लखनऊ: राजधानी के पर्यटन निदेशालय में प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में महानिदेशक एनजी रवि कुमार पर्यटन सहित सहित बड़ी संख्या में पर्यटन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.
विकास कार्यों की समीक्षा की गई
प्रमुख सचिव पर्यटन ने विभाग की तरफ से कराए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की और सभी अधिकारियों को कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देश दिए. क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालयों को निर्देश दिए गए कि समय-समय पर योजनाओं की प्रगति का निरीक्षण किया जाए. इसके साथ ही निदेशालय में नामित नोडल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में कराये जा रहे कार्यों की प्रगति का निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट महानिदेशक पर्यटन को उपलब्ध कराएंगे.
पर्यटन अनुभव बेहतर करने की कोशिश
पर्यटन नीति के अन्तर्गत पर्यटन इकाईयों को होटल, बजट होटल, हेरिटेज होटल, रिजॉर्ट, स्पोर्टस रिजॉर्ट, टेन्टेड एकोमोडेशन, पर्यटन एवं आतिथ्य-सत्कार प्रशिक्षण संस्थान, एडवेन्चर टूरिज्म, थीम पार्क, कन्वेंशन सेंटर, रिवर क्रूज टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म आदि वर्गों में वर्गीकृत किया गया है. पर्यटन नीति में चिन्हित पर्यटन स्थलों पर पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों को पूंजीगत निवेश कैपिटल सब्सिडी व इंटरेस्ट सब्सिडी, पंजीकरण एवं स्टाम्प शुल्क में छूट, भूमि रूपांतरण एवं विकास शुल्क के लिये सहायता, नवाचार के लिए प्रोत्साहन, विपणन और संवर्धन के लिये सहायता, कौशल विकास, आई.सी.टी. सक्षमता, पर्यटन-सत्कार उद्योग में शोध के लिये सहायता, रोजगार सृजन पर सब्सिडी, (इको-टूरिज्म) के लिये सहयोग, स्वदेशी कला, संगीत, नृत्य को पुनर्जीवित करने के लिये सहयोग के लिए वित्तीय प्रोत्साहन, अनुदान एवं छूट आदि प्रदान करने का प्रावधान है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर कराये जा रहे कार्यों के फलस्वरूप देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को स्तरीय पर्यटक सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी और उनका पर्यटन-अनुभव बेहतर हो सकेगा.