लखनऊ: वाराणसी के जैतपुरा की एक गायिका ने ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्र, उनके पुत्र और भतीजे के बेटे पर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए रविवार 18 अक्टूबर 2020 को गोपीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया. एसपी रामबदन सिंह ने मीडिया को इस कार्रवाई की जानकारी दी. जब यह रिपोर्ट लिखी जा रही थी, तब विधायक विजय मिश्र इस समय आगरा जेल में बंद थे. उनके खिलाफ करीब 17 मुकदमे दर्ज हैं.
इतने विधायकों पर मामले दर्ज
ऐसा नहीं है कि सिर्फ विजय मिश्रा उत्तर प्रदेश के इकलौते विधायक या राजनेता हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है. उत्तर प्रदेश में ऐसा कोई भी राजनीतिक दल नहीं है, जिसके नेता दागी वाली टैगलाइन से अछूते हों. प्रदेश के 143 विधायकों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से 101 विधायकों पर हत्या, हत्या के प्रयास, छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं.
आपराधिक रिकॉर्ड वाले सांसद-विधायक
2019 के लोकसभा में भी भाजपा ने ही सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं. असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक यूपी के 80 सांसदों में से 44 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे. यानी उत्तर प्रदेश के 56% आपराधिक रिकॉर्ड वाले थे. बसपा के कुल 30 विधायकों में 5 दागी हैं, जबकि सपा के 5 सांसदों में 2 पर केस चल रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से सिर्फ सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट जीती थी. उनके एफिडेविट के मुताबिक, उन पर भी आपराधिक मामला दर्ज है.
उपमुख्यमंत्री पर दर्ज मुकदमा
आपराधिक बैकग्राउंड वाले विधायकों की लिस्ट काफी लंबी है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, मंत्री नंदगोपाल नंदी, हमीरपुर के भाजपा विधायक अशोक कुमार चंदेल समेत यूपी के 143 विधायक पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. 101 विधायकों पर हत्या, हत्या के प्रयास, छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं. बीएसपी के विधायक मुख्तार अंसारी, ब्रजेश सिंह, निर्दलीय राजा भैया, सुशील सिंह, विजय मिश्रा समेत कई बाहुबली इस समय विधायक हैं. धौलाना के बसपा विधायक असलम अली पर 10 मामले दर्ज हैं.
रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक और कई बार मंत्री बने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान वर्तमान में लोकसभा सांसद हैं. आजम खान पर किसानों की जमीन कब्जा करने से लेकर किताबें चुराने, मारपीट करने, बकरी और भैंस चुराने तक के मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. रामपुर से सांसद बनने के बाद आजम खान पर पुलिस ने 78 मुकदमे दर्ज किए हैं. इसके साथ ही आजम देश के पहले सांसद बन गए, जिनके खिलाफ इतनी संख्या में मुकदमे दर्ज हैं.
बीजेपी सांसद साक्षी महाराज
साक्षी महाराज का जन्म 16 जनवरी 1956 को उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में हुआ था. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में साक्षी महाराज को बीजेपी की ओर से उन्नाव लोकसभा सीट से टिकट दिया गया. इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अन्नू टंडन को हराया. साक्षी महाराज के चुनावी हलफनामे के अनुसार उन पर 34 मुकदमे दर्ज हैं.
पूर्व सांसद धनंजय सिंह
उत्तर प्रदेश के जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. 1998 में भदोही पुलिस ने एक एनकाउंटर में धनंजय के मारे जाने की घोषणा कर दी थी, हालांकि बाद में खुलासा हुआ कि यह एक फेक एनकाउंटर था. बाहुबली राजनेता धनंजय सिंह के खिलाफ 1998 तक 12 मामले दर्ज हो चुके थे.
बाहुबली विधायक विजय मिश्रा
बाहुबली विजय मिश्रा उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक है. विजय मिश्रा पर हत्या, हत्या का प्रयास, धोखाधड़ी, मारपीट जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. हाल ही वाराणसी की एक गायिका ने विजय मिश्रा के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया है.
मुख्तार अंसारी
आपराधिक रिकॉर्ड वाले नेताओं में एक बड़ा नाम हैं, मुख्तार अंसारी. मुख्तार अंसारी का उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल में अपना एक अलग रुतबा है. यही वजह है कि एक बार बसपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था, मगर उनके कद को देखते हुए दोबारा पार्टी के टिकट से चुनाव लड़वाया. वह उत्तर प्रदेश के मऊ से 5 बार से विधायक है. पिछले 15 सालों से जेल में ही बंद है. अभी योगी सरकार ने एक बार फिर मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे, अवैध बूचड़खाने आदि ध्वस्त किए जा रहे हैं.
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का नाम यूपी के सबसे विवादित चेहरों में गिना जाता है. राजा भैया का आपराधिक इतिहास रहा है. कुंडा से विधायक राजा भैया 2002 में उस समय सुर्खियों में आए, जब उन्हें विधायक पूरण सिंह के अपहरण के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया. रघुराज प्रताप सिंह पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, अपहरण के कुल 47 मुकदमे दर्ज हैं. कुछ में उन्हें अदालत से राहत मिली है.
कुलदीप सेंगर
उन्नाव के बांगरमऊ से पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उन्नाव केस में 20 दिसंबर 2019 को दिल्ली की तीस हजारी ने उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को 2017 में युवती का अपहरण और रेप करने के मामले में दोषी पाया था.
उपचुनाव में बदलेंगे आंकड़े
फिलहाल यूपी की विधानसभा में दलीय स्थिति उपचुनावों के बाद 2017 के मुकाबले थोड़ी बदल गयी है. अभी 403 सदस्यों की विधानसभा में बीजेपी के 307, सपा के 48, बसपा के 18, कांग्रेस के 7 और अपना दल (सोने लाल) के 9 विधायक शामिल हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 4, रालोद और अपना दल के 1-1 विधायक शामिल हैं. निर्दलियों की संख्या 3 है. अभी 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. नतीजे आने के बाद आपराधिक बैकग्राउंड वाले विधायकों के आंकड़े भी बदलेंगे.