लखनऊः यूपी एटीएस ने (UP ATS) ने SIM BOX से अवैध इंटरनेट कॉलिंग करने वाले गिरोह का भंडाभोड़ करते हुए रविवार को नोएडा के एक मॉल से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ATS के अफसरों की मानें तो आरोपी इंटरनेशनल वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VOIP) कॉल को सामान्य कॉल में बदलकर बात करते थे. इससे भारतीय अर्थ व्यवस्था को बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि हो रही थी. UP ATS ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य कई संगीन धाराओं में नोएडा के नॉलेज पार्क थाने में केस दर्ज कराया है.
ATS ने आरोपियों के पास से 1 लैपटॉप, 4 मोबाइल, 4 सिम कार्ड, 1 एप्पल वॉच, 1 डोंगल, 8 डेबिड कार्ड, पहचान पत्र, 3 राऊटर, 1 डी-लिंक स्विच, 2 टर्मिनेशन पोर्ट, विभिन्न एडॉप्टर, पॉवर केबल, इथरनेट पोर्ट, ऑप्टिकल फाइबर केबल और वोडाफोन की सिप ट्रक आउटर केबल बरामद किया है.
आईजी एटीएस जीके गोस्वामी के मुताबिक SIM BOX के जरिए नोएडा सेक्टर-153 में Urbtech NPX मॉल के छठी मंजिल पर शॉप नं. 10 में All Solution Services के नाम से अवैध एक्सचेंज संचालित हो रहा था. सूचना पर UP ATS के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DOT) और नोएडा पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान पता चला कि यहां इंटरनेट गेटवे को बाईपास कर विदेश से आने वाली VOIP कॉल्स को Voice कॉल्स में परिवर्तित कर अवैध इन्टरनेट कालिंग रैकेट चल रहा था. इस एक्सचेंज के माध्यम से हुई कॉलों के संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है. ATS के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों की पहचान अभय मिश्रा उर्फ आदित्य (25) मूल निवास हरदोई और हाल पता फ्लैट नं. 802 जेपी अमन अपार्टमेंट, सेक्टर-151 और और शम्स ताहिर खान उर्फ तुषार (25) निवासी इस्लामपुर झुनझुनूं राजस्थान के रूप में हुई है.
एटीएस के अनुसार दोनों आरोपी वास्तविक नाम छिपाकर छद्म नामों का प्रयोग कर अवैध इंटरनेशनल कॉलिंग कर रहे थे. आरोपियों द्वारा वोडाफोन कम्पनी से 100 चैनल का PRI Server लिया गया और भारत सरकार की एजेंसी TRAI द्वारा निर्गत नियमों का उल्लंघन कर VOlP कॉल्स को Voice कॉल्स में अनाधिकृत रूप से बदलकर आर्थिक लाभ लिया जा रहा था, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी क्षति पहुंच रही थी.
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UP ATS की मानें तो आरोपियों द्वारा ग्लोबल टेलीकॉम मार्केट में अपने धंधे की साख बढ़ाने के लिए फर्जी तरीके से वेबसाइटों की मदद एक IPGAB Network Limited नामक बोगस कम्पनी लंदन, UK के पते पर पंजीकृत कराई गई थी. इसके बाद VOlP कॉल्स ट्रैफिक लेने व देने के लिये विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन दिया गया, जिसकी वजह से लोग इससे जुड़ने लगे. आरोपी अवैध इंटरनेट कॉलिंग में ASTERISK सॉफ्टवेयर के माध्यम से विदेश की इन्टरनेट काल को वॉइस काल में बदल कर भारत के किसी भी नंबर पर बात कराते थे, जिसमे डिस्प्ले पर विदेशी नंबर की जगह भारत का ही नंबर दिखता था. ATS अफसरों का कहना है कि अवैध एक्सचेंज एवं VOIP गेटवे की मॉनीटरिंग नहीं की जा सकती और यह राष्ट्र की सुरक्षा के लिये भारी खतरा है.
UP ATS ने अरोपियों से इन बिंदुओं पर कर रही पूछताछ
• अवैध इन्टरनेट कालिंग/कॉल टर्मिनेशन के धंधे में कब से लिप्त हैं ?
• इस कार्य में इनके और कौन-कौन से साथी हैं?
• अवैध इन्टरनेट कालिंग को करना इन्होने कहा से कैसे सीखा ?
• इस कार्य से इन्होंने कितना धन अर्जित किया और उसे कहां कहां इन्वेस्ट किया ?
• इस अवैध इन्टरनेट कालिंग एक्सचेंज की तरह यह लोग और कितने एक्सचेंज चला रहे हैं?
• इसी प्रकार के कितने अनाधिकृत लोग इस तरह का एक्सचेंज संचालित कर रहे हैं, उनके विषय में जानकारी करना?