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लखनऊ: केजीएमयू में आंतों का इलाज होगा आसान, सुविधाएं होंगी बेहतर - recruit 139 people

राजधानी लखनऊ स्थित 'KGMU' में स्वास्थय सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए डॉक्टरों के स्टाफ में 139 लोगों की भर्ती की जाएगी. गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में प्रतिदिन ओपीडी चलाने के लिए योजना बनाई गई है. इसके लिए शासन से चार वरिष्ठ चिकित्सक, नर्सिंग,पैरामेडिकल सहित 139 स्टाफ की मांग की गई है.

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केजीएमयू में आंतों का इलाज होगा आसान
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Published : Jan 8, 2020, 12:25 PM IST

लखनऊ: राजधानी में केजीएमयू में आंतों की जांच और इलाज की सुविधा बढ़ाने की तैयारियां की जा रही हैं. इसके चलते गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सरकार से चिकित्सकों की मांग की गई है. केजीएमयू में आंतों की जांच और इलाज की सुविधा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.

केजीएमयू में आंतों का इलाज होगा आसान.

गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में प्रतिदिन ओपीडी चलाने के लिए योजना बनाई गई है. इसके लिए शासन से चार वरिष्ठ चिकित्सक, नर्सिंग,पैरामेडिकल सहित 139 स्टाफ की मांग की गई है. शासन से हरी झंडी मिलते ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

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गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग कई सुविधाएं मौजूद
गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी सिर्फ सोमवार और शुक्रवार को चलती है. इसके चलते 1 दिन में ओपीडी में करीब 500 से अधिक मरीज देखे जाते हैं. करीब इसके साथ इस विभाग में 40 बेड पर मरीज की भर्ती होती है, जहां दो हाईटेक एंडोस्कोपी यूनिट भी है. इसमें एंडोस्कोपी कोलोनोस्कोपी इंजेक्शन, इंडोस्कोपिक, अल्ट्रासाउंड, स्कैन सहित अन्य सुविधाएं भी हैं.

कतारों में लगकर ही वापस घर लौट जाते है मरीज
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते कई बार मरीज कतारों में लगकर ही वापस घर लौट जाते हैं. इसकी वजह से मरीजों को बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती हैं.

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केजीएमयू में भी मिलेगी यह सुविधा
केजीएमयू में आंतों की दिक्कत वाले मरीजों को भर्ती करने में आसानी होगी. ओरल एंडोस्कोपी मायटॉमी तकनीकी से आहार नाल दुरुस्त कर आंतों में स्टंट लगाने की सुविधा मिलेगी. अभी यह सुविधा सिर्फ पीजीआई में है, और यह प्रस्ताव पास हो जाने के बाद ही केजीएमयू में भी यह सुविधा मिलने लगेगी.

लखनऊ: राजधानी में केजीएमयू में आंतों की जांच और इलाज की सुविधा बढ़ाने की तैयारियां की जा रही हैं. इसके चलते गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सरकार से चिकित्सकों की मांग की गई है. केजीएमयू में आंतों की जांच और इलाज की सुविधा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.

केजीएमयू में आंतों का इलाज होगा आसान.

गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में प्रतिदिन ओपीडी चलाने के लिए योजना बनाई गई है. इसके लिए शासन से चार वरिष्ठ चिकित्सक, नर्सिंग,पैरामेडिकल सहित 139 स्टाफ की मांग की गई है. शासन से हरी झंडी मिलते ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

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गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग कई सुविधाएं मौजूद
गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी सिर्फ सोमवार और शुक्रवार को चलती है. इसके चलते 1 दिन में ओपीडी में करीब 500 से अधिक मरीज देखे जाते हैं. करीब इसके साथ इस विभाग में 40 बेड पर मरीज की भर्ती होती है, जहां दो हाईटेक एंडोस्कोपी यूनिट भी है. इसमें एंडोस्कोपी कोलोनोस्कोपी इंजेक्शन, इंडोस्कोपिक, अल्ट्रासाउंड, स्कैन सहित अन्य सुविधाएं भी हैं.

