लखनऊ : 108 साल पुराना पक्का पुल, भारी वाहनों के लिए बंद हो चुका है. ऐसे में चौथाई शहर को जाम का सामना करना पड़ रहा है. 2010 में यहां पर एक नया पुल बनाने का प्रस्ताव बना था, मगर किन्हीं वजहों से इसका निर्माण रोक दिया गया था. दूसरा पुल कुछ दूरी पर बनाया गया. अभी चौड़े पुल को बनाने की दरकार है. अब केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान की सिफारिशों पर हाईकोर्ट में पीडब्ल्यूडी ने जो प्रस्ताव रखा है उसमें चार लेन का पुल बनाने की बात कही गई है. स्थानीय लोग इस रिपोर्ट का स्वागत कर रहे हैं और उनका कहना है कि निश्चित तौर पर पक्के पुल को एक धरोहर की तरह संरक्षित करके यहां पर अब एक नया पुल बनना चाहिए.
लखनऊ का ऐतिहासिक पक्का (108 years old historical pucca bridge) पुल अब दिन पर दिन जर्जर होता जा रहा है. पीडब्ल्यूडी ने केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान की सिफारिश पर इस पुल को अब बड़े वाहनों के लिए अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है. इसको बंद करने के बाद केवल छोटे वाहन यहां चल रहे हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट रखी गई है, जिसमें कहा गया है कि यहां पर एक चार लेन का नया पुल बनाया जाए, तब इस क्षेत्र को जाम से राहत मिल सकेगी. इसके बाद में स्थानीय लोग इस फैसले के साथ खड़े हैं और उनको वह वक्त याद आ रहा है, जब 10 साल पहले यहां एक नया पुल बनना था, मगर विरोध के चलते उस पुल को यहां पर थोड़ी दूरी पर बनाया गया था. जिसकी वजह से एक ओर तो करोड़ों रुपए खर्च हुए थे, वहीं दूसरी ओर पुल इतना उपयोगी नहीं हो सका. जिसकी वजह से अब एक बार फिर करीब ₹50 करोड़ खर्च करके नया पुल बनाना होगा.
इस मुद्दे पर स्थानीय नागरिक ऋद्धि किशोर गौड़ का कहना है कि 'निश्चित तौर पर 2010 में ही यहां पर एक नए पुल का निर्माण शुरू हो जाना था, मगर तब राजनीति इच्छाशक्ति की कमी और लोगों के हस्तक्षेप ने यहां विवाद को जन्म दिया था, जो पुल बनाया गया वह उपयोगी नहीं है. जिसकी जांच भी शासन स्तर पर की जा रही है. इसलिए हमारी मांग है कि यहां पर एक नया पुल बनाया जाए, जिससे लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके.'
अन्य नागरिक अजय कुमार सक्सेना ने बताया कि 'पक्का पुल (108 years old historical pucca bridge) लखनऊ की एक धरोहर है. यहां अनेक फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है, इसलिए इस पुल को अब संरक्षित कर देना चाहिए. नया पुल बनाकर यहां पर आवागमन सुचारू हो.' सामाजिक कार्यकर्ता अलकेश सोती ने बताया कि 'पक्के पुल को तो एक संग्रहालय की तरह विकसित कर देना चाहिए. यहां बड़े वाहन ना चलाने का फैसला बिल्कुल सही है. मेरी मांग है कि यहां चार लेन का जो पुल बनाया जाए वह बिल्कुल वैसा ही होना चाहिए जैसे पुराना पक्का पुल है. इससे लखनऊ की सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे. लोगों का आवागमन भी सुगम हो जाएगा.
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि 'हमने हाईकोर्ट में जो रिपोर्ट पेश की है उसमें फोरलेन के नए पुल का प्रस्ताव किया है. तब तक पक्के पुल पर बड़े यातायात नहीं चलाने का फैसला किया गया है. हाईकोर्ट के दिशा निर्देश आते ही यहां पर आगे की योजना बनाई जाएगी.'
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