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Watch Video : पॉलिटेक्निक में कॉपियों के मूल्यांकन में हो रहा पैसों का लेनदेन, वीडियो वायरल

पॉलिटेक्निक की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में फेल छात्रों को पास करने के लिए पैसे मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पैसों के लिए छात्र को विडियो कॉल कर कॉपी दिखाई गई थी. फिर क्यूआर कोड भेज नंबर बढ़ाने के लिए पैसे मांगे गए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 7, 2023, 6:40 PM IST

कॉपियों के मूल्यांकन में हो रहा पैसों का लेनदेन
कॉपियों के मूल्यांकन में हो रहा पैसों का लेनदेन
कॉपियों के मूल्यांकन में हो रहा पैसों का लेनदेन

लखनऊ: पॉलिटेक्निक की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में छात्रों से रुपये लेकर नंबर बढ़ाने का मामला सामने आया है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद विभाग की ओर से इस पूरे मामले पर जांच बैठा दी गई है. वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा कि मूल्यांकन केंद्र से छात्र को फोन कर उसकी कॉपी दिखाई जा रही है. इसमें परीक्षक छात्र को फेल बताकर नंबर बढ़ाने के लिए पैसों की मांग कर रहा है.

पॉलिटेक्निक प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पॉलिटेक्निक में डीफार्मा विषय की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य चल रहा है. इसी विषय के कॉपियों के मूल्यांकन में पैसों का लेनदेन का मामला सामने आया है. प्राविधिक शिक्षा परिषद सचिव अजित कुमार मिश्रा ने बताया कि वायरल वीडियो का मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच शुरू कर दी गई है, कॉपी कहां जांची गई और किस परीक्षक ने जांची है. इसकी जांच के बाद परीक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.

उत्तर पुस्तिकाओं के बीच में लिख देते हैं मोबाइल नंबर: वायरल वीडियो 3 सितंबर का बताया जा रहा है. वीडियो में कॉपी की जांच कर रहे परीक्षक ने खुद एक छात्र के मोबाइल नंबर पर फोन कर ₹1500 की मांग की है. इतना ही नहीं इसके लिए परीक्षक की ओर से छात्र को क्यूआर कोड भी भेजा गया है. पॉलिटेक्निक के अधिकारियों ने बताया कि डीफार्मा की वार्षिक परीक्षाएं 12 से 20 जुलाई तक आयोजित हुई थीं. 18 जुलाई को बायोकेमेस्ट्री का पेपर हुआ था, वायरल विडियो के मुताबिक, बायोकेमेस्ट्री के परीक्षक ने कॉपी में मोबाइल नंबर लिखने वाले एक छात्र को विडियो कॉल किया.

उसने विडियो कॉल पर पूरी कॉपी दिखाई, फिर बताया कि उसे 80 में सिर्फ 20 नंबर मिले हैं. इसके बाद पास करने के लिए पैसे लेने के लिए क्यूआर कोड भेजा. परीक्षक ने वॉट्सएप पर बात करते हुए 1500 रुपये में बात तय हो जाती है. प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं में नंबर बढ़ाने के लिए छात्र कॉपियों के बीच में अपना मोबाइल नंबर लिख देते हैं. जिससे परीक्षक उन्हें फोन कर पास करने के एवज में पैसे की मांग करें.

मोबाइल नंबर लिखे मिलने पर फेल करने के निर्देश: पॉलिटेक्निक में पहले भी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान पास करने के लिए पैसों के लेनदेन के मामले सामने आते रहे हैं. पहले छात्र उत्तर पुस्तिकाओं में नोट नत्थी कर देते थे. इसके बाद कई साल तक कॉपियों के आखिर में मोबाइल नंबर लिखने के मामले सामने आए. इन नंबरों पर फर्जी परीक्षकों की कॉल आनी शुरू हुई तो पैंतरा बदल गया. इसके बाद मोबाइल नंबर के साथ एक कोड लिखा जाने लगा. छात्र को फोन कर कोड बताने के बाद ही पुष्टि होती है कि छात्र की कॉपी फोन करने वाले परीक्षक के पास है.

सचिव अजित कुमार मिश्र ने बताया कि ऐसे छात्रों की कॉपी सील कर उन्हें फेल करने का साफ निर्देश है. लेकिन कई परीक्षक इसका गलत लग उठा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं में छात्रों के सिर्फ रोल नंबर भरे जाते हैं. ताकि परीक्षक को यह पता न चले कि कॉपी किस संस्थान और किस छात्र की है. इसके साथ एक जोन की कॉपी मूल्यांकन के लिए दूसरे जोन भेजी जाती है. इसके बावजूद कॉपी में मोबाइल नंबर लिखने वाले छात्रों को परीक्षक खुद कॉल कर रहे हैं.