कतारों में लगकर ही वापस घर लौट जाते है मरीज
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते कई बार मरीज कतारों में लगकर ही वापस घर लौट जाते हैं. इसकी वजह से मरीजों को बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती हैं.

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केजीएमयू में भी मिलेगी यह सुविधा
केजीएमयू में आंतों की दिक्कत वाले मरीजों को भर्ती करने में आसानी होगी. ओरल एंडोस्कोपी मायटॉमी तकनीकी से आहार नाल दुरुस्त कर आंतों में स्टंट लगाने की सुविधा मिलेगी. अभी यह सुविधा सिर्फ पीजीआई में है, और यह प्रस्ताव पास हो जाने के बाद ही केजीएमयू में भी यह सुविधा मिलने लगेगी.

Intro:



राजधानी लखनऊ की केजीएमयू में आंतों की जांच और इलाज की सुविधा बढ़ाने की तैयारियां की जा रही हैं। इसी कड़ी में अब आने वाले दिनों में गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की तरफ से शासन से सुविधाओं को बेहतर करने के लिए स्टाफ व चिकित्सकों की मांग की गई है जिससे कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग द्वारा आंतों का इलाज बेहतर तरीके से लोगों को दिया जा सके।




Body:केजीएमयू में आंतों की जांच और इलाज की सुविधा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में प्रतिदिन ओपीडी चलाने के साथ ही नई सुविधाएं भी बढ़ाने की कार्य योजना बनाई गई है। इसके लिए शासन से चार वरिष्ठ चिकित्सक, नर्सिंग,पैरामेडिकल सहित 139 स्टाफ की मांग की गई है।शासन से हरी झंडी मिलते ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की ओपीडी सिर्फ सोमवार और शुक्रवार को चलती है।जिसके चलते 1 दिन में ओपीडी में करीब 500 से अधिक मरीज देखे जाते हैं। करीब इसके साथ इस विभाग में 40 बेड पर मरीज की भर्ती होती है। जहां दो हाईटेक एंडोस्कोपी यूनिट भी है। जिसमें एंडोस्कोपी कोलोनोस्कोपी इंजेक्शन, इंडोस्कोपिक, अल्ट्रासाउंड, स्कैन सहित अन्य सुविधाएं भी है। यहां मरीजों की संख्या काफी है मरीज कई बार सिर्फ कतारों में लगकर ही वापस हो जाते हैं। जिसकी वजह से मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की तरफ से शताब्दी में चल रहे विभाग में मरीजों को भर्ती करने बेहतर स्वास्थ सेवाएं देने के लिए शासन से स्टाफ बढ़ाने की मांग की गई है।बताया जा रहा है कि पीजीआई की तर्ज पर केजीएमयू में यह सेवा विस्तार किया जाएगा।जिसमें 4 फैकल्टी मिलने से यहां पर दो यूनिट हो जाएंगी। सप्ताह के सभी दिन ओपीडी में मरीज देखे जाएंगे। साथ ही साथ में ज्यादा से ज्यादा मरीजों की जांच होगी और रेसिडेंट भी बढ़ाये जाएंगे। इसके साथ वार्ड में 100 बेड करने की प्रक्रिया भी चल रही है। जिसके बाद केजीएमयू में आंतों की दिक्कत वाले मरीजों को भर्ती करने में आसानी होगी और ओरल एंडोस्कोपी मायटॉमी तकनीकी से आहार नाल दुरुस्त कर आंतों में स्टंट लगाने की सुविधा मिलेगी। अभी यह सुविधा सिर्फ पीजीआई में है और यह प्रस्ताव पास हो जाने के बाद ही केजीएमयू में भी यह सुविधा मिलने लगेगी।


बाइट- डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू




Conclusion:अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में आखिर कब तक स्वास्थ्य सेवाएं केजीएमयू में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में बेहतर होंगी या फिर या प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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