लखनऊ : उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बस टिकटिंग परियोजना के डाटाबेस को अज्ञात हैकर्स ने इनक्रिप्ट कर दिया है. इसके लिए परिवहन निगम की तरफ से गोमतीनगर स्थित साइबर थाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली को फिर से शुरू करने के लिए नये सर्वर स्थापित कर टेस्टिंग कार्य पूरा कर लिया गया है. इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली का थर्ड पार्टी कॉम्प्रेहेन्सिव सिक्योरिटी ऑडिट के सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद आगामी कुछ दिन में इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली पहले की तरह शुरू की जाएगी.
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की ओर से कहा गया है कि पिछले दो दिनों से सभी बसों का संचालन मैनुअल टिकट के माध्यम से कराते हुए यात्रियों को बिना किसी दिक्कत के बसें उपलब्ध हो रही हैं. क्षेत्रीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए राउंड दी क्लॉक मानीटरिंग किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. मैनुअल टिकटिंग व्यवस्था से प्रतिदिन के संचालन प्रतिफल और राजस्व संग्रह पहले की ही तरह हैं. सेवा प्रदाता संस्था मैसर्स ओरियन प्रो. को टिकटिंग परियोजना के अन्तर्गत अभी तक निगम की ओर से कोई भुगतान नहीं किया गया है. टिकटिंग प्रणाली में पैदा हुए सिक्योरिटी ब्रीच की वजह से सेवा प्रदाता को पांच जनवरी की गो-लाइव तिथि के मुताबिक अनुमन्य भुगतानों को रोकें जाने का फैसला लिया गया है. सेवा प्रदाता के सभी साफ्टवेयर अप्लीकेशन्स, वेब पोर्टल्स की साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के माध्यम से सिक्योरिटी टेस्टिंग का काम चल रहा है.
बता दें, रिवहन निगम का डाटा हैक करने वाले हैकर ने फिर से डाटा डिस्क्रिप्टेड करने के लिए ₹40 करोड़ की मांग की है. इतना ही नहीं धमकी भी दी है कि अगर दो दिन के अंदर भुगतान नहीं किया गया तो यह रकम दोगुनी कर दी जाएगी. यानी इसके बाद ₹80 करोड़ का भुगतान करना होगा. परिवहन निगम ने साइबर थाने में तहरीर दी है. अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
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परिवहन निगम का डाटा हैक मामले में सेवा प्रदाता कंपनी को भुगतान नहीं : परिवहन मंत्री
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बस टिकटिंग परियोजना के डाटाबेस को हैक करने के मामले में परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने सेवा प्रदाता कंपनी को भुगतान नहीं करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि मैनुअल टिकट के माध्यम से बसों का संचालन कराया जा रहा है.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बस टिकटिंग परियोजना के डाटाबेस को अज्ञात हैकर्स ने इनक्रिप्ट कर दिया है. इसके लिए परिवहन निगम की तरफ से गोमतीनगर स्थित साइबर थाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली को फिर से शुरू करने के लिए नये सर्वर स्थापित कर टेस्टिंग कार्य पूरा कर लिया गया है. इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली का थर्ड पार्टी कॉम्प्रेहेन्सिव सिक्योरिटी ऑडिट के सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद आगामी कुछ दिन में इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली पहले की तरह शुरू की जाएगी.
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की ओर से कहा गया है कि पिछले दो दिनों से सभी बसों का संचालन मैनुअल टिकट के माध्यम से कराते हुए यात्रियों को बिना किसी दिक्कत के बसें उपलब्ध हो रही हैं. क्षेत्रीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए राउंड दी क्लॉक मानीटरिंग किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. मैनुअल टिकटिंग व्यवस्था से प्रतिदिन के संचालन प्रतिफल और राजस्व संग्रह पहले की ही तरह हैं. सेवा प्रदाता संस्था मैसर्स ओरियन प्रो. को टिकटिंग परियोजना के अन्तर्गत अभी तक निगम की ओर से कोई भुगतान नहीं किया गया है. टिकटिंग प्रणाली में पैदा हुए सिक्योरिटी ब्रीच की वजह से सेवा प्रदाता को पांच जनवरी की गो-लाइव तिथि के मुताबिक अनुमन्य भुगतानों को रोकें जाने का फैसला लिया गया है. सेवा प्रदाता के सभी साफ्टवेयर अप्लीकेशन्स, वेब पोर्टल्स की साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के माध्यम से सिक्योरिटी टेस्टिंग का काम चल रहा है.
बता दें, रिवहन निगम का डाटा हैक करने वाले हैकर ने फिर से डाटा डिस्क्रिप्टेड करने के लिए ₹40 करोड़ की मांग की है. इतना ही नहीं धमकी भी दी है कि अगर दो दिन के अंदर भुगतान नहीं किया गया तो यह रकम दोगुनी कर दी जाएगी. यानी इसके बाद ₹80 करोड़ का भुगतान करना होगा. परिवहन निगम ने साइबर थाने में तहरीर दी है. अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
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