लखनऊ : उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के संगठन में मुख्य पदाधिकारियों की सूची जारी होने के बाद मोर्चा, प्रकोष्ठ औऱ विभागों के अलावा जिलों की टीमों की घोषणा अब निकाय चुनाव के बाद की जाएगी. उम्मीद की जा रही थी कि मुख्य सूची जारी होने के बाद अब सबसे पहले मोर्चों की घोषणा होगी. उसके बाद में अलग-अलग विभागों की टीम तय होगी, लेकिन इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से निकाय चुनाव को हरी झंडी मिल गई, जिससे अब यह तय हो गया कि वर्तमान टीम के साथ ही भारतीय जनता पार्टी निकाय चुनाव में जाएगी. ठीक चुनाव से पहले कोई बड़ा बदलाव करके पार्टी निचले स्तर तक कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है. इसलिए निकाय चुनाव तक अब भारतीय जनता पार्टी का अगला परिवर्तन रुका रहेगा. भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगमों सहित नगर पंचायत और ग्राम पंचायतों में 80 फ़ीसदी सीट जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है. ऐसे में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मुख्य पदाधिकारियों की नई सूची शनिवार की देर रात जारी की गई थी, जिसमें सभी क्षेत्रों के अध्यक्षों के अलावा मुख्य टीम में बहुत ही कम बदलाव किए गए थे. माना जा रहा है कि निवर्तमान महामंत्री संगठन के वरदहस्त प्राप्त पदाधिकारियों को अभयदान दिया गया था, जबकि जिन पदों पर परिवर्तन जरूरी था केवल वहीं बदलाव किया गया था. माना जा रहा था कि इस सूची के जारी होने के दो से तीन दिन में सबसे पहले मोर्चा पदाधिकारियों में बदलाव किया जाएगा. जैसे कि अल्पसंख्यक मोर्चा अनुसूचित जाति मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, महिला मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा. इसके बाद में विभागों में बदलाव होना था, जबकि सबसे आखिर में प्रकोष्ठ के स्तर तक भी बदलाव किये जाने थे. फिर पार्टी के 30 से 40 प्रतिशत जिला अध्यक्षों को बदला जाना था. नगर निकाय चुनाव की घोषणा ने इस पूरे समीकरण को बदल दिया है.
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 'पार्टी में अब अगला बदलाव मई मध्य के बाद ही होगा. तब तक पूरे उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव हो चुका होगा और शहरों की सरकार बन जाएगी, जिसके बाद में पार्टी नया संगठन घोषित करेगी और उसी के नेतृत्व में भाजपा लोकसभा का चुनाव लड़ेगी.'
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