लखनऊ: प्रदेश सरकार ने कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 को लेकर जांच का आदेश (Covid variant JN.1 in UP) जारी कर दिया है. बीते दिनों लखनऊ के आलमबाग के रहने वाली एक बुजुर्ग महिला कोविड पॉजिटिव मिली थी. इसके बाद रविवार को तीन नए कोरोना के मामले सामने आए हैं, जिसमें एक गोरखपुर और दो मरीज गौतमबुद्धनगर जिले के हैं. रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है.
वहीं इन मरीजों के परिवार वालों के सैंपल कलेक्ट कर जांच का दिशा निर्देश दिया गया है. इसके अलावा इन मरीजों की जिन लोगों से मुलाकात हुई है, उनकी भी कोविड की जांच कराई जाएगी. प्रदेश के सभी जिलों में कोविड को लेकर अलर्ट घोषित किया गया है. सर्दी, जुखाम, बुखार के गंभीर मरीजों की आरटीपीसीआर जांच कराई जा रही है. रविवार को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती पांच मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव (Covid variant JN.1 in UP) आई है.
ऐसे में संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को जांच का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश दिसबर माह में अब तक मिलने वाले कोविड मरीजों की संख्या आठ हो गई है. उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की जीनोम सिक्वेसिंग कराने के लिए सैंपल केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी लैब भेजा गया है.
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन की प्रमुख बातें:
1. आगामी त्यौहारों की अवधि में कोविड-19 के संचरण में संभावित वृद्धि को नियंत्रित किये जाने के लिए चिकित्सालयों में उपचार हेतु आने वाले खांसी, जुखाम, बुखार इत्यादि रोगियों को श्वसन सम्बन्धी शिष्टाचार (Respiratory Hygeine) के अनुपालन हेतु प्रेरित किया जाए.
2. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कोविड-19 वायरस के सतत् सर्विलांस के लिए तहत ऑपरेशन गाइड लाइन्स एवं संशोधित सर्विलॉन्स रणनीति के निम्न अवयवों पर सभी जनपदों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
3. हेल्थ फैसिलिटी और प्रयोगशाला आधारित सेन्टीनल सर्विलांस चिकित्सालयों में भर्ती होने वाले इन्फ्लुएन्जा लाइक इलनेस (ILI) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) मरीजों का अनिवार्य रूप से कोविड-19 के लिए आरटीपीसीआर विधि द्वारा जांच और प्रयोगशाला में कोविड पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों के विषय में जानकारी को सभी स्टेक होल्डर्स के साथ साझा करते हुए इनके नमूनों की होल जीनोम सिक्वेंसिंग जांच करायी जाए.
4. कम्युनिटी बेस्ड सर्विलॉन्सः समुदाय में इन्फ्लुएन्जा लाइक इलनेस (ILI) के रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि या ऐसे मरीजों का क्लस्टर पाए जाने की स्थिति में तत्काल जिला मुख्यालय में सूचना दिए जाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित किया जाए. और ऐसे मरीजों के कुछ प्रतिशत नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की जाए.
5. जीनोम सिक्वेंसिं आवश्यक: प्रयोगशाला में आरटीपीसीआर विधि द्वारा कोविड पॉजिटिव पाये जाने वाले मरीजों के नमूनों की INSACOG द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला (Department of Microbiology, KGMU, Lucknow) के माध्यम से होल जीनोम सिक्वेंसिंग कराया जाना सुनिश्चित किया जाए.