लखनऊ : गोमती नगर के व्यापारी ने आशियाना इंफ्रा प्रमोटर्स की स्कीम में छह फ्लैट बुक कराए थे, जिसके लिए करीब 2.84 करोड़ रुपये कम्पनी को दिए गए थे. आरोपी फर्म निदेशकों ने एलाटमेंट लेटर जारी करने के बाद कब्जा नहीं दिया. पूछताछ करने पर टालमटोल करते रहे पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने सोमवार को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने तहरीर में बताया कि विनीतखंड-एक निवासी व्यापारी राजेंद्र सिंह भाटिया से फ्लैट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई है. पीड़ित के मुताबिक, वृंदावन योजना में आशियाना इंफ्रा प्रमोटर्स का दफ्तर है. जिसका संचालन एहसन अय्यूब करता है. वर्ष 2017 में फ्लैट खरीदने के लिए राजेंद्र की मुलाकात एहसन से हुई थी, जो पीजीआई वृंदावन में ब्लू मोनार्क के नाम से अपार्टमेंट बना रहा था. राजेंद्र सिंह के अनुसार, लोकेशन अच्छी थी इसलिए उन्होंने अपार्टमेंट में छह फ्लैट बुक कर दिए, 40 लाख रुपये नगद दिए. इसके अलावा करीब दो करोड़ 44 लाख बैंक और निजी फाइनेंस कम्पनी से लोन लेकर जमा किए थे, लेकिन इसके बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं दिया गया. इस बीच कोरोना महामारी शुरू हो गई, जिसकी आड़ में आरोपी एहसन करीब दो साल तक टालमटोल करता रहा, जिसके बाद राजेंद्र ने थाने पर आरोपियों के विरुद्ध तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है.
इंस्पेक्टर पीजीआई ब्रजेश यादव के मुताबिक राजेंद्र सिंह भाटिया की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पूरे मामले की जांच की जा रही है.
यह भी पढ़ें : मुंबई में बैंककर्मी से 11 लाख लूटने वाले लखनऊ से गिरफ्तार