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अमंगल की थी साजिश, हनुमान मंदिर और मंगल बाजार था आतंकियों का निशाना - Minhaz

यूपी की राजधानी लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के दो आतंकियों (Al Qaeda Terrorist) से पूछताछ में यूपी एटीएस (UP ATS) को अहम जानकारी हासिल हुई है. इसके मुताबिक आतंकवादी मंगलवार के दिन हनुमान सेतु मंदिर और मंगल बाजार को निशाना बनाने वाले थे.

अलकायदा के आतंकी गिरफ्तार.
अलकायदा के आतंकी गिरफ्तार.
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Published : Jul 15, 2021, 3:45 AM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके से पकड़े गए अलकायदा के आतंकी (Al Qaeda Terrorist) मिनहाज (Minhaz) और मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर (Maseeruddin) ने पूछताछ में कई राज उगले हैं. एडीजी (ADG) लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो अलकायदा ने मंगलवार को राजधानी में अमंगल की साजिश रची थी. आतंकियों ने उस दिन राजधानी को दहलाने की योजना बनाई थी. इसके लिए उन्होंने जनवरी में ही लखनऊ विश्वविद्यालय के पास स्थित हनुमान सेतु मंदिर और आलमबाग के मंगल बाजार के भीड़-भाड़ वाले इलाकों की रेकी शुरू कर दी थी. इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कश्मीर से दो कमांडर तौहीद व मूसा आने वाले थे. शुक्रवार को लखनऊ में जुमे की नमाज के बाद धमाके की तारीख व समय तय करते, जिसके बाद राजधानी में तबाही का मंजर खड़ा किया जाता.

एडीजी (ADG) लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक, यूपी एटीएस (UP ATS) की गिरफ्त में आए मिनहाज और मुशीर अलकायदा संगठन के जम्मू-कश्मीर में रहने वाले दो कमांडर तौहीद और मूसा के सीधे संपर्क में थे. दोनों लखनऊ से पल-पल की जानकारी जम्मू-कश्मीर के कमांडरों से साझा कर रहे थे. इनपुट मिला था कि ई-रिक्शा में प्रेशर कुकर बम के जरिए ब्लास्ट करने के लिए मिनहाज ने मुशीर को जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके लिए कुकर बम को ई-रिक्शा में सेट करना था, उसका कनेक्शन ई-रिक्शा के बैटरी से जोड़कर चिह्नित स्थानों के एरिया में धमाका करने की तैयारी थी, ताकि अधिक से अधिक लोगों की मौत और नुकसान पहुंचाया जा सके. मिनहाज ने अपने घर में ही बम बना रखा था, उसका कनेक्शन सिर्फ बैटरी से करना था और उसमें टाइमर लगाना था.
पढ़ें-Pressure Cooker Bomb Case: पकड़े गए आतंकियों से कर सकती हैं केंद्रीय एजेंसियां पूछताछ

मिनहाज व मुशीर ने राजधानी को दहलाने के लिए जो तैयारी की थी, उससे उनके मंसूबों के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है. यूपी एटीएस (UP ATS) के मुताबिक, जो विस्फोटक उनके पास से बरामद हुआ है, वह काफी खतरनाक है. उसका एक धमाका 100 मीटर के घेरे को नुकसान पहुंचाता. इतने दायरे में आने वाले सैकड़ों लोग गंभीर रूप से जख्मी हो सकते थे. वहीं, जो इस धमाके के 30 फीट के दायरे में आता उसकी मौत हो सकती थी.
पढ़ें-अलकायदा के आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट

यूपी एटीएस (UP ATS) की मानें तो अपने खतरनाक मंसूबों को पूरा करने के लिए आतंकी संगठन अलकायदा के दो प्रमुख कमांडर तौहीद व मूसा कश्मीर से लखनऊ में मिनहाज और मुशीर को काम को अंजाम देने के लिए मोटी रकम उपलब्ध करा रहे थे. एटीएस (ATS) को फंडिंग के प्रमाण भी मिले हैं. जांच अधिकारी मिनहाज और मुशीर के एकाउंट की भी जांच कर रहे हैं. बताया यहां तक जा रहा कि जम्मू-कश्मीर के दोनों कमांडर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में रहते थे.
पढ़ें-अलकायदा समर्थित आतंकवादियों के तीन मददगार गिरफ्तार