यह भी पढे़ं:प्रदेश में दो लाख से अधिक छात्र दे सकेंगे छात्रवृत्ति योजना परीक्षा

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कॉपियों के मूल्यांकन में हो रहा पैसों का लेनदेन

लखनऊ: पॉलिटेक्निक की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में छात्रों से रुपये लेकर नंबर बढ़ाने का मामला सामने आया है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद विभाग की ओर से इस पूरे मामले पर जांच बैठा दी गई है. वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा कि मूल्यांकन केंद्र से छात्र को फोन कर उसकी कॉपी दिखाई जा रही है. इसमें परीक्षक छात्र को फेल बताकर नंबर बढ़ाने के लिए पैसों की मांग कर रहा है.

पॉलिटेक्निक प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पॉलिटेक्निक में डीफार्मा विषय की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य चल रहा है. इसी विषय के कॉपियों के मूल्यांकन में पैसों का लेनदेन का मामला सामने आया है. प्राविधिक शिक्षा परिषद सचिव अजित कुमार मिश्रा ने बताया कि वायरल वीडियो का मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच शुरू कर दी गई है, कॉपी कहां जांची गई और किस परीक्षक ने जांची है. इसकी जांच के बाद परीक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.

उत्तर पुस्तिकाओं के बीच में लिख देते हैं मोबाइल नंबर: वायरल वीडियो 3 सितंबर का बताया जा रहा है. वीडियो में कॉपी की जांच कर रहे परीक्षक ने खुद एक छात्र के मोबाइल नंबर पर फोन कर ₹1500 की मांग की है. इतना ही नहीं इसके लिए परीक्षक की ओर से छात्र को क्यूआर कोड भी भेजा गया है. पॉलिटेक्निक के अधिकारियों ने बताया कि डीफार्मा की वार्षिक परीक्षाएं 12 से 20 जुलाई तक आयोजित हुई थीं. 18 जुलाई को बायोकेमेस्ट्री का पेपर हुआ था, वायरल विडियो के मुताबिक, बायोकेमेस्ट्री के परीक्षक ने कॉपी में मोबाइल नंबर लिखने वाले एक छात्र को विडियो कॉल किया.

उसने विडियो कॉल पर पूरी कॉपी दिखाई, फिर बताया कि उसे 80 में सिर्फ 20 नंबर मिले हैं. इसके बाद पास करने के लिए पैसे लेने के लिए क्यूआर कोड भेजा. परीक्षक ने वॉट्सएप पर बात करते हुए 1500 रुपये में बात तय हो जाती है. प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं में नंबर बढ़ाने के लिए छात्र कॉपियों के बीच में अपना मोबाइल नंबर लिख देते हैं. जिससे परीक्षक उन्हें फोन कर पास करने के एवज में पैसे की मांग करें.

मोबाइल नंबर लिखे मिलने पर फेल करने के निर्देश: पॉलिटेक्निक में पहले भी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान पास करने के लिए पैसों के लेनदेन के मामले सामने आते रहे हैं. पहले छात्र उत्तर पुस्तिकाओं में नोट नत्थी कर देते थे. इसके बाद कई साल तक कॉपियों के आखिर में मोबाइल नंबर लिखने के मामले सामने आए. इन नंबरों पर फर्जी परीक्षकों की कॉल आनी शुरू हुई तो पैंतरा बदल गया. इसके बाद मोबाइल नंबर के साथ एक कोड लिखा जाने लगा. छात्र को फोन कर कोड बताने के बाद ही पुष्टि होती है कि छात्र की कॉपी फोन करने वाले परीक्षक के पास है.

सचिव अजित कुमार मिश्र ने बताया कि ऐसे छात्रों की कॉपी सील कर उन्हें फेल करने का साफ निर्देश है. लेकिन कई परीक्षक इसका गलत लग उठा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं में छात्रों के सिर्फ रोल नंबर भरे जाते हैं. ताकि परीक्षक को यह पता न चले कि कॉपी किस संस्थान और किस छात्र की है. इसके साथ एक जोन की कॉपी मूल्यांकन के लिए दूसरे जोन भेजी जाती है. इसके बावजूद कॉपी में मोबाइल नंबर लिखने वाले छात्रों को परीक्षक खुद कॉल कर रहे हैं.

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