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BBAU में चल रही तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार, कई विशेषज्ञ हुए शामिल - लखनऊ खबर

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी 2020 विषय पर चल रही तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार शनिवार को दूसरे दिन था. आज कि वेबिनार में बताया गया कि ग्रेफीन झिल्ली का उपयोग करके रिवर्स ऑस्मोसिस द्वारा समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाया जा सकता है.

BBAU में चल रही तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार
BBAU में चल रही तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार
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Published : Nov 28, 2020, 10:23 PM IST

लखनऊ: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी 2020 विषय पर चल रहे तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार शनिवार को दूसरे दिन था. इस वेबिनार में बताया कि ग्रेफीन झिल्ली का उपयोग करके रिवर्स ऑस्मोसिस द्वारा समुद्र से पानी को निकाला जा सकता है. ऐसे उपकरण गर्मियों के दौरान चेन्नई, तमिलनाडु के समुद्री खाड़ी स्तर में उपयोगी होते हैं, जहां ये उपकरण ग्रेफीन झिल्ली का उपयोग करके रिवर्स ऑस्मोसिस द्वारा पीने के पानी की समस्या को हल करने में सक्षम होते हैं.

नैनोकोम्पोसाइट्स में संरचना-गुणों के सहसंबंध पर की गई चर्चा
वेबिनार विवि के माननीय कुलपति आचार्य संजय सिंह के संरक्षण में आयोजित हो रहा है. विवि के भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इस वेबिनार के संयोजक प्रोफेसर बीसी यादव, हेड डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स तथा अध्यक्ष प्रोफेसर बीएस भदौरिया, डीन स्कूल ऑफ फिजिकल एंड डिसीजन साइंसेज हैं. कार्यक्रम में त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू नेपाल के रामेश्वर अधिकारी ने कॉपोलीस्टर आधारित कम्पोस्टेबल माइक्रो और नैनोकोम्पोसाइट्स में संरचना-गुणों के सहसंबंध पर बात की.

सीएसआईआर एएमपीआरआई भोपाल के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने फ्लेक्सिबल एनर्जी जनरेशन के लिए नैनो आकार के पदार्थों के बारे में चर्चा की. उन्होंने पीजो इलेक्ट्रिसिटी और पीजो इलेक्ट्रिक जनरेटर के बारे में विद्यार्थियों को बताया. उन्होंने बताया कि नैनोजेनरेटर (एनजी) के आधार पर लचीले उपकरणों के लिए नैनोस्ट्रक्चर पीजी मटेरियल का उपयोग कैसे किया जा सकता है. लचीले उपकरणों के लिए इस तरह के नैनोस्ट्रक्टेड सामग्रियों में, विभिन्न कंपोजिट वाले जिंक ऑक्साइड का उपयोग मिलीवोल्ट (एमवी) तक आउटपुट वोल्टेज प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इस तरह के उपकरण का उपयोग मुफ्त ऊर्जा जनरेटर, पेसमेकर आदि में किया जा सकता है.

शोध छात्रों द्वारा तीन ओरल प्रेजेंटेशन भी गए दिए
इसके अलावा संकाय और शोध छात्रों द्वारा तीन ओरल प्रेजेंटेशन भी दिए गए. यूआईईटी बीबीएयू से डॉ. ऋचा श्रीवास्तव ने नैनोसाइज्ड कॉपर फेराइट के संश्लेषण और लक्षण वर्णन और नमी सेंसर में इसके अनुप्रयोग को प्रस्तुत किया. श्री कृष्ण पाल ने सल्फर की संरचना में भिन्नता के साथ कॉपर जिंक टिन सल्फाइड (CZTS) केस्टराइट चरण के संश्लेषण पर अपना शोध प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के अंत मे प्रो. बीसी यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया.

लखनऊ: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी 2020 विषय पर चल रहे तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार शनिवार को दूसरे दिन था. इस वेबिनार में बताया कि ग्रेफीन झिल्ली का उपयोग करके रिवर्स ऑस्मोसिस द्वारा समुद्र से पानी को निकाला जा सकता है. ऐसे उपकरण गर्मियों के दौरान चेन्नई, तमिलनाडु के समुद्री खाड़ी स्तर में उपयोगी होते हैं, जहां ये उपकरण ग्रेफीन झिल्ली का उपयोग करके रिवर्स ऑस्मोसिस द्वारा पीने के पानी की समस्या को हल करने में सक्षम होते हैं.

नैनोकोम्पोसाइट्स में संरचना-गुणों के सहसंबंध पर की गई चर्चा
वेबिनार विवि के माननीय कुलपति आचार्य संजय सिंह के संरक्षण में आयोजित हो रहा है. विवि के भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इस वेबिनार के संयोजक प्रोफेसर बीसी यादव, हेड डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स तथा अध्यक्ष प्रोफेसर बीएस भदौरिया, डीन स्कूल ऑफ फिजिकल एंड डिसीजन साइंसेज हैं. कार्यक्रम में त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू नेपाल के रामेश्वर अधिकारी ने कॉपोलीस्टर आधारित कम्पोस्टेबल माइक्रो और नैनोकोम्पोसाइट्स में संरचना-गुणों के सहसंबंध पर बात की.

सीएसआईआर एएमपीआरआई भोपाल के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने फ्लेक्सिबल एनर्जी जनरेशन के लिए नैनो आकार के पदार्थों के बारे में चर्चा की. उन्होंने पीजो इलेक्ट्रिसिटी और पीजो इलेक्ट्रिक जनरेटर के बारे में विद्यार्थियों को बताया. उन्होंने बताया कि नैनोजेनरेटर (एनजी) के आधार पर लचीले उपकरणों के लिए नैनोस्ट्रक्चर पीजी मटेरियल का उपयोग कैसे किया जा सकता है. लचीले उपकरणों के लिए इस तरह के नैनोस्ट्रक्टेड सामग्रियों में, विभिन्न कंपोजिट वाले जिंक ऑक्साइड का उपयोग मिलीवोल्ट (एमवी) तक आउटपुट वोल्टेज प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इस तरह के उपकरण का उपयोग मुफ्त ऊर्जा जनरेटर, पेसमेकर आदि में किया जा सकता है.

शोध छात्रों द्वारा तीन ओरल प्रेजेंटेशन भी गए दिए
इसके अलावा संकाय और शोध छात्रों द्वारा तीन ओरल प्रेजेंटेशन भी दिए गए. यूआईईटी बीबीएयू से डॉ. ऋचा श्रीवास्तव ने नैनोसाइज्ड कॉपर फेराइट के संश्लेषण और लक्षण वर्णन और नमी सेंसर में इसके अनुप्रयोग को प्रस्तुत किया. श्री कृष्ण पाल ने सल्फर की संरचना में भिन्नता के साथ कॉपर जिंक टिन सल्फाइड (CZTS) केस्टराइट चरण के संश्लेषण पर अपना शोध प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के अंत मे प्रो. बीसी यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया.

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