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परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने टिकटों के टेंडर पर लगाई रोक - लखनऊ ताजा समाचार

परिवहन निगम में टिकटों के टेंडर मामले में उत्तर प्रदेश परिवहन राज्य मंत्री ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पूरे टेंडर प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दिए हैं. उन्होंने कहा कि है जल्द ही इस मामले पर एक समीक्षा बैठक बुलाई जाएगी, इसके बाद ही दोबारा टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश परिवहन
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Published : Dec 31, 2020, 10:48 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री अशोक कटारिया ने परिवहन निगम में बसों के टिकट को लेकर होने वाली टेंडर प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है. रोक लगाने की वजह यही है कि इस टेंडर प्रक्रिया में लगातार सिर्फ एक ही कंपनी हिस्सा ले रही थी. इससे इस पूरी प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगने लगे थे. माना जा रहा था कि इसमें यूपीएसआरटीसी हेड क्वार्टर का कोई बड़ा अधिकारी शामिल है. दो बार टेंडर प्रक्रिया हुई और दोनों बार सिर्फ एक ही कंपनी ने हिस्सा लिया. इसके बाद ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने टेंडर प्रक्रिया समेत सभी तरह की टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्णय लिया.

चहेती कंपनी को ठेका देना चाहते हैं ऑफिसर

परिवहन निगम में बसों की टिकट बुकिंग का टेंडर होना है, लेकिन बस टिकटों के टेंडर में खेल पहले ही होना शुरू हो गया है. रोडवेज के ऑफिसर एक ही कंपनी पर मेहरबान हो रहे हैं. चहेती कंपनी को ठेका देने के लिए रोडवेज के अधिकारियों ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में ऐसी शर्ते तय कर दी हैं, जिससे दूसरी कंपनी टेंडर में भागीदार ही न बन सके.

बता दें कि अब तक दो बार टेंडर की तारीख बढ़ाई गई है. बार-बार एक ही कंपनी टेंडर डाल रही है किसी दूसरी कंपनी के टेंडर प्रक्रिया में हिस्सेदारी न ले पाने पर भी टेंडर कमेटी ने शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया. उल्टा तीसरी बार फिर से तारीख ही बढ़ा दी गई. वहीं अब परिवहन मंत्री ने सभी तरह की टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. परिवहन मिनिस्टर अशोक कटारिया ने ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के एमडी धीरज साहू को पत्र भेजकर कहा है कि जल्द इस पर समीक्षा बैठक बुलाई जाए, उसके बाद ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाए.

इस कंपनी के हिसाब से तैयार किए गए मानक

उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के ऑफिसर रोडवेज बसों में टिकट का टेंडर एबिक्स नाम की आईटी कंपनी को देने की योजना बना चुके हैं. यही कंपनी बार-बार टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले रही है. सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों ने इस तरह की नियम और शर्तें तैयार की हैं कि दूसरी आईटी कंपनी इस पर खरी ही न उतर सके. इबिक्स कंपनी ही यह सारे मानक पूरे करे.

ऐसा करना नियमों का उल्लंघन

केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशानुसार टेंडर प्रक्रिया में अगर एक ही कंपनी हिस्सा लेती है तो उसका टेंडर खोलना नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन होगा. ऐसे में परिवहन निगम की टेंडर कमेटी लगातार एक ही कंपनी को मौका दे रही है. ऐसे में कहीं न कहीं यह नियमों का खुला उल्लंघन है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री अशोक कटारिया ने परिवहन निगम में बसों के टिकट को लेकर होने वाली टेंडर प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है. रोक लगाने की वजह यही है कि इस टेंडर प्रक्रिया में लगातार सिर्फ एक ही कंपनी हिस्सा ले रही थी. इससे इस पूरी प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगने लगे थे. माना जा रहा था कि इसमें यूपीएसआरटीसी हेड क्वार्टर का कोई बड़ा अधिकारी शामिल है. दो बार टेंडर प्रक्रिया हुई और दोनों बार सिर्फ एक ही कंपनी ने हिस्सा लिया. इसके बाद ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने टेंडर प्रक्रिया समेत सभी तरह की टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्णय लिया.

चहेती कंपनी को ठेका देना चाहते हैं ऑफिसर

परिवहन निगम में बसों की टिकट बुकिंग का टेंडर होना है, लेकिन बस टिकटों के टेंडर में खेल पहले ही होना शुरू हो गया है. रोडवेज के ऑफिसर एक ही कंपनी पर मेहरबान हो रहे हैं. चहेती कंपनी को ठेका देने के लिए रोडवेज के अधिकारियों ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में ऐसी शर्ते तय कर दी हैं, जिससे दूसरी कंपनी टेंडर में भागीदार ही न बन सके.

बता दें कि अब तक दो बार टेंडर की तारीख बढ़ाई गई है. बार-बार एक ही कंपनी टेंडर डाल रही है किसी दूसरी कंपनी के टेंडर प्रक्रिया में हिस्सेदारी न ले पाने पर भी टेंडर कमेटी ने शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया. उल्टा तीसरी बार फिर से तारीख ही बढ़ा दी गई. वहीं अब परिवहन मंत्री ने सभी तरह की टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. परिवहन मिनिस्टर अशोक कटारिया ने ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के एमडी धीरज साहू को पत्र भेजकर कहा है कि जल्द इस पर समीक्षा बैठक बुलाई जाए, उसके बाद ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाए.

इस कंपनी के हिसाब से तैयार किए गए मानक

उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के ऑफिसर रोडवेज बसों में टिकट का टेंडर एबिक्स नाम की आईटी कंपनी को देने की योजना बना चुके हैं. यही कंपनी बार-बार टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले रही है. सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों ने इस तरह की नियम और शर्तें तैयार की हैं कि दूसरी आईटी कंपनी इस पर खरी ही न उतर सके. इबिक्स कंपनी ही यह सारे मानक पूरे करे.

ऐसा करना नियमों का उल्लंघन

केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशानुसार टेंडर प्रक्रिया में अगर एक ही कंपनी हिस्सा लेती है तो उसका टेंडर खोलना नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन होगा. ऐसे में परिवहन निगम की टेंडर कमेटी लगातार एक ही कंपनी को मौका दे रही है. ऐसे में कहीं न कहीं यह नियमों का खुला उल्लंघन है.

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