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लखनऊ: कई करोड़ के घोटालेबाज व 25 हजार के 3 इनामी गिरफ्तार

लखनऊ की पीजीआई पुलिस ने आज तीन 25-25 हजार के इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया है. अपराधी अली बुलियन कंपनी के नाम पर हजारों करोड़ों रुपये की लोगों से ठगी कर चुके हैं. पकड़े गए आरोपियों पर 1 दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत हैं.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
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Published : Sep 20, 2020, 9:13 PM IST

लखनऊ: पीजीआई पुलिस ने आज तीन 25-25 हजार के इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया है. अपराधी अली बुलियन कंपनी के नाम पर हजारों करोड़ों रुपये की लोगों से ठगी कर चुके हैं. पकड़े गए आरोपियों पर 1 दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत हैं. अली बुलियन कंपनी के मास्टरमाइंड को पुलिस कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

पीजीआई पुलिस ने आज मुखबिर की सूचना पर सेक्टर-8 अंडरपास वृंदावन योजना के पास से सुबह 8:20 पर तीनों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए गिरोह के मास्टरमाइंड सरगना अजीत गुप्ता द्वारा अली बुलियन नाम की कंपनी खोली गई, जिसे पूर्व में थाना पीजीआई द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इसके द्वारा बनाई गई फ्रॉड कंपनियों का काम हीरा, सोने व चांदी के सिक्कों के व्यापार करने को दर्शाया गया था.

कंपनी कोई व्यापार बातों में नहीं करती थी. इसके द्वारा जनता से विशेषकर किसानों और सेवानिवृत्त हुए फौजियों और जमा धन रखे लोगों को टारगेट बनाकर काम किया जाता था. लोगों को 40% वार्षिक लाभ का लालच देकर लोगों से कर्ज के तौर पर नोटरी हलफनामा बनवाकर 40% मुनाफा का वायदा करके रुपये ले लेते थे. इसी तरह की धोखाधड़ी से भारी लाभ अर्जित करके अचूक संपत्ति इकट्ठा कर ली.

2016 में देशभर में नोटबंदी लागू होने तक इसका गोरखधंधा फलता फूलता रहा, लेकिन नोटबंदी के बाद लोगों ने निजी अवस्थाओं के कारण कंपनी में निवेश करने के प्रस्ताव को ठुकरा कर अपना रुपया वापस मांगा. 2018 में व्यक्तिगत लोन की धनराशि रुपये 20,000 तक अधिकतम धनराशि अध्यादेश के तहत सरकार द्वारा निर्धारित की गई. तब इस गिरोह द्वारा अपनी बनाई फ्रॉड कंपनी में निवेशकों का रुपया स्थानांतरण किए जाने लगा.

निवेशकों द्वारा रुपये मांगने पर यह टालमटोल करने लगा और मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया. पीड़ित लोगों ने विभिन्न जनपदों में इसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया. तभी से कई जनपदों की पुलिस इसकी तलाश में जुट गई थी. पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला कि अली बुलियन कंपनी ने लोगों के साथ बैठकर करीब 6 हजार करोड़ रुपये का गबन किया है. पुलिस ने इसके मास्टरमाइंड अजीत गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

बाकी तीन साथियों को आज पीजीआई पुलिस ने थाना क्षेत्र में सुबह गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए अभियुक्त में विष्णु कुमार गुप्ता पुत्र भगवती प्रसाद गुप्ता निवासी विराट खंड थाना गोमती नगर लखनऊ.दूसरा अभियुक्त प्रदीप सिंह पुत्र नवल सिंह निवासी विराट खंड थाना गोमती नगर व तीसरे ने अपना नाम राम गोपाल गुप्ता पुत्र भगवती प्रसाद गुप्ता निवासी कृषि विश्वविद्यालय के सामने थाना कुमारगंज जिला अयोध्या बताया है. यह तीनों लखनऊ के गोमती नगर में ही रहते थे. पुलिस गिरफ्तार किए गए अभियुक्त को जेल भेज रही है.

लखनऊ: पीजीआई पुलिस ने आज तीन 25-25 हजार के इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया है. अपराधी अली बुलियन कंपनी के नाम पर हजारों करोड़ों रुपये की लोगों से ठगी कर चुके हैं. पकड़े गए आरोपियों पर 1 दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत हैं. अली बुलियन कंपनी के मास्टरमाइंड को पुलिस कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

पीजीआई पुलिस ने आज मुखबिर की सूचना पर सेक्टर-8 अंडरपास वृंदावन योजना के पास से सुबह 8:20 पर तीनों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए गिरोह के मास्टरमाइंड सरगना अजीत गुप्ता द्वारा अली बुलियन नाम की कंपनी खोली गई, जिसे पूर्व में थाना पीजीआई द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इसके द्वारा बनाई गई फ्रॉड कंपनियों का काम हीरा, सोने व चांदी के सिक्कों के व्यापार करने को दर्शाया गया था.

कंपनी कोई व्यापार बातों में नहीं करती थी. इसके द्वारा जनता से विशेषकर किसानों और सेवानिवृत्त हुए फौजियों और जमा धन रखे लोगों को टारगेट बनाकर काम किया जाता था. लोगों को 40% वार्षिक लाभ का लालच देकर लोगों से कर्ज के तौर पर नोटरी हलफनामा बनवाकर 40% मुनाफा का वायदा करके रुपये ले लेते थे. इसी तरह की धोखाधड़ी से भारी लाभ अर्जित करके अचूक संपत्ति इकट्ठा कर ली.

2016 में देशभर में नोटबंदी लागू होने तक इसका गोरखधंधा फलता फूलता रहा, लेकिन नोटबंदी के बाद लोगों ने निजी अवस्थाओं के कारण कंपनी में निवेश करने के प्रस्ताव को ठुकरा कर अपना रुपया वापस मांगा. 2018 में व्यक्तिगत लोन की धनराशि रुपये 20,000 तक अधिकतम धनराशि अध्यादेश के तहत सरकार द्वारा निर्धारित की गई. तब इस गिरोह द्वारा अपनी बनाई फ्रॉड कंपनी में निवेशकों का रुपया स्थानांतरण किए जाने लगा.

निवेशकों द्वारा रुपये मांगने पर यह टालमटोल करने लगा और मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया. पीड़ित लोगों ने विभिन्न जनपदों में इसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया. तभी से कई जनपदों की पुलिस इसकी तलाश में जुट गई थी. पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला कि अली बुलियन कंपनी ने लोगों के साथ बैठकर करीब 6 हजार करोड़ रुपये का गबन किया है. पुलिस ने इसके मास्टरमाइंड अजीत गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

बाकी तीन साथियों को आज पीजीआई पुलिस ने थाना क्षेत्र में सुबह गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए अभियुक्त में विष्णु कुमार गुप्ता पुत्र भगवती प्रसाद गुप्ता निवासी विराट खंड थाना गोमती नगर लखनऊ.दूसरा अभियुक्त प्रदीप सिंह पुत्र नवल सिंह निवासी विराट खंड थाना गोमती नगर व तीसरे ने अपना नाम राम गोपाल गुप्ता पुत्र भगवती प्रसाद गुप्ता निवासी कृषि विश्वविद्यालय के सामने थाना कुमारगंज जिला अयोध्या बताया है. यह तीनों लखनऊ के गोमती नगर में ही रहते थे. पुलिस गिरफ्तार किए गए अभियुक्त को जेल भेज रही है.

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