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आरएम के दो तरह के आदेश बने मुसीबत, अब 15 से कम सवारियां होने पर भी निरस्त नहीं होंगी रात की बसें - ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट

हाल ही में लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर (Regional Manager Manoj Kumar Pundir) ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत रात की बस सेवाओं में अगर एक भी यात्री का ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट है तो बस कैंसिल न की जाए. यात्रियों की ऐसी तमाम शिकायतें आ रही हैं कि जब रात की बस कैंसिल हो जाती है तो उनके पास यात्रा का कोई विकल्प नहीं बचता है और बहुत परेशानी होती है. ऐसे में अब क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा है कि रात्रिकालीन बस सवारियों के अभाव में भी कैंसिल न की जाए.

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Published : Nov 24, 2022, 2:42 PM IST

लखनऊ : एक तरफ परिवहन निगम प्रशासन की तरफ से यह आदेश जारी किया जा रहा है कि रात में चलने वाली बसों में अगर 15 से कम सवारियां हों तो किसी भी कीमत पर बस को रूट पर न भेजा जाए, क्योंकि अगर कम सवारियां होंगी तो परिवहन निगम को घाटा होगा, वहीं दूसरी तरफ यह भी आदेश जारी किया जा रहा है कि ज्यादातर ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि रात की अंतिम बस को कैंसिल कर दिया जाता है जिससे यात्रियों को दिक्कत होती है, किसी भी कीमत पर बस कैंसिल न की जाए. प्रशासन के दो तरह के आदेश अधीनस्थों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर रहे हैं.

हाल ही में लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर (Regional Manager Manoj Kumar Pundir) ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत रात की बस सेवाओं में अगर एक भी यात्री का ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट है तो बस कैंसिल न की जाए. यात्रियों की ऐसी तमाम शिकायतें आ रही हैं कि जब रात की बस कैंसिल हो जाती है तो उनके पास यात्रा का कोई विकल्प नहीं बचता है और बहुत परेशानी होती है. ऐसे में अब क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा है कि रात्रिकालीन बस सवारियों के अभाव में भी कैंसिल न की जाए. कैसरबाग और आलमबाग बस स्टेशन से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं. क्षेत्रीय प्रबंधक को यह भी समस्या है कि रात में यात्री सीधे उन्हें फोन कर देते हैं यह ठीक नहीं है. एआरएम और केंद्र प्रभारी अपने स्तर से यात्रियों की शिकायत का समाधान करें. बस स्टेशनों पर एआरएम और केंद्र प्रभारी का नंबर साफ-साफ दर्ज होना चाहिए. क्षेत्रीय प्रबंधक ने साफ तौर पर आदेश जारी कर दिया है कि अब रात्रि कालीन बस सेवाएं निरस्त न की जाएं. बसें कैंसिल होने से यात्रियों को दिक्कत होती है और परिवहन निगम की छवि भी धूमिल होती है. यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

लखनऊ के आरएम के आदेश के बाद अधीनस्थ अधिकारियों का कहना है कि 15 से कम सवारियां होने पर लोड फैक्टर नहीं आता है, जिससे परिवहन निगम को नुकसान होता है. इसी आधार पर रात की सेवाओं को कम सवारियां होने पर निरस्त करने के आदेश हैं. समीक्षा में ओवरआल डिपो का लोड फैक्टर देखा जाता है. अगर रात में बस में 15 से कम सवारी होने पर भी उसे रूट पर भेजा जाता है तो लोड फैक्टर नहीं आएगा और डिपो के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, जो सही नहीं है. अधीनस्थ अधिकारियों का कहना है कि रात्रिकालीन सेवाओं को 15 यात्रियों से कम होने पर भी रूट पर भेजने के आदेश हैं तो लोड फैक्टर कम आने पर भी समीक्षा में शामिल न किया जाए.

आरएम, लखनऊ, मनोज कुमार पुंडीर (Regional Manager Manoj Kumar Pundir) ने कहा कि परिवहन निगम की छवि के लिए जरूरी है कि यात्रियों की कोई शिकायत न हो. उन्हें सुविधा दी जाए, इसीलिए अब रात्रिकालीन सेवाओं को निरस्त नहीं करने का फैसला लिया गया है. बस स्टेशन पर और बाहर से सवारियां उठाने पर कोई घाटा नहीं होगा. यात्री मिल ही जाते हैं. परिचालक ऑनलाइन बसों में भी ऑफलाइन यात्रियों को बिठाकर ले जाएंगे तो घाटे की संभावना नहीं बचेगी.


