लखनऊ : अगले एक साल में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए प्रदेश सरकार 200 करोड़ से अधिक रुपए खर्च कर विकास करेगी. विभाग ने प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास को इस साल बहुत तेजी से गति प्रदान करने की कार्य योजना शुरू कर चुकी है. किसी योजना के तहत बीते दिनों हुई कैबिनेट मीटिंग में विभाग ने कई योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए कई अहम प्रस्ताव पर सरकार से मंजूरी भी ले ली है. इसके तहत अयोध्या को जोड़ने वाले तीन राजमार्गों के चौड़ीकरण व सौंदर्यीकरण सहित छह बड़े पार्टी के स्थलों का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा अयोध्या, चित्रकूट की प्रयागराज में भी भजन संध्या स्थल की स्थापना की जाएगी.
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'प्रदेश में वर्ष 2022 में कुल 24.87 करोड़ से अधिक पर्यटक आए थे, जिसमें 4 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक शामिल थे. वर्तमान वित्तीय वर्ष में शक्तिपीठ मां शाकम्भरी देवी मंदिर के संकेतिक पर्यटन विकास के लिए ₹50 करोड़ का प्रबंध किया गया है, वहीं प्रयागराज में सामाजिक विकास के लिए ₹40 करोड़ खर्च होंगे, वहीं पर्यटन नीति 2018 के तहत पर्यटन इकाइयों के प्रोत्साहन के लिए ₹45 करोड़ की व्यवस्था भी सरकार ने की है. इसके साथ ही नैमिषारण्य में वेद विज्ञान केंद्र स्थापना भी की जाएगी, जिससे उस समय के रुके हुए प्रोजेक्ट को समय पर पूरा किया जा सके.'
रानीपुर में टाइगर रिजर्व बनेगा : प्रमुख सचिव ने बताया कि 'इस साल अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण को देखते हुए पर्यटकों की संख्या में संभावित वृद्धि को देखते हुए तीन संपर्क मार्गों का चौड़ीकरण व सौंदर्यीकरण छह स्थानों पर पार्किंग तथा जनसुविधाओं के विकास का काम चल रहा है, जिसे दो वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य है, वहीं मीरजापुर में प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर, मां अष्टभुजी देवी मंदिर व काली खोह मंदिर का जीर्णोद्धार तथा त्रिकोणीय परिक्रमा पथ को विकसित किये जाने का काम पूरा कराने की तैयारी है. साथ ही बुंदेलखंड सर्किट में आने वाले रानीपुर के जंगलों को रानीपुर टाइगर रिजर्व में तब्दील किया जाएगा. यहां पर टाइगरों के पुनर्वास व उनकी आबादी बढ़ाने पर काम होगा. इसके अलावा प्रदेश में कई ऐसे प्राकृतिक स्थल हैं जिन्हें चिन्हित कर इको टूरिज्म में तब्दील करने का भी काम शुरू किया जाएगा.' प्रमुख सचिव ने बताया कि 'इसके अलावा अमेठी जिले के जायज गांव को भी टूरिस्ट प्लेस के तौर पर विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 'कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री ने मलिक मोहम्मद जायसी के नाम पर इस गांव को विश्व पटल पर लाने के निर्देश दिए हैं.' उन्होंने बताया कि 'मलिक मोहम्मद जायसी का गोरखनाथ पीठ पर भरोसा था. वह गोरखनाथ के भक्तों के तौर पर जाने जाते हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र को उनके नाम पर विकसित करने का निर्देश दिया है.'
यह भी पढ़ें : UP Weather Updates: यूपी में अगले 5 दिनों तक गरज चमक के साथ बारिश की चेतावनी