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यूपी को ग्लोबल पहचान देगी अयोध्या, पर्यटन विकास से बढ़ेंगे रोजगार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास को लेकर अथक परिश्रम कर रहे हैं. उनका प्रयास अभी से दिख रहा है. आने वाले वक्त में अयोध्या खुद को ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को वैश्विक पटल पर नई पहचान दिलाने में सफल होगी.

अयोध्या पर्यटन का विकास.
अयोध्या पर्यटन का विकास.
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Published : Nov 13, 2020, 4:30 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 5:54 PM IST

लखनऊः देश और दुनिया के करोड़ों हिंदुओं के आराध्य श्रीराम की अयोध्या वैश्विक पटल पर उत्तर प्रदेश की नई पहचान बनेगी. राम की नगरी को सजाने, संवारने के लिए बीते साढ़े तीन साल से ज्यादा के वक्त से जिस नियोजित ढंग से योगी सरकार कोशिश कर रही है. उससे आने वाले समय में यह न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर अंकित होगा. बल्कि औद्योगिक और आर्थिक उन्नति का नया मानक भी बनेगा.

तिरुपति जैसे विकसित होगी अयोध्या
राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण शुरू हो जाने के बाद अब यहां पर्यटन विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए योगी सरकार नीतिगत प्रयास कर रही है. सबकुछ ठीक रहा तो गंगा की तर्ज पर यहां भी सरयू नदी में छोटे जहाज यानी क्रूज चलते नजर आएंगे. राम नगरी अयोध्या को तिरूपति जैसा शहर बनाने की योजना पर काम चल रहा है.

भगवान राम की 251 मीटर की मूर्ति
विकास की जरूरत के लिहाज से यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घोषणा कर चुके हैं कि अयोध्या में सरयू नदी के किनारे भगवान राम की 251 मीटर लंबी मूर्ति बनेगी. इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है.

अयोध्या में होंगे पांच सितारा होटल
इसके अलावा श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए पांच सितारा होटल बनाए जाएंगे. सभी राज्यों और कुछ चुनिन्दा देशों के अतिथि भवन, तीर्थ यात्रियों के रुकने के लिए रैनबसेरों का भी निर्माण किया जाएगा. श्रीराम की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, वैदिक और आधुनिक सिटी के समन्वित मॉडल के रूप में नव्य अयोध्या के अलावा और भी बहुत कुछ होगा.

242 लाख रुपये के हो रहे निर्माण कार्य
जानकारी के अनुसार, अयोध्या के विकास के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. कुछ काम हो रहे हैं और कई लूप लाइन में हैं. पिछले दिनों पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि अयोध्या को पर्यटन के लिहाज से वैश्विक सिटी बनाने के लिए उसी के अनुरूप कंसलटेंट का चयन करें. अयोध्या में करीब 242 लाख रुपये की लागत से दशरथ महल, सत्संग भवन, यात्री सहायता केंद्र और रैनबसेरे का निर्माण कार्य चल रहा है.

करोड़ों की योजनाओं पर चल रहा काम
योगी सरकार अयोध्या के चहुंमुखी विकास को लेकर कार्य कर रही है. फिलहाल अयोध्या में 524 लाख रुपये की लगात से ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, 197 लाख रुपये की लागत से पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर छाजन, दिगंबर अखाड़ा में 288 लाख रुपये की लागत से मल्टीपर्पज हाल का निर्माण होना है. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सीवरेज और पेयजल के लिए होने वाले काम अलग से हैं. रेल लाइन का दोहरीकरण, रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण और सुंदरीकरण भी हो रहा. सड़कों के चौड़ीकरण के कुछ प्रस्ताव राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास को लेकर अथक परिश्रम कर रहे हैं. उनका प्रयास अभी से दिख रहा है. आने वाले वक्त में अयोध्या खुद को ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को वैश्विक पटल पर एक नई पहचान दिलाने में सफल होगी.

गिरीश चंद्र पांडे, वरिष्ठ पत्रकार

लखनऊः देश और दुनिया के करोड़ों हिंदुओं के आराध्य श्रीराम की अयोध्या वैश्विक पटल पर उत्तर प्रदेश की नई पहचान बनेगी. राम की नगरी को सजाने, संवारने के लिए बीते साढ़े तीन साल से ज्यादा के वक्त से जिस नियोजित ढंग से योगी सरकार कोशिश कर रही है. उससे आने वाले समय में यह न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर अंकित होगा. बल्कि औद्योगिक और आर्थिक उन्नति का नया मानक भी बनेगा.

तिरुपति जैसे विकसित होगी अयोध्या
राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण शुरू हो जाने के बाद अब यहां पर्यटन विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए योगी सरकार नीतिगत प्रयास कर रही है. सबकुछ ठीक रहा तो गंगा की तर्ज पर यहां भी सरयू नदी में छोटे जहाज यानी क्रूज चलते नजर आएंगे. राम नगरी अयोध्या को तिरूपति जैसा शहर बनाने की योजना पर काम चल रहा है.

भगवान राम की 251 मीटर की मूर्ति
विकास की जरूरत के लिहाज से यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घोषणा कर चुके हैं कि अयोध्या में सरयू नदी के किनारे भगवान राम की 251 मीटर लंबी मूर्ति बनेगी. इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है.

अयोध्या में होंगे पांच सितारा होटल
इसके अलावा श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए पांच सितारा होटल बनाए जाएंगे. सभी राज्यों और कुछ चुनिन्दा देशों के अतिथि भवन, तीर्थ यात्रियों के रुकने के लिए रैनबसेरों का भी निर्माण किया जाएगा. श्रीराम की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, वैदिक और आधुनिक सिटी के समन्वित मॉडल के रूप में नव्य अयोध्या के अलावा और भी बहुत कुछ होगा.

242 लाख रुपये के हो रहे निर्माण कार्य
जानकारी के अनुसार, अयोध्या के विकास के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. कुछ काम हो रहे हैं और कई लूप लाइन में हैं. पिछले दिनों पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि अयोध्या को पर्यटन के लिहाज से वैश्विक सिटी बनाने के लिए उसी के अनुरूप कंसलटेंट का चयन करें. अयोध्या में करीब 242 लाख रुपये की लागत से दशरथ महल, सत्संग भवन, यात्री सहायता केंद्र और रैनबसेरे का निर्माण कार्य चल रहा है.

करोड़ों की योजनाओं पर चल रहा काम
योगी सरकार अयोध्या के चहुंमुखी विकास को लेकर कार्य कर रही है. फिलहाल अयोध्या में 524 लाख रुपये की लगात से ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, 197 लाख रुपये की लागत से पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर छाजन, दिगंबर अखाड़ा में 288 लाख रुपये की लागत से मल्टीपर्पज हाल का निर्माण होना है. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सीवरेज और पेयजल के लिए होने वाले काम अलग से हैं. रेल लाइन का दोहरीकरण, रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण और सुंदरीकरण भी हो रहा. सड़कों के चौड़ीकरण के कुछ प्रस्ताव राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास को लेकर अथक परिश्रम कर रहे हैं. उनका प्रयास अभी से दिख रहा है. आने वाले वक्त में अयोध्या खुद को ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को वैश्विक पटल पर एक नई पहचान दिलाने में सफल होगी.

गिरीश चंद्र पांडे, वरिष्ठ पत्रकार

Last Updated : Nov 13, 2020, 5:54 PM IST
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