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व्यापारियों ने प्रमुख सचिव गृह को सौंपा ज्ञापन, शस्त्र लाइसेंस जारी करने की रखी मांग - Arms License

उत्तर प्रदेश के शस्त्र व्यवसायियों की समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से मुलाकात की. शस्त्र व्यापारियों की समस्याओं से उनको अवगत कराया और समाधान की मांग की है. व्यापारियों का कहना है कि नए शस्त्र लाइसेंस जारी न किए जाने से कारोबार बंद हो गया है. शस्त्र लाइसेंस जारी न किए जाने से व्यापार में घाटा हो रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 31, 2023, 9:55 PM IST

लखनऊ : व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग सभी जिलों में जिला प्रशासन द्वारा सामान्य रूप से शस्त्र लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं. न्यू लाइसेंस जारी न करने से नए लाइसेंस धारकों की संख्या नहीं बढ़ रही है. इसके कारण शस्त्र की बिक्री में अत्यधिक गिरावट आ गई है. नवंबर 2018 में उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच द्वारा नवीन शस्त्र लाइसेंस के संबंध में लगी रोक हटाने के आदेश किए हैं.

संजय गुप्ता का कहना है कि व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस के आवेदन भी बड़ी संख्या में जिला प्रशासन के कार्यालयों में लंबित हैं. जिससे मृतक व जीवित मामलों में उत्तराधिकारी को शस्त्र लाइसेंस जारी न होने के कारण भी शस्त्र व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. यह तब हो रहा है जब 13 सितंबर 2022 को उत्तर प्रदेश के गृह (पुलिस) अनुभाग 5 ने पत्र जारी करते हुए वरासत के आधार पर लंबित शस्त्र लाइसेंस के प्रकरणों को अभियान चला कर निस्तारण के लिए निर्देश दिए थे.

शस्त्र व्यापारियों के व्यवसायिक लाइसेंस प्रपत्र 8 एवं 9 के नवीनीकरण पर 45 हजार का स्टांप शुल्क लिया जाता है जो तंगी के दौर से गुजर रहे शस्त्र व्यापारियों के लिए आर्थिक मुश्किल खड़ी कर रहा है. जबकि किसी अन्य राज्य में नवीनीकरण पर स्टांप शुल्क की व्यवस्था लागू नहीं है. वर्तमान व्यवस्था में शस्त्र लाइसेंस से सम्बंधित सभी चालान बैंक में जमा होते हैं. शस्त्र व्यापारियों ने सभी चालान ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था लागू करने की मांग की है. प्रतिनिधि मंडल में व्यापारी नेता संजय गुप्ता के साथ यूपी आर्म्स डीलर एसोसिएशन के सचिव संजय मिश्रा एवं यूपी आर्मस डीलर असोसिएशन के संयुक्त सचिव मोहम्मद जमाल, उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंत्री लखनऊ नगर अध्यक्ष हरजिण्दर सिंह, उपाध्यक्ष मोहम्मद रिजवान एवं विवेक गुप्ता शामिल थे.

लखनऊ : व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग सभी जिलों में जिला प्रशासन द्वारा सामान्य रूप से शस्त्र लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं. न्यू लाइसेंस जारी न करने से नए लाइसेंस धारकों की संख्या नहीं बढ़ रही है. इसके कारण शस्त्र की बिक्री में अत्यधिक गिरावट आ गई है. नवंबर 2018 में उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच द्वारा नवीन शस्त्र लाइसेंस के संबंध में लगी रोक हटाने के आदेश किए हैं.

संजय गुप्ता का कहना है कि व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस के आवेदन भी बड़ी संख्या में जिला प्रशासन के कार्यालयों में लंबित हैं. जिससे मृतक व जीवित मामलों में उत्तराधिकारी को शस्त्र लाइसेंस जारी न होने के कारण भी शस्त्र व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. यह तब हो रहा है जब 13 सितंबर 2022 को उत्तर प्रदेश के गृह (पुलिस) अनुभाग 5 ने पत्र जारी करते हुए वरासत के आधार पर लंबित शस्त्र लाइसेंस के प्रकरणों को अभियान चला कर निस्तारण के लिए निर्देश दिए थे.

शस्त्र व्यापारियों के व्यवसायिक लाइसेंस प्रपत्र 8 एवं 9 के नवीनीकरण पर 45 हजार का स्टांप शुल्क लिया जाता है जो तंगी के दौर से गुजर रहे शस्त्र व्यापारियों के लिए आर्थिक मुश्किल खड़ी कर रहा है. जबकि किसी अन्य राज्य में नवीनीकरण पर स्टांप शुल्क की व्यवस्था लागू नहीं है. वर्तमान व्यवस्था में शस्त्र लाइसेंस से सम्बंधित सभी चालान बैंक में जमा होते हैं. शस्त्र व्यापारियों ने सभी चालान ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था लागू करने की मांग की है. प्रतिनिधि मंडल में व्यापारी नेता संजय गुप्ता के साथ यूपी आर्म्स डीलर एसोसिएशन के सचिव संजय मिश्रा एवं यूपी आर्मस डीलर असोसिएशन के संयुक्त सचिव मोहम्मद जमाल, उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंत्री लखनऊ नगर अध्यक्ष हरजिण्दर सिंह, उपाध्यक्ष मोहम्मद रिजवान एवं विवेक गुप्ता शामिल थे.

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