लखनऊ : वाहनों में अनिवार्य हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगवाने की प्रक्रिया कछुए की चाल चल रही है. अभी तक करीब 18 प्रतिशत निजी और 30 फीसदी व्यावसायिक वाहनों में ही एचएसआरपी लग पाई है, जबकि निर्धारित अंतिम तिथि को बीते कई माह हो चुके हैं. अब परिवहन आयुक्त ने सभी जिलों के परिवहन अधिकारियों को इस मामले पर सुस्ती जताने पर नाराजगी जताई है. एचएसआरपी के बिना दौड़ रहे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए गठित टास्क फोर्स को सघन अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं.
परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल 2019 के पहले के पंजीकृत व्यावसायिक वाहन करीब 15 लाख 41 हजार 307 हैं. इनमें से अभी तक चार लाख 74 हजार 800 वाहनों में ही हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगी है. ये संख्या कुल वाहनों की 30.81 फीसदी ही है. निजी वाहनों की बात करें तो प्रदेश में इनकी पंजीकृत संख्या दो करोड़ 92 लाख तीन हजार 748 है. इनमें से सिर्फ 54 लाख 58 हजार 51 वाहनों में ही एचएसआरपी लग पाई है. ये भी सिर्फ 18.69 प्रतिशत ही है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि साफ दर्शा रहा है कि एचएसआरपी के प्रति अधिकारी उदासीन है. 15 फरवरी 2022 को ही एचएसआरपी लगवाने की अंतिम तिथि समाप्त हो गई थी. इसके बाद भी 70 से 80 फीसद वाहन सड़कों पर बिना एचएसआरपी के संचालित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है. बगैर एचएसआरपी के वाहन टोल प्लाजा पर वे-इन मोशन की कार्रवाई से बच रही हैं और आपराधिक घटनाओं को भी अंजाम दे सकती हैं. ऐसे में इस गंभीर प्रकरण में जिलों में गठित टास्क फोर्स को अपनी कार्रवाई को और तेज करना होगा.
परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने 'परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ ही पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारियों को सघन चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.'
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करीब 70 फीसदी वाहनों में अब तक नहीं लग पाई एचएसआरपी, परिवहन आयुक्त ने जताई नाराजगी - सघन अभियान चलाने के निर्देश
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगवाने की प्रक्रिया को लेकर परिवहन आयुक्त ने नाराजगी जताई है. इसको लेकर उन्होंने टास्क फोर्स को सघन अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं.
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लखनऊ : वाहनों में अनिवार्य हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगवाने की प्रक्रिया कछुए की चाल चल रही है. अभी तक करीब 18 प्रतिशत निजी और 30 फीसदी व्यावसायिक वाहनों में ही एचएसआरपी लग पाई है, जबकि निर्धारित अंतिम तिथि को बीते कई माह हो चुके हैं. अब परिवहन आयुक्त ने सभी जिलों के परिवहन अधिकारियों को इस मामले पर सुस्ती जताने पर नाराजगी जताई है. एचएसआरपी के बिना दौड़ रहे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए गठित टास्क फोर्स को सघन अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं.
परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल 2019 के पहले के पंजीकृत व्यावसायिक वाहन करीब 15 लाख 41 हजार 307 हैं. इनमें से अभी तक चार लाख 74 हजार 800 वाहनों में ही हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगी है. ये संख्या कुल वाहनों की 30.81 फीसदी ही है. निजी वाहनों की बात करें तो प्रदेश में इनकी पंजीकृत संख्या दो करोड़ 92 लाख तीन हजार 748 है. इनमें से सिर्फ 54 लाख 58 हजार 51 वाहनों में ही एचएसआरपी लग पाई है. ये भी सिर्फ 18.69 प्रतिशत ही है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि साफ दर्शा रहा है कि एचएसआरपी के प्रति अधिकारी उदासीन है. 15 फरवरी 2022 को ही एचएसआरपी लगवाने की अंतिम तिथि समाप्त हो गई थी. इसके बाद भी 70 से 80 फीसद वाहन सड़कों पर बिना एचएसआरपी के संचालित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है. बगैर एचएसआरपी के वाहन टोल प्लाजा पर वे-इन मोशन की कार्रवाई से बच रही हैं और आपराधिक घटनाओं को भी अंजाम दे सकती हैं. ऐसे में इस गंभीर प्रकरण में जिलों में गठित टास्क फोर्स को अपनी कार्रवाई को और तेज करना होगा.
परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने 'परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ ही पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारियों को सघन चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.'
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