लखनऊ: इंडस्ट्रियल संस्थानों को नगर निकाय ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस और वाटर कनेक्शन देने में लापरवाही बरत रहे हैं. जबकि ईज आफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत सभी इंडस्ट्रियल संस्थानों को ट्रेड लाइसेंस और वॉटर कनेक्शन ऑनलाइन दिए जाने के स्पष्ट निर्देश शासन की तरफ से दिए गए हैं. बावजूद इसके प्रदेश के तमाम नगर निकाय इसमें हीला हवाली कर रहे हैं.
स्थानीय निकाय निदेशालय ने पत्र भेजकर जताई नाराजगी
अब स्थानीय निकाय निदेशालय ने नगर निकायों को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है. पत्र में कहा गया है कि यह स्थिति ठीक नहीं है. औद्योगिक इकाइयों को ट्रेड लाइसेंस और वॉटर कनेक्शन ऑनलाइन देने में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए बाकायदा शासन को भी अवगत करा दिया गया है कि शासन की तरफ से जारी निर्देश के बावजूद नगर निकाय मनमानी कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में कार्रवाई को लेकर निदेशालय जल्द ही रिपोर्ट भेजेगा.
ऑफलाइन देने में ज्यादा ध्यान दे रहे नगर निकाय
नगर निकायों के इस हीलाहवाली पर नाराजगी जताते हुए यह हिदायत दी गई है कि अब हर हाल में औद्योगिक संस्थानों को ट्रेड लाइसेंस और इंडस्ट्रियल वॉटर कनेक्शन ऑनलाइन माध्यम से निवेश मित्र पोर्टल के द्वारा दिए जाएं. नगर विकास विभाग ने नगर निगम को आदेश दिया था कि वे किसी भी सूरत में ऑफलाइन आवेदन स्वीकार न करें, और ना ही ऑफलाइन व्यवस्था बनाए. बावजूद इसके तमाम नगर निकायों ने इस व्यवस्था को नहीं अपनाया और मनमानी करते रहे. शासन के संज्ञान में जब यह मामला आया तो नाराजगी जताई गई है.
निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से दिए जाएं कनेक्शन
स्थानीय निकाय निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला संज्ञान में आया है कि आदेश के बावजूद ऑफलाइन कनेक्शन दिए जा रहे हैं. निवेश मित्र पोर्टल का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इससे लोगों को असुविधा हो रही है. लिहाजा अब भविष्य में सभी कनेक्शन निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से दिया जाए. अगर नगर निकाय ऐसा नहीं करते हैं तो संबंधित नगर निकायों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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ऑफलाइन व्यवस्था से कनेक्शन देने में होती है धनउगाही
वहीं दूसरी तरफ सूत्र बताते हैं कि ऑफलाइन व्यवस्था के माध्यम से नगर निकायों के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी औद्योगिक इकाइयों से कनेक्शन दिए जाने के नाम पर धन उगाही करते हैं. इसलिए इस व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला किया गया था. बावजूद इसके नगर निकाय मनमानी कर रहे हैं और ऑफलाइन व्यवस्था को ही तवज्जो दे रहे हैं. लेकिन अब नाराजगी जताते हुए हिदायत दी गई है कि व्यवस्था तत्काल बंद की जाए और शासन के निर्देशों के अनुसार ऑनलाइन लाइसेंस ही दिया जाए.