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भारतीय भाषा महोत्सव में बोले सीएम, संस्कृत पढ़ने वाला व्यक्ति कभी भूखा नहीं मर सकता

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Published : Feb 22, 2020, 11:32 PM IST

उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान और लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से आयोजित तीन दिवसीय भारतीय भाषा महोत्सव का शनिवार को शुभारंभ हुआ. महोत्सव को शुभारंभ करने पहुंचे सीएम योगी ने लोगों को संबोधित किया.

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सीएम योगी आदित्यनाथ.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय भारतीय भाषा महोत्सव का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को शुभारंभ किया. इस महोत्सव में विभिन्न प्रदेशों और देशों के तमाम साहित्यकार जुटे हैं. तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में सभी भाषा सहित्य पर विचार, मंथन और मनन किया जाएगा. कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई पुस्तकों का विमोचन भी किया.

संबोधित करते सीएम योगी.
इस मौके पर उपस्थित गण्यमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाषा और साहित्य के उत्थान पर विचार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय साधना व संस्कृति का आधार भारतीय भाषा के इन सभी मनीषियों की उपस्थिति बहुत कुछ संदेश दे रही है. ये महोत्सव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का 150वां जयंती वर्ष है, साथ ही साथ इस विश्वविद्यालय में भाषा महोत्सव संपन्न कर रहे हैं.

इस विश्वविद्यालय का यह शताब्दी वर्ष प्रारंभ हुआ है और इस शताब्दी वर्ष में लखनऊ विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा महोत्सव का आयोजन भारतीयता के प्रति हम सब के भावों को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा. उन्होंने सभी भाषाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अवधी को भले ही भारतीय