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पॉलिटेक्निक छात्रों ने बनाया ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 1 मिनट में करता है 10 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन

एक और जहां लोग ऑक्सीजन के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर इंजीनियरिंग के छात्रों ने अपना कमाल दिखाया है. राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र में बने तिरुपति पॉलिटेक्निक कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्रों ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाया है, जो 1 मिनट में करीब 10 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करने में सक्षम है.

पॉलिटेक्निक छात्रों ने बनाया ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
पॉलिटेक्निक छात्रों ने बनाया ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
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Published : May 8, 2021, 5:15 PM IST

Updated : May 8, 2021, 6:04 PM IST

लखनऊ: महामारी के इस दौर में ऑक्सीजन की कमी किसी से छिपी नहीं है. वहीं सरकार और सरकारी तंत्र ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में लगे हुए हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र मोहनलालगंज में बने तिरुपति पॉलिटेक्निक कॉलेज के इंजीनियरिंग छात्रों ने टीम बनाकर ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का अविष्कार किया है.

पॉलिटेक्निक छात्रों का आविष्कार.

चौथी बार में मिली सफलता
पॉलिटेक्निक तृतीय वर्ष के छात्र ने बताया कि बीते दिनों नासिक और अन्य जगहों पर ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों की खबरों को सुनकर वह काफी परेशान थे. इतना ही नहीं उनके साथ पढ़ने वाले दोस्तों के परिवार में भी ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण मौतें हुईं. जिसके बाद पॉलिटेक्निक तृतीय वर्ष के इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट के छात्रों के मन में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाने का विचार आया. छात्रों ने बताया कि हमने अपने एचओडी से जब इस बात को बताया तो उन्होंने कॉलेज के डायरेक्टर से बात की. जिसके बाद कड़ी मेहनत और लगन के साथ इस ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को तैयार किया गया. छात्र ने कहा कि इस ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को बनाने में उन्हें 20 दिन लग गए. तीन बार प्रयास करने के बाद चौथी बार में उन्हें सफलता मिली. छात्र ने कहा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से बनाई गई ऑक्सीजन 97% प्योर होती है.

पॉलिटेक्निक छात्रों ने बनाया ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
पॉलिटेक्निक छात्रों ने बनाया ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

इसे भी पढ़ें- कोविड रोगियों के लिए नई दवा के आपातकालीन इस्तेमाल की मिली इजाजत

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कैसे करता है काम
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वायुमंडल से हवा को लेकर उसमें से नाइट्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करता है. नाइट्रोजन गैस एक अलग चेंबर में एकत्रित कर हटा दिया जाता है तो वहीं ऑक्सीजन को स्टोरेज चेंबर में भेजकर संचित किया जाता है. यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रति मिनट 10 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करने की क्षमता रखता है, जिससे दो व्यक्तियों की जिंदगी को बचाया जा सकता है. बताते चलें इस ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को बनाने मे करीब 35,000 से 40,000 का खर्च आया है.

कॉलेज के डायरेक्टर आशुतोष शर्मा ने कहा कि हम सरकार से यह निवेदन करते हैं कि छात्रों द्वारा बनाए गए इस प्रोजेक्ट पर वह ध्यान दे. यदि उन्हें फंडिंग मिलती है तो 1 दिन में करीब 20 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को छात्रों द्वारा बनाया जा सकता है, जिससे ऑक्सीजन की होने वाली कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है.

लखनऊ: महामारी के इस दौर में ऑक्सीजन की कमी किसी से छिपी नहीं है. वहीं सरकार और सरकारी तंत्र ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में लगे हुए हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र मोहनलालगंज में बने तिरुपति पॉलिटेक्निक कॉलेज के इंजीनियरिंग छात्रों ने टीम बनाकर ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का अविष्कार किया है.

पॉलिटेक्निक छात्रों का आविष्कार.

चौथी बार में मिली सफलता
पॉलिटेक्निक तृतीय वर्ष के छात्र ने बताया कि बीते दिनों नासिक और अन्य जगहों पर ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों की खबरों को सुनकर वह काफी परेशान थे. इतना ही नहीं उनके साथ पढ़ने वाले दोस्तों के परिवार में भी ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण मौतें हुईं. जिसके बाद पॉलिटेक्निक तृतीय वर्ष के इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट के छात्रों के मन में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाने का विचार आया. छात्रों ने बताया कि हमने अपने एचओडी से जब इस बात को बताया तो उन्होंने कॉलेज के डायरेक्टर से बात की. जिसके बाद कड़ी मेहनत और लगन के साथ इस ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को तैयार किया गया. छात्र ने कहा कि इस ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को बनाने में उन्हें 20 दिन लग गए. तीन बार प्रयास करने के बाद चौथी बार में उन्हें सफलता मिली. छात्र ने कहा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से बनाई गई ऑक्सीजन 97% प्योर होती है.

पॉलिटेक्निक छात्रों ने बनाया ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
पॉलिटेक्निक छात्रों ने बनाया ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

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ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कैसे करता है काम
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वायुमंडल से हवा को लेकर उसमें से नाइट्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करता है. नाइट्रोजन गैस एक अलग चेंबर में एकत्रित कर हटा दिया जाता है तो वहीं ऑक्सीजन को स्टोरेज चेंबर में भेजकर संचित किया जाता है. यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रति मिनट 10 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करने की क्षमता रखता है, जिससे दो व्यक्तियों की जिंदगी को बचाया जा सकता है. बताते चलें इस ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को बनाने मे करीब 35,000 से 40,000 का खर्च आया है.

कॉलेज के डायरेक्टर आशुतोष शर्मा ने कहा कि हम सरकार से यह निवेदन करते हैं कि छात्रों द्वारा बनाए गए इस प्रोजेक्ट पर वह ध्यान दे. यदि उन्हें फंडिंग मिलती है तो 1 दिन में करीब 20 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को छात्रों द्वारा बनाया जा सकता है, जिससे ऑक्सीजन की होने वाली कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है.

Last Updated : May 8, 2021, 6:04 PM IST
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