लखनऊ: कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ा दी है. साथ ही वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था पर भी जोर दे रही है. वहीं राजधानी में रेडियोलॉजी की सेवाएं चरमराई हुई हैं. स्थिति यह है कि राजधानी में लेवल-थ्री कोविड अस्पताल में भी सीटी स्कैन जांच की सुविधा नहीं है. ऐसे में मरीजों के फेफड़े में संक्रमण का सटीक आकलन नहीं हो पा रहा है.
केजीएमयू में प्रस्ताव बना, फाइलों में डंप
देश में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप छाया हुआ है. संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लखनऊ के केजीएमयू के लिंब सेंटर में लेवल थ्री का कोविड अस्पताल बनाया गया. यह 350 बेड का है. यहां कोविड मरीजों के फेफड़े में संक्रमण का स्तर जानने के लिए सीटी स्कैन मशीन लगाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया, मगर पूरी प्रक्रिया फाइलों में ही दबी रह गई. इसके अलावा अभी तक माइक्रो बायोलॉजी लैब भी नहीं बनाई जा सकी. केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि मशीन लगाने की प्रक्रिया चल रही है, फाइनल होते ही इंस्टॉलेशन होने लगा है.
लोहिया कोविड अस्पताल में भी नहीं है सुविधा
लोहिया संस्थान को कोविड अस्पताल बनाया गया. इसे भी लेवल थ्री का दर्जा दिया गया. यहां भी मरीजों की सिर्फ एक्स-रे जांच ही संभव है. सीटी स्कैन की मशीन अभी नहीं लग सकी है. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर मशीन लगनी है. जून तक मशीन लग जायेगी.
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सात सरकारी कोविड अस्पताल, दो में सीटी स्कैन
शहर में कुल मिलाकर 72 सरकारी और निजी कोविड अस्पताल हैं. इसमें सात सरकारी कोविड अस्पताल हैं. इसमें सिर्फ पीजीआई, बलरामपुर कोविड अस्पताल में ही सीटी स्कैन जांच की सुविधा है. अन्य अस्पतालों में एक्स-रे जांच से ही काम चलाया जा रहा है या दूसरे कैम्पस में मरीज को ले जाकर जांच कराई जा रही है.