करायी. सूचना सही मिलने पर वीसी ने अचानक कार्यालय पहुंचे और सभी गेट बंद कराकर अपने कार्यालय से नई बिल्डिंग में प्रथम तल पर स्थित अर्जन विभाग पहुंचे.

वीसी के पहुंंचने से पहले ही बाफिला को कर्मचारियों ने भगा दिया. लेकिन कर्मचारियों की संलिप्तता जाहिर होने पर छह कर्मचारियों को गिरफ्तार करवा दिया. इस छापेमारी के दौरान दूसरे तल पर कुछ लोगों के खाली बैठे दिखने पर डीएम ने पूछताछ की. वीसी अभिषेक प्रकाश ने अर्जन विभाग के तहसीलदार मोहम्मद असलम को जमकर फटकार लगाई और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. निजी संस्था शान कम्प्यूटर के कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पाये जाने पर नोटिस जारी की गयी है.

etv bharat
एफआईआर की कॉपी.
बाफिला के संगठित गिरोह के तौर पर काम कर रहे कर्मचारी
तहसीलदार अर्जन मो. असलम की तरफ से गोमती नगर थाने में लिखाई एफआईआर में कर्मचारियों को बचा लिया गया. एफआईआर में अर्जन विभाग के अज्ञात कर्मचारियों का जिक्र किया गया है. कहा गया है कि शनिवार को अर्जन विभाग में अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत से दिलीप सिंह बाफिला कर्मचारी की तरह महत्वपूर्ण फाइलों को देख रहा था, जबकि यहां बाहरी व्यक्तियों का आना प्रतिबंधित है. इससे वह अपनी सुविधा से लाभ लेने के लिए हेर फेर व कूट रचना भी कर रहा था. इससे स्पष्ट है कि बाफिला का एक संगठित गिरोह है. एफआईआर में लिखाया गया है कि कर्मचारियों की मिलीभगत से पत्रावलियों के अनुचित लाभ लेकर उन्हें गायब भी कर सकता है. इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हुआ है.
परिसर में ही कार में बैठा रहा बाफिला
छापेमारी की जानकारी होते ही दिलीप कुमार बाफिला कार्यालय के बाहर निकल गया. परिसर के भीतर ही वाहन पार्किंग स्टैंड में खड़े अपने वाहन में ही बैठा रहा है. उधर, बाफिला से मिलीभगत के आरोप में अधिकारी व कर्मचारी संदेह के घेरे में आ गए. कर्मचारियों का आरोप है कि अगर बाफिला दोषी है तो उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है.
किसी को बख्शा नहीं जायेगाः उपाध्यक्ष
उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया की फाइलों से छेड़छाड़ किये जाने की सूचना मिली थी. प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये लोगों के विरुद्व कार्रवाई की गयी है. गोपनीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ व लापरवाही पर किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा. पूरे मामले में जांच करायी जाएगी और जो लोग भी मामले में दोषी पाये जायेगें उनके विरुद्ध भी दण्डनात्मक अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
नहीं की कोई छेड़छाड, अपनी फाइल देख रहा थाः बफिला
दिलीप बाफिला का कहना है कि मैं अपने एक वाद से संबंधित प्रपत्र देने के लिए एलडीए कार्यालय गया था. वह कार्यालय की कोई पत्रावली नहीं देख रहा था बल्कि अपने प्रपत्र देख रहा था. मेरे एक व्यक्तिगत मामले में तहसीलदार सदर द्वारा कुछ आपत्ति एलडीए से मांगी गयी थी, जिसकी पत्रावली में कुछ प्रपत्र नहीं मिल रहे थे तथा प्राधिकरण को सोमवार तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है. कार्यालय से ही फोन कर अपने प्रपत्र जमा करने के लिए कहा गया था. मैं उन्ही प्रपत्रों को अपनी स्वयं के पास की पत्रावली में तलाश रहा था. कोई गोपनीय पत्रावली नहीं थी.
बाफिला के मामले की चल रही जांच
द हिमालयन सहकारी आवास समिति ने साल 1997 से 1998 के बीच मखदूमपुर और उजरियांव में प्लॉट दिए थे. साल 2000 में शहीद पथ के लिए इस जमीन का अधिग्रहण हो गया. एलडीए ने वहां मकान या चहारदीवारी बना चुके समिति सदस्यों को दूसरी योजनाओं में प्लॉट देकर जमीन खाली करवा ली. बाद में मखदूमपुर में अधिगृहत जमीन का शहीद पथ के निर्माण में इस्तेमाल नहीं हुआ. लिहाजा साल 2011 में जमीन छोड़ दी गई. इस जमीन पर एलडीए का कब्जा होना चाहिए था. आरोप है कि समिति अध्यक्ष ने अफसरों से मिलीभगत कर इस पर समिति के नए सदस्यों को कब्जा दिलवा दिया. खाली जमीन दिलीप बाफिला की दूसरी आवासीय समिति बहुजन निर्बल वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति के नाम करने का प्रस्ताव भेज दिया गया. शिकायत होने पर आवास आयुक्त इस मामले की जांच कर रहे हैं जबकि एलडीए और तहसील से नामांतरण कर दिया गया. हालांकि मामला खुलने पर नामांतरण निरस्त कर दिया गया.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.