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यूपी में अब सीएम की मंजूरी मिलने के बाद ही हो सकेगा अधिकारियों के तबादला - officers transfer policy in UP

चीफ सेक्रेटरी दुर्गाशंकर मिश्र
चीफ सेक्रेटरी दुर्गाशंकर मिश्र
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Published : Aug 16, 2022, 2:24 PM IST

Updated : Aug 16, 2022, 3:08 PM IST

14:19 August 16

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में स्थानांतरण नीति समाप्त होने के बाद राज्य सरकार के अधीन तमाम विभागों, निगमों में कार्यरत कर्मचारियों के ट्रांसफर सीएम के अनुमोदन से ही कराए जा सकेंगे. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने मंगलवार को शासनादेश जारी किया है. जारी आदेश में कहा गया है कि उच्च स्तर पर लिए गए निर्णय के क्रम में स्थानांतरण नीति 2022 के समाप्त होने के बाद अब समूह क, ख, ग व समूह घ के सभी प्रकार के कर्मचारियों के स्थानांतरण मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही कराए जा सकेंगे.

चीफ सेक्रेटरी ने जारी शासनादेश
चीफ सेक्रेटरी दुर्गाशंकर मिश्र ने सभी विभागाध्यक्ष, कमिश्नर, जिलाधिकारियों को यह शासनादेश भेजकर निर्देशित किया है. खास बात यह है कि अब अत्यंत आवश्यक होने पर ही कर्मचारियों के ट्रांसफर की पत्रावली आगे बढ़ाई जाएगी और सीएम के अनुमोदन के पश्चात ही स्थानांतरण हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जून महीने में सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर स्थानांतरण नीति 2022 लागू की थी.

कैबिनेट से इसकी मंजूरी दी गई थी, 30 जून तक सभी विभागों में कर्मचारियों की ट्रांसफर किए गए. कुछ विभागों में विवाद के कारण ट्रांसफर देर तक होते रहे तो कई विभागों में जुलाई महीने में भी खूब ट्रांसफर किए गए. जिसको लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर भी सवाल खड़े हुए. वहीं इस बात का संज्ञान जब मुख्यमंत्री कार्यालय को हुआ. स्थानांतरण नीति समाप्त होने के बाद किसी का भी ट्रांसफर ना किए जाने के संबंध में चीफ सेक्रेटरी ने शासनादेश जारी किया है.

इसे पढ़ें- योगी कैबिनेट की बैठक में 16 प्रस्ताव पास, नई डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पॉलिसी मंजूर

14:19 August 16

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में स्थानांतरण नीति समाप्त होने के बाद राज्य सरकार के अधीन तमाम विभागों, निगमों में कार्यरत कर्मचारियों के ट्रांसफर सीएम के अनुमोदन से ही कराए जा सकेंगे. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने मंगलवार को शासनादेश जारी किया है. जारी आदेश में कहा गया है कि उच्च स्तर पर लिए गए निर्णय के क्रम में स्थानांतरण नीति 2022 के समाप्त होने के बाद अब समूह क, ख, ग व समूह घ के सभी प्रकार के कर्मचारियों के स्थानांतरण मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही कराए जा सकेंगे.

चीफ सेक्रेटरी ने जारी शासनादेश
चीफ सेक्रेटरी दुर्गाशंकर मिश्र ने सभी विभागाध्यक्ष, कमिश्नर, जिलाधिकारियों को यह शासनादेश भेजकर निर्देशित किया है. खास बात यह है कि अब अत्यंत आवश्यक होने पर ही कर्मचारियों के ट्रांसफर की पत्रावली आगे बढ़ाई जाएगी और सीएम के अनुमोदन के पश्चात ही स्थानांतरण हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जून महीने में सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर स्थानांतरण नीति 2022 लागू की थी.

कैबिनेट से इसकी मंजूरी दी गई थी, 30 जून तक सभी विभागों में कर्मचारियों की ट्रांसफर किए गए. कुछ विभागों में विवाद के कारण ट्रांसफर देर तक होते रहे तो कई विभागों में जुलाई महीने में भी खूब ट्रांसफर किए गए. जिसको लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर भी सवाल खड़े हुए. वहीं इस बात का संज्ञान जब मुख्यमंत्री कार्यालय को हुआ. स्थानांतरण नीति समाप्त होने के बाद किसी का भी ट्रांसफर ना किए जाने के संबंध में चीफ सेक्रेटरी ने शासनादेश जारी किया है.

इसे पढ़ें- योगी कैबिनेट की बैठक में 16 प्रस्ताव पास, नई डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पॉलिसी मंजूर

Last Updated : Aug 16, 2022, 3:08 PM IST
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