लखनऊ: यूपी में डेंगू का प्रकोप नहीं थम रहा है. हर रोज सैकड़ों मरीज बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. वहीं राजधानी के इंटौजा इलाके में बीमारी फैल गयी है. यहां डायरिया से दो लोगों की मौत हो गई.
इंटौजा नगर पंचायत के धोबी मोहल्ला निवासी काजल (22) को करीब पांच दिन पहले उल्टी-दस्त हो रहे थे. हालत गंभीर होने पर परिजन काजल को लेकर निजी अस्पताल ले गए. बुधवार सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके अलावा 25 अक्टूबर को सिविल अस्पताल में भर्ती इंटौजा वार्ड नंबर दो के रहने वाले महफूज अली की मौत हो गई. बता दें कि क्षेत्र में करीब 40 से अधिक लोग बीमार हैं. इनमें रामसागर मिश्रा अस्पताल में करीब 15 से अधिक मरीज भर्ती हैं. वहीं सीएचसी इंटौजा में दो मरीज भर्ती हैं. सिविल-बलरामपुर अस्पताल में 20 से अधिक लोग भर्ती हैं. इंटौजा सीएचसी प्रभारी डॉ. एके दीक्षित के मुताबिक स्वाथ्य टीमें भेजकर घर-घर दवा वितरण किया जा रहा है.
मच्छरों के डंक ने किया बेहाल
राज्य में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. कई जिलों में बीमारी भयावह हो चुकी है. पिछले 24 घंटे में 280 नए मरीज पाए गए. वहीं लखनऊ में 30 नए केस मिले. 28 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी की गई.
हल्के में न लें बुखार को, 90 फीसद में डेंगू स्ट्रेन-टू
केजीएमयू की आईसीएमआर की लैब प्रभारी डॉ सुरुचि शुक्ला के मुताबिक किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं. कोविड में जहां 90 फीसद में डेल्टा वायरस मिल रहा है, वहीं डेंगू के 90 फीसद मरीज में स्ट्रेन-टू मिल रहा है. यह घातक है.
डेंगू के प्रकार
टाइप- 1- सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप- 2- डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं. जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप - 3 - डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाते हैं. जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना, चेहरा, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.
ऐसे करें डेंगू से बचाव
घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.
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खानपान का रखें ध्यान
बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी व तैलीय खाना न खाएं.