लखनऊ : परिवहन विभाग (Transport department) के अधिकारियों की अनदेखी के कारण सामान्य वाहनों को बिना आरटीओ की अनुमति के लिए फूड कैटरिंग वाहन में तब्दील करना संचालकों को भारी पड़ेगा. अब शहर में ऐसी गाड़ियों की चेकिंग होगी और बिना अनुमति के गाड़ियों के स्वरूप में परिवर्तन को लेकर आरटीओ के इनफोर्समेंट ऑफिसर्स कार्रवाई करेंगे. "ईटीवी भारत" की खबर के बाद अब विभाग जागा है और आरटीओ में रजिस्टर्ड फूड कैटरिंग गाड़ियों की सूची निकाली जा रही है. 'ईटीवी भारत' ने 30 दिसंबर को "वाहन को मनमाने तरीके से बना ली खान पान की दुकान, परिवहन विभाग (Transport department) के अधिकारी अनजान" शीर्षक से खबर प्रसारित की थी. इसके बाद अब परिवहन विभाग के अधिकारी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं.
आरटीओ कार्यालय में वाहन स्वामियों ने वाहन का रजिस्ट्रेशन बंद और खुली गाड़ी के रूप में कराया, लेकिन बाद में इन्हें मॉडिफाई कर खानपान की दुकान में तब्दील कर दिया. शहर में हर तरफ ऐसे फूड कैटरिंग वाहनों में खाने-पीने की दुकानें चलती हैं. ऐसे वाहन जिन्हें सामान ढोना था पर उन पर खानपान का सामान बेचा जा रहा है. शहर के कई क्षेत्रों में ऐसे वाहनों की भरमार है, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी ऐसे वाहनों पर कभी कार्रवाई ही नहीं करते हैं. इन गाड़ियों का खुले या बंद वाहन के रूप में रजिस्ट्रेशन के समय टैक्स तो लाइफटाइम जमा होता है, लेकिन हर साल फिटनेस करानी होती है, पर ये वाहन स्वामी कभी फिटनेस कराने ही नहीं जाते.
वाहन कटवाकर बना लेते हैं फूड वाहन : वाहन कटवाकर फूड कैटरिंग वाहनों में तब्दील करने के बाद इसमें किचन का पूरा सामान, गैस बर्नर, सिलेंडर, खड़े होने के लिए फुट रेस्ट बनाकर पूरी तरह से लैस कर दिया जाता है. अब इन फूड कैटरिंग वाहनों पर चाऊमीन, मोमोज, दाल, चावल, बाटी चोखा और नॉनवेज परोसा जा रहा है.
क्या कहते हैं एआरटीओ : इस बारे में एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि ऐसे वाहनों को आरटीओ कार्यालय में फूड कैटरिंग वैन रूप में दर्ज होना चाहिए. आरटीओ कार्यालय में कितने वाहन रजिस्टर्ड हैं, फिलहाल इसकी अभी जानकारी नहीं है, लेकिन सड़क पर ऐसे वाहनों में खाने का सामान बेचा जा रहा है जो रजिस्टर्ड नहीं है, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है. चिन्हित करने के बाद विशेष अभियान चलाकर इन सभी पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसा नहीं कि सभी वाहन अनरजिस्टर्ड हों. कई वाहन फूड कैटरिंग वैन के रूप में रजिस्टर्ड भी होंगे. सभी की सूची निकालकर विशेष तौर पर जांच होगी.