लखनऊ : गंभीर स्तन कैंसर के इलाज की राह आसान होगी. तेजी से फैलने वाले ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (टीएनबीसी) का इलाज टारगेट थेरेपी से होगा. केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (Central Drug Research Institute) के वैज्ञानिकों ने टेजिमेटोस्टेट दवा की क्रियाविधि को टारगेट करने में कामयाबी हासिल की है. इस शोध को नेचर कम्युनिकेशंस (Nature Communications) ने प्रकाशित कर मुहर लगाई है.
कम उम्र की महिलाओं में फैलता है टीएनबीसी : सीडीआरआई के वैज्ञानिक के डॉ. दीपक दत्ता (Dr. Deepak Dutta, Scientist, CDRI) ने बताया कि महिलाओं में स्तन कैंसर तेजी से फैल रहा है. इसमें टीएनबीसी बेहद घातक है. जो कम उम्र की महिलाओं में तेजी से दूसरे अंगों को अपनी चपेट में लेते है. नतीजतन मरीज की मौत की ओर धकेलता है. उन्होंने बताया कि टेजिमेटोस्टेट दवा एफडीए द्वारा अनुमोदित है. इसके द्वारा एपिजेनेटिक मॉड्यूलेटर ईजीएच2 (epigenetic modulator EGH2) को नियंत्रित किया जा सकता है. नतीजतन इस एपिजेनेटिक मॉड्यूलेटर से जीन एक्टिवेशन पर काबू पाना आसान होगा. जो इस घातक कैंसर के फैलने की रफ्तार को थाम सकता है. अभी चूहों पर शोध किया गया है. इस आधार पर जल्द ही कैंसर रोगियों पर शोध किया जा सकेगा.
ट्यूमर से 90 फीसदी मरीज की हो जाती है मौत : डॉ. दीपक दत्ता के मुताबिक महिलाओं में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और ह्यूमन एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर-2 की मौजूदगी स्तन कैंसर, उसके प्रकार और इलाज के तरीका तय करती है. अधिकांश प्रकार के स्तन कैंसर में हार्मोन थेरेपी कारगर है, पर कुछ स्तन कैंसर बेहद घातक होते हैं. इसमें एक टीएनबीसी है. इसमें गांठ या ट्यूमर लिवर व स्पलीन में फैलने की दशा में 90 फीसदी मरीज की मौत हो जाती है. डॉ. दत्ता के मुताबिक टीएनबीसी ट्यूमर के तेजी से फैलने के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है. साथ ही ईजीएच-2 से खास तरह के जीन अधिक सक्रिय हो जाता है. नतीजतन ट्यूमर तेजी से दूसरे अंगों को चपेट में लेता है. ईजीएच-2 पर काबू पाने वाली दवा टेजिमेटोस्टेट सबसे आक्रामक टीएनबीसी के खिलाफ आशाजनक इलाज का विकल्प हो सकता है.
टारगेट थेरेपी से होगा ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर का इलाज, सीडीआरआई के वैज्ञानिकों को मिली कामयाबी - triple negative breast cancer treatment
केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (टीएनबीसी) के इलाज के लिए कारगर शोध में कामयाबी हासिल की है. सीडीआरआई के वैज्ञानिक के डॉ. दीपक दत्ता के अनुसार ईजीएच-2 पर काबू पाने वाली दवा टेजिमेटोस्टेट सबसे आक्रामक टीएनबीसी के खिलाफ आशाजनक इलाज का विकल्प हो सकता है.
लखनऊ : गंभीर स्तन कैंसर के इलाज की राह आसान होगी. तेजी से फैलने वाले ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (टीएनबीसी) का इलाज टारगेट थेरेपी से होगा. केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (Central Drug Research Institute) के वैज्ञानिकों ने टेजिमेटोस्टेट दवा की क्रियाविधि को टारगेट करने में कामयाबी हासिल की है. इस शोध को नेचर कम्युनिकेशंस (Nature Communications) ने प्रकाशित कर मुहर लगाई है.
कम उम्र की महिलाओं में फैलता है टीएनबीसी : सीडीआरआई के वैज्ञानिक के डॉ. दीपक दत्ता (Dr. Deepak Dutta, Scientist, CDRI) ने बताया कि महिलाओं में स्तन कैंसर तेजी से फैल रहा है. इसमें टीएनबीसी बेहद घातक है. जो कम उम्र की महिलाओं में तेजी से दूसरे अंगों को अपनी चपेट में लेते है. नतीजतन मरीज की मौत की ओर धकेलता है. उन्होंने बताया कि टेजिमेटोस्टेट दवा एफडीए द्वारा अनुमोदित है. इसके द्वारा एपिजेनेटिक मॉड्यूलेटर ईजीएच2 (epigenetic modulator EGH2) को नियंत्रित किया जा सकता है. नतीजतन इस एपिजेनेटिक मॉड्यूलेटर से जीन एक्टिवेशन पर काबू पाना आसान होगा. जो इस घातक कैंसर के फैलने की रफ्तार को थाम सकता है. अभी चूहों पर शोध किया गया है. इस आधार पर जल्द ही कैंसर रोगियों पर शोध किया जा सकेगा.
ट्यूमर से 90 फीसदी मरीज की हो जाती है मौत : डॉ. दीपक दत्ता के मुताबिक महिलाओं में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और ह्यूमन एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर-2 की मौजूदगी स्तन कैंसर, उसके प्रकार और इलाज के तरीका तय करती है. अधिकांश प्रकार के स्तन कैंसर में हार्मोन थेरेपी कारगर है, पर कुछ स्तन कैंसर बेहद घातक होते हैं. इसमें एक टीएनबीसी है. इसमें गांठ या ट्यूमर लिवर व स्पलीन में फैलने की दशा में 90 फीसदी मरीज की मौत हो जाती है. डॉ. दत्ता के मुताबिक टीएनबीसी ट्यूमर के तेजी से फैलने के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है. साथ ही ईजीएच-2 से खास तरह के जीन अधिक सक्रिय हो जाता है. नतीजतन ट्यूमर तेजी से दूसरे अंगों को चपेट में लेता है. ईजीएच-2 पर काबू पाने वाली दवा टेजिमेटोस्टेट सबसे आक्रामक टीएनबीसी के खिलाफ आशाजनक इलाज का विकल्प हो सकता है.