लखनऊ: सातवें आर्थिक सर्वेक्षण के सेकंड लेवल प्रशिक्षण का कार्यक्रम सोमवार को लखनऊ में आयोजित किया गया. इस दौरान प्रदेश भर के जिलों से आए स्टैटिसटिकल ऑफिसर्स ने भाग लिया और गणना की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया. मुख्य अतिथि के रूप में नेशनल स्टैटिसटिकल ऑफिस की असिस्टेंट डायरेक्टर पंखुड़ी शुक्ला मौजूद रहीं. वहीं अन्य सांख्यिकी के उच्चाधिकारी भी मौजूद रहे.
यह कार्यक्रम सातवीं आर्थिक गणना का है, जिसमें उद्यमों की गणना की जाएगी. डाटा क्वालिटी को अपडेट रखने के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. डाटा क्वालिटी को सुनिश्चित करने के लिए सातवें आर्थिक गणना में उत्तर प्रदेश के गवर्नमेंट ऑफिसर और एनएसओ मौजूद रहे, जिन्हें सेकंड लेवल सुपरवाइजरी का प्रशिक्षण दिया गया.
डाटा कलेक्शन एक प्राइमरी वर्कर द्वारा किया जाता है, जिसके बाद उसका सुपरविजन फर्स्ट लेवल ऑफिसर के द्वारा किया जाता है. फर्स्ट लेवल सुपरविजन के बाद जो सेकंड लेवल सुपरविजन का काम है, वह हमारे ऑफिसर करेंगे. इस तरह से डाटा क्वालिटी को सुनिश्चित किया गया. लखनऊ में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के तीन अन्य जनपदों आगरा, प्रयागराज और बरेली में भी इसका आयोजन किया जाएगा.
उद्योग लगातार घाटे में जा रहे हैं, जिनके बारे में सहायक निदेशक एनएसओ का कहना है कि ऐसे उद्यमों की स्थिति को जानने के लिए ही हर 5 साल में आर्थिक सर्वेक्षण किया जाता है, जिससे उनकी वास्तविक स्थिति से केंद्र और राज्य सरकार को अवगत कराया जा सके.
सहायक निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि-
सरकार द्वारा स्मॉल और मीडियम स्केल इंडस्ट्रीज के लिए कई नीतियां बनाई गई हैं ताकि उनका उत्थान हो सके. यह नीतियां सर्वेक्षण के द्वारा प्राप्त आंकड़ों के द्वारा ही बनाया जाना संभव हुआ है, इसीलिए आर्थिक सर्वेक्षण का किया जाना बहुत ही महत्वपूर्ण है.