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कोरोना वायरस के लिए सिविल अस्पताल में डॉक्टरों को दी गई ट्रेनिंग - training given to doctors in civil hospital for corona virus

राजधानी लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी है. सिविल हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉ. आशुतोष ने बताया कि यह वायरस मनुष्य के अंदर एक्सीडेंटली और प्रदूषण में ड्रॉपलेट की वजह से आता है. इस तरह के मरीजों को ट्रांसलोड किया जाता है.

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डॉ. आशुतोष सिविल हॉस्पिटल इंचार्ज
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Published : Jan 31, 2020, 12:00 AM IST

लखनऊ: राजधानी के सिविल हॉस्पिटल में कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी है. इस वायरस को लेकर एयरपोर्ट और सभी हॉस्पिटलों में अलर्ट जारी है. इसी को देखते हुए सिविल हॉस्पिटल में 30 बेड का वार्ड बनाया गया है, जिसमें महिलाएं, पुरुषों और बच्चों के लिए अलग-अलग वार्डों की सुविधा की गई है.

कोरोना वायरस के लिए सिविल अस्पताल में डॉक्टरों को दी गई ट्रेनिंग.

वायरस से संबंधित जो भी स्टॉफ को दी गई है ट्रेनिंग
इस वायरस से संबंधित जो भी स्टॉफ है उसको ट्रेनिंग दी गई है और जरूरी दवाएं मास्क सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा ली गई है. यदि किसी भी व्यक्ति को इस तरह की बीमारी से ग्रसित पाए जाए तो उसका तत्काल रुप से इलाज संभव हो सके.

यह वायरस मनुष्य के अंदर एक्सीडेंटली की वजह से आता है
सिविल हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉ. आशुतोष ने बताया कि यह वायरस मनुष्य के अंदर एक्सीडेंटली और प्रदूषण में ड्रॉपलेट की वजह से आता है. इस तरह के मरीजों को ट्रांसलोड किया जाता है और आइसोलेट किया जाता है. ऐसे मरीजों का इलाज एकांत में रखकर किया जाता है. इन मरीजों से हाथ नहीं मिलाना चाहिए इन मरीजों के वस्त्र विस्तर बर्तन जूठा पानी खाद्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए. मरीज के साथ-साथ जो भी तीमारदार साथ में रहे उसे भी मास्क लगाकर रहना चाहिए.

मरीजों को क्रिटिकल कंडीशन में रखकर इनका बेहतर ढंग से इलाज किया जाता है, जिससे यह जल्द से जल्द ठीक हो सके. यह जानकारी डॉ. आशुतोष सिविल हॉस्पिटल इंचार्ज ने मीडिया से बात करते हुए दी.

इसे पढ़ें:- राजधानी लखनऊ में स्वाइन फ्लू से युवक की मौत

लखनऊ: राजधानी के सिविल हॉस्पिटल में कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी है. इस वायरस को लेकर एयरपोर्ट और सभी हॉस्पिटलों में अलर्ट जारी है. इसी को देखते हुए सिविल हॉस्पिटल में 30 बेड का वार्ड बनाया गया है, जिसमें महिलाएं, पुरुषों और बच्चों के लिए अलग-अलग वार्डों की सुविधा की गई है.

कोरोना वायरस के लिए सिविल अस्पताल में डॉक्टरों को दी गई ट्रेनिंग.

वायरस से संबंधित जो भी स्टॉफ को दी गई है ट्रेनिंग
इस वायरस से संबंधित जो भी स्टॉफ है उसको ट्रेनिंग दी गई है और जरूरी दवाएं मास्क सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा ली गई है. यदि किसी भी व्यक्ति को इस तरह की बीमारी से ग्रसित पाए जाए तो उसका तत्काल रुप से इलाज संभव हो सके.

यह वायरस मनुष्य के अंदर एक्सीडेंटली की वजह से आता है
सिविल हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉ. आशुतोष ने बताया कि यह वायरस मनुष्य के अंदर एक्सीडेंटली और प्रदूषण में ड्रॉपलेट की वजह से आता है. इस तरह के मरीजों को ट्रांसलोड किया जाता है और आइसोलेट किया जाता है. ऐसे मरीजों का इलाज एकांत में रखकर किया जाता है. इन मरीजों से हाथ नहीं मिलाना चाहिए इन मरीजों के वस्त्र विस्तर बर्तन जूठा पानी खाद्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए. मरीज के साथ-साथ जो भी तीमारदार साथ में रहे उसे भी मास्क लगाकर रहना चाहिए.

मरीजों को क्रिटिकल कंडीशन में रखकर इनका बेहतर ढंग से इलाज किया जाता है, जिससे यह जल्द से जल्द ठीक हो सके. यह जानकारी डॉ. आशुतोष सिविल हॉस्पिटल इंचार्ज ने मीडिया से बात करते हुए दी.

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Intro:राजधानी लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में क्रॉना वायरस को लेकर अलर्ट जारी है जहां इस वायरस को लेकर एयरपोर्ट से लेकर सभी हॉस्पिटल में अलर्ट जारी हुआ है इसी को देखते हुए सिविल हॉस्पिटल में 30 बेड का वार्ड बनाया गया है जिसमें महिलाएं पुरुष और बच्चों के लिए अलग-अलग वार्डो की सुविधा की गई है इस वायरस से संबंधित जो भी स्टाफ है उसको ट्रेनिंग दी गई है और जरूरी दवाएं मास्क सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा ली गई है जिससे यदि किसी भी व्यक्ति को इस तरह की बीमारी से ग्रसित पाए जाए तो उसका तत्काल रुप से इलाज संभव हो सके




Body:सिविल हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉ आशुतोष ने बताया कि यह वायरस मनुष्य के अंदर एक्सीडेंटली और प्रदूषण में ड्रॉपलेट की वजह से आता है इस तरह के मरीजों को ट्रांसलोड किया जाता है और आइसोलेट किया जाता है ऐसे मरीजों का इलाज एकांत में रखकर किया जाता है इन मरीजों से हाथ नहीं मिलाना चाहिए इन मरीजों के वस्त्र विस्तर बर्तन जूठा पानी खाद्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए और मरीज के साथ साथ जो भी तीमारदार साथ में रहे उसे भी मास्क लगाकर रहना चाहिए जिससे इस बीमारी से बचा जा सके


Conclusion:ऐसे मरीजों को सार्वजनिक स्थल पर जाने से रोकना चाहिए इन मरीजों के इलाज के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक दवाएं दी जाती हैं ऐसी कंडीशन के मरीजों को क्रिटिकल कंडीशन में रखकर इनका बेहतर ढंग से इलाज किया जाता है जिससे यह जल्द से जल्द ठीक हो सके यह जानकारी डॉ आशुतोष सिविल हॉस्पिटल इंचार्ज ने मीडिया से बात करते हुए दिया इस जानकारी के द्वारा इस वायरस से सफलतापूर्वक बचाव किया जा सकता है

वाइट डॉ आशुतोष सिविल हॉस्पिटल इंचार्ज
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