लखनऊः राजधानी में अवैध निर्माण को लेकर एलडीए और नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ लखनऊ व्यापार मंडल ने आक्रोश जाहिर किया है. व्यापारियों ने कहा कि जिसे अवैध निर्माण बताया जा रहा है, उन बिल्डिंग से सरकार को कई तरह के टैक्स दिए जाते है. इनमें हाऊस टैक्स, बिजली कनेक्शन, वाटर टैक्स और जीएसटी इत्यादि शामिल हैं. अगर निर्माण को अवैध बताया जा रहा है तो उसमें सरकार का सिस्टम भी दोषी है.
व्यापार मंडल ने किया आक्रोश जाहिर
शनिवार को सरकारी दमनकारी नीतियों के खिलाफ लखनऊ व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने आक्रोश जाहिर किया. मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि लखनऊ के सभी व्यापारियों के सामने यह बहुत बड़ी चुनौती है, जो सरकार के आदेशों का पालन करते हुए एलडीए एवं नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है. इस सरकार का सिस्टम भी दोषी है लेकिन प्रताड़ित केवल व्यापारियों को किया जा रहा है. लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि जिस बिल्डिंग को सरकार कई वर्षों बाद अवैध बता रही है, उस बिल्डिंग में वैध बिजली कनेक्शन, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, जीएसटी इत्यादि तरह के टैक्स व्यापारी देता है. इसके बाद ही कारोबार किया जाता है. अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि अगर बिल्डिंग अवैध है तो उन पर वैध कनेक्शन क्यों दिए गए.
नगर निगम और एलडीए पर गंभीर आरोप
लखनऊ व्यापार मंडल की बैठक के दौरान पदाधिकारियों ने एलडीए और नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि एलडीए और नगर निगम के साथ अवैध बिक्री का कारोबार फल-फूल रहा है, जिसका खामियाजा व्यापारी भुगत रहा है.