लखनऊ : एक तरफ उत्तर प्रदेश में सरकारी वाहनों को 31 मार्च तक हरहाल में स्क्रैप करना है तो दूसरी तरफ ऐसे निजी और व्यावसायिक वाहन स्वामी जिनके वाहन 10 से 15 साल पुराने हो चुके हैं उन्हें स्क्रैप कराने के लिए परिवहन विभाग आकर्षक प्लान तैयार कर रहा है. विभाग के इस प्लान से 10 से 15 साल पुराने वाहन स्वामी अपना वाहन स्क्रैप करने के लिए सहमत हो सकते हैं. विभाग की तरफ से प्रस्ताव पर मुहर लगाने के लिए शासन से सहमति मांगी गई है.
दरअसल, 10 साल पुराने कमर्शियल और 15 साल पुराने निजी वाहन भी प्रदूषण फैलाने के वाहक होते हैं. ऐसे में इन वाहनों को सड़क से हटाने के लिए परिवहन विभाग ने प्लान तैयार किया है. चूंकि अभी सिर्फ सरकारी वाहनों को ही स्क्रैप किया जाएगा, निजी और व्यवसायिक वाहनों के लिए यह नीति अभी लागू नहीं है, लेकिन परिवहन विभाग की मंशा है कि आकर्षक प्लान बनाकर वाहन स्वामियों को पुराने वाहन स्क्रैप कराने के लिए आकर्षित किया जाए. परिवहन विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके मुताबिक अगर 10 से 15 साल पुराने वाहन को वाहन स्वामी स्क्रैप कराएंगे तो उनका जितना भी टैक्स बकाया है, उसमें 50 फीसद से लेकर 75 फीसद तक की छूट दी जाएगी. इतना ही नहीं वाहन स्क्रैप करने पर नए वाहन की खरीद पर सात फीसद छूट भी देने की योजना है. निजी वाहनों पर जो ग्रीन टैक्स लगता है वह भी पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा. सीधे तौर पर इसका फायदा पुराने वाहन रखने वाले वाहन स्वामियों को मिलेगा.
निजी वाहन स्वामियों को फायदा : पुराने वाहन को स्क्रैप कराने वाले वाहन स्वामियों को इसका फायदा कितना हो सकता है, इसे ऐसे समझा जा सकता है. उदाहरण के तौर पर किसी वाहन की आयु 10 से 15 साल हो गई है और स्क्रैप में उसकी कीमत 100000 रुपए है. यह पैसे तो वाहन स्वामी को मिलेंगे ही इसके अलावा निजी वाहन स्वामी को इसका फायदा यह हो सकता है कि पुनः पंजीयन कराने पर जो 5000 रुपए कार की और 1000 रुपए मोटरसाइकिल की फीस लगती है, वह नहीं भरनी पड़ेगी. कुल टैक्स का 10 फीसद ग्रीन टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. सीधे तौर पर निजी वाहन स्वामी की बचत होगी. नया वाहन खरीदने जाते हैं तो ₹7000 जो 7 फीसद छूट का प्लान है उसके मुताबिक मिलेंगे तो सीधे तौर पर करीब ₹12000 का ऐसे फायदा होगा.
व्यावसायिक वाहन स्वामी को होगा बड़ा फायदा : निजी वाहन स्वामियों को भले अपना वाहन स्क्रैप कराने पर कम फायदा हो, लेकिन व्यवसायिक वाहन स्वामी को बड़ा फायदा हो सकता है. इसकी वजह है कि व्यवसायिक वाहन स्वामी टैक्स जमा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं. तमाम वाहन स्वामी टैक्स डिफाल्टर तक हो जाते हैं. ऐसे में उन पर विभाग का बड़ा बकाया होता है. अगर व्यवसायिक वाहन स्वामी अपना वाहन स्क्रैप कराते हैं तो 10 साल पुराना अगर वाहन है तो बकाया टैक्स में 50 फीसद छूट और 15 साल पुराना है तो 75 फीसद छूट मिलेगी. इसका सीधा सा मतलब है कि बड़ी राहत. व्यवसायिक वाहन स्वामी अपना वाहन स्क्रैप कराने के लिए विभाग के इस प्लान में दिलचस्पी दिखा सकते हैं.
इन मानकों पर खरा उतरने पर खुलेगा स्क्रैपिंग सुविधा केन्द्र (RVSF)
- RVSF में सभी प्रकार के वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए न्यूनतम दो एकड़ भूमि और एल श्रेणी के वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए न्यूनतम एक एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी.
- भूमि के लिए लीज एग्रीमेंट होने की स्थिति में लीज एग्रीमेंट की अवधि न्यूनतम तीन वर्ष होना अनिवार्य
है.
- स्वाप्रमाणित चरित्र प्रमाण-पत्र और केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार से किसी भी प्रकरण में ब्लैक लिस्टेड न होने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा.
- कार्यस्थल की भूमि का आरेन्ज श्रेणी में होने की प्रमाणिकता के लिए प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड से CONSENT OF ESTABLISH प्राप्त करना होगा.
- दस लाख रुपए की बैंक गारंटी व एक लाख का शुल्क परिवहन आयुक्त के नाम बैंक ऑफ बड़ौदा में खुले खाते में जमा करना होगा.
- स्क्रैपिंग कार्य के लिए विशेष 22 प्रकार के औजार/उपकरण होना अनिवार्य.
- आवेदक वचनबद्धता का नोटराइज्ड पत्र प्रस्तुत करे, जिसमें RVSF के लिए पंजीयन प्रमाण-पत्र प्राप्त होने की तिथि से एक वर्ष की अवधि में तीन प्रकार के पआईएसओ प्रमाण-पत्र, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से CONSENT TO OPERATE का प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा.
- मुख्य मार्ग से स्क्रैपिंग यार्ड के प्रवेश के लिए मार्ग (मैटेलिक) की चौड़ाई न्यूनतम सात मीटर होना जरूरी है.
- अपने स्क्रैपिंग यार्ड के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर भी कलेक्शन सेंटर स्थापित कर सकता है.
परिवहन विभाग मुख्यालय पर आरटीओ (आईटी) का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे संभागीय परिवहन अधिकारी प्रभात पांडेय ने बताया कि 'परिवहन विभाग की तरफ से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें पुराने निजी और व्यवसायिक वाहन स्वामियों को वाहन स्क्रैप के लिए आकर्षित करने का प्लान शामिल है. वाहन स्क्रैप कराने पर बकाए में छूट देने और नया वाहन खरीदने पर अतिरिक्त छूट की व्यवस्था है. शासन से मुहर लगने के बाद आगे की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.'
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