यह भी पढ़ें : निकाय चुनाव में 18 दलों को निर्वाचन आयोग की मान्यता, अपना दल, निषाद पार्टी व सुभासपा नदारद

लखनऊ : एक तरफ परिवहन निगम प्रशासन की तरफ से यह आदेश जारी किया जा रहा है कि रात में चलने वाली बसों में अगर 15 से कम सवारियां हों तो किसी भी कीमत पर बस को रूट पर न भेजा जाए, क्योंकि अगर कम सवारियां होंगी तो परिवहन निगम को घाटा होगा, वहीं दूसरी तरफ यह भी आदेश जारी किया जा रहा है कि ज्यादातर ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि रात की अंतिम बस को कैंसिल कर दिया जाता है जिससे यात्रियों को दिक्कत होती है, किसी भी कीमत पर बस कैंसिल न की जाए. प्रशासन के दो तरह के आदेश अधीनस्थों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर रहे हैं.

हाल ही में लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर (Regional Manager Manoj Kumar Pundir) ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत रात की बस सेवाओं में अगर एक भी यात्री का ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट है तो बस कैंसिल न की जाए. यात्रियों की ऐसी तमाम शिकायतें आ रही हैं कि जब रात की बस कैंसिल हो जाती है तो उनके पास यात्रा का कोई विकल्प नहीं बचता है और बहुत परेशानी होती है. ऐसे में अब क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा है कि रात्रिकालीन बस सवारियों के अभाव में भी कैंसिल न की जाए. कैसरबाग और आलमबाग बस स्टेशन से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं. क्षेत्रीय प्रबंधक को यह भी समस्या है कि रात में यात्री सीधे उन्हें फोन कर देते हैं यह ठीक नहीं है. एआरएम और केंद्र प्रभारी अपने स्तर से यात्रियों की शिकायत का समाधान करें. बस स्टेशनों पर एआरएम और केंद्र प्रभारी का नंबर साफ-साफ दर्ज होना चाहिए. क्षेत्रीय प्रबंधक ने साफ तौर पर आदेश जारी कर दिया है कि अब रात्रि कालीन बस सेवाएं निरस्त न की जाएं. बसें कैंसिल होने से यात्रियों को दिक्कत होती है और परिवहन निगम की छवि भी धूमिल होती है. यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

लखनऊ के आरएम के आदेश के बाद अधीनस्थ अधिकारियों का कहना है कि 15 से कम सवारियां होने पर लोड फैक्टर नहीं आता है, जिससे परिवहन निगम को नुकसान होता है. इसी आधार पर रात की सेवाओं को कम सवारियां होने पर निरस्त करने के आदेश हैं. समीक्षा में ओवरआल डिपो का लोड फैक्टर देखा जाता है. अगर रात में बस में 15 से कम सवारी होने पर भी उसे रूट पर भेजा जाता है तो लोड फैक्टर नहीं आएगा और डिपो के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, जो सही नहीं है. अधीनस्थ अधिकारियों का कहना है कि रात्रिकालीन सेवाओं को 15 यात्रियों से कम होने पर भी रूट पर भेजने के आदेश हैं तो लोड फैक्टर कम आने पर भी समीक्षा में शामिल न किया जाए.

आरएम, लखनऊ, मनोज कुमार पुंडीर (Regional Manager Manoj Kumar Pundir) ने कहा कि परिवहन निगम की छवि के लिए जरूरी है कि यात्रियों की कोई शिकायत न हो. उन्हें सुविधा दी जाए, इसीलिए अब रात्रिकालीन सेवाओं को निरस्त नहीं करने का फैसला लिया गया है. बस स्टेशन पर और बाहर से सवारियां उठाने पर कोई घाटा नहीं होगा. यात्री मिल ही जाते हैं. परिचालक ऑनलाइन बसों में भी ऑफलाइन यात्रियों को बिठाकर ले जाएंगे तो घाटे की संभावना नहीं बचेगी.


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