यूपी एटीएस (UP ATS) की मानें तो मिनहाज और मुशीर ने कश्मीरी कमांडरों के निर्देश पर पूरे लखनऊ की रेकी कर रखी थी. उनके निशाने पर भीड़भाड़ वाला इलाका था. इन दोनों ने हाल ही में हनुमान सेतु मन्दिर और आलमबाग के मंगल बाजार की घंटों रेकी की थी. एटीएस (ATS) की पड़ताल में यह बात सामने आई कि यह धमाका मंगलवार को कराने की तैयारी थी. इसकी वजह, मंगलवार को हनुमान सेतु मन्दिर में और मंगल बाजार में भारी भीड़ एकत्र होती है. इन दोनों की ई-रिक्शा में विस्फोटक लगाकर पार्किंग में खड़ी करने की योजना थी. इसके पीछे सोच यह थी कि पार्किंग व मंदिर के बीच कम दूरी होती है. वहां धमाके से अधिक लोगों को नुकसान पहुंच सकता है. इन स्थानों को चिह्नित करने के लिए मिनहाज व मुशीर बुलेट से निकलते थे. घंटों घूमकर रेकी करने के बाद वापस चले जाते थे. अब एटीएस (ATS) उस बुलेट की तलाश में जुटी हुई है.

आतंकियों के सेलफोन से 12 मिले वीडियो
काकोरी से पकड़े गए मिनहाज और मुशीर के सेलफोन से यूपी एटीएस (UP ATS) को 12 वीडियो मिले हैं. एटीएस के मुताबिक, संदिग्ध आतंकी मिनहाज और मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर के मोबाइल में जो 12 वीडियो मिले हैं, ये उनके हैंडलर ने भेजे थे. युवाओं को बरगलाने के लिए ये वीडियो इस्तेमाल किए जाते हैं. इन वीडियो का इस्तेमाल अलकायदा और उसके इंडियन मॉड्यूल अंसार गजवातुल हिंद के आका भी कर रहे हैं.

यूपी एटीएस (UP ATS) ने अलकायदा के दोनों आतंकियों के कॉल डिटेल को भी ट्रेस कर लिया है. पता चला है कि दोनों आतंकियों ने अधिकतर कॉल दिल्ली मेरठ, हरदोई, बरेली और कानपुर में की थी. 8 और 9 जुलाई को कानपुर में सबसे ज्यादा कॉल की है. मिनहाज ने 4 बार नेपाल में 2 अलग-अलग लोगों से बात की थी. इन कॉल डिटेल्स के आधार पर एटीएस (ATS) ने अलग से जांच शुरू कर दी है. इसके लिए एटीएस की 3 टीमों को अलग-अलग जिलों में भेजा गया है.
पढ़ें- आतंकियों का कानपुर कनेक्शन आया सामने, साथियों की तलाश में पनकी पहुंची ATS

पढ़ें-प्रेशर कुकर बम केस: ATS के सामने आतंकियों ने उगला सच

पढ़ें-15 अगस्त से पहले यूपी को दहलाने की साजिश, ATS ने 2 आतंकियों को किया गिरफ्तार
पढ़ें-उत्तर प्रदेश : अलकायदा के दो संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार, निशाने पर थे सीएम योगी समेत कई नेता

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके से पकड़े गए अलकायदा के आतंकी (Al Qaeda Terrorist) मिनहाज (Minhaz) और मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर (Maseeruddin) ने पूछताछ में कई राज उगले हैं. एडीजी (ADG) लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो अलकायदा ने मंगलवार को राजधानी में अमंगल की साजिश रची थी. आतंकियों ने उस दिन राजधानी को दहलाने की योजना बनाई थी. इसके लिए उन्होंने जनवरी में ही लखनऊ विश्वविद्यालय के पास स्थित हनुमान सेतु मंदिर और आलमबाग के मंगल बाजार के भीड़-भाड़ वाले इलाकों की रेकी शुरू कर दी थी. इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कश्मीर से दो कमांडर तौहीद व मूसा आने वाले थे. शुक्रवार को लखनऊ में जुमे की नमाज के बाद धमाके की तारीख व समय तय करते, जिसके बाद राजधानी में तबाही का मंजर खड़ा किया जाता.

एडीजी (ADG) लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक, यूपी एटीएस (UP ATS) की गिरफ्त में आए मिनहाज और मुशीर अलकायदा संगठन के जम्मू-कश्मीर में रहने वाले दो कमांडर तौहीद और मूसा के सीधे संपर्क में थे. दोनों लखनऊ से पल-पल की जानकारी जम्मू-कश्मीर के कमांडरों से साझा कर रहे थे. इनपुट मिला था कि ई-रिक्शा में प्रेशर कुकर बम के जरिए ब्लास्ट करने के लिए मिनहाज ने मुशीर को जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके लिए कुकर बम को ई-रिक्शा में सेट करना था, उसका कनेक्शन ई-रिक्शा के बैटरी से जोड़कर चिह्नित स्थानों के एरिया में धमाका करने की तैयारी थी, ताकि अधिक से अधिक लोगों की मौत और नुकसान पहुंचाया जा सके. मिनहाज ने अपने घर में ही बम बना रखा था, उसका कनेक्शन सिर्फ बैटरी से करना था और उसमें टाइमर लगाना था.
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मिनहाज व मुशीर ने राजधानी को दहलाने के लिए जो तैयारी की थी, उससे उनके मंसूबों के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है. यूपी एटीएस (UP ATS) के मुताबिक, जो विस्फोटक उनके पास से बरामद हुआ है, वह काफी खतरनाक है. उसका एक धमाका 100 मीटर के घेरे को नुकसान पहुंचाता. इतने दायरे में आने वाले सैकड़ों लोग गंभीर रूप से जख्मी हो सकते थे. वहीं, जो इस धमाके के 30 फीट के दायरे में आता उसकी मौत हो सकती थी.
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यूपी एटीएस (UP ATS) की मानें तो अपने खतरनाक मंसूबों को पूरा करने के लिए आतंकी संगठन अलकायदा के दो प्रमुख कमांडर तौहीद व मूसा कश्मीर से लखनऊ में मिनहाज और मुशीर को काम को अंजाम देने के लिए मोटी रकम उपलब्ध करा रहे थे. एटीएस (ATS) को फंडिंग के प्रमाण भी मिले हैं. जांच अधिकारी मिनहाज और मुशीर के एकाउंट की भी जांच कर रहे हैं. बताया यहां तक जा रहा कि जम्मू-कश्मीर के दोनों कमांडर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में रहते थे.
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यूपी एटीएस (UP ATS) की मानें तो मिनहाज और मुशीर ने कश्मीरी कमांडरों के निर्देश पर पूरे लखनऊ की रेकी कर रखी थी. उनके निशाने पर भीड़भाड़ वाला इलाका था. इन दोनों ने हाल ही में हनुमान सेतु मन्दिर और आलमबाग के मंगल बाजार की घंटों रेकी की थी. एटीएस (ATS) की पड़ताल में यह बात सामने आई कि यह धमाका मंगलवार को कराने की तैयारी थी. इसकी वजह, मंगलवार को हनुमान सेतु मन्दिर में और मंगल बाजार में भारी भीड़ एकत्र होती है. इन दोनों की ई-रिक्शा में विस्फोटक लगाकर पार्किंग में खड़ी करने की योजना थी. इसके पीछे सोच यह थी कि पार्किंग व मंदिर के बीच कम दूरी होती है. वहां धमाके से अधिक लोगों को नुकसान पहुंच सकता है. इन स्थानों को चिह्नित करने के लिए मिनहाज व मुशीर बुलेट से निकलते थे. घंटों घूमकर रेकी करने के बाद वापस चले जाते थे. अब एटीएस (ATS) उस बुलेट की तलाश में जुटी हुई है.

आतंकियों के सेलफोन से 12 मिले वीडियो
काकोरी से पकड़े गए मिनहाज और मुशीर के सेलफोन से यूपी एटीएस (UP ATS) को 12 वीडियो मिले हैं. एटीएस के मुताबिक, संदिग्ध आतंकी मिनहाज और मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर के मोबाइल में जो 12 वीडियो मिले हैं, ये उनके हैंडलर ने भेजे थे. युवाओं को बरगलाने के लिए ये वीडियो इस्तेमाल किए जाते हैं. इन वीडियो का इस्तेमाल अलकायदा और उसके इंडियन मॉड्यूल अंसार गजवातुल हिंद के आका भी कर रहे हैं.

यूपी एटीएस (UP ATS) ने अलकायदा के दोनों आतंकियों के कॉल डिटेल को भी ट्रेस कर लिया है. पता चला है कि दोनों आतंकियों ने अधिकतर कॉल दिल्ली मेरठ, हरदोई, बरेली और कानपुर में की थी. 8 और 9 जुलाई को कानपुर में सबसे ज्यादा कॉल की है. मिनहाज ने 4 बार नेपाल में 2 अलग-अलग लोगों से बात की थी. इन कॉल डिटेल्स के आधार पर एटीएस (ATS) ने अलग से जांच शुरू कर दी है. इसके लिए एटीएस की 3 टीमों को अलग-अलग जिलों में भेजा गया है.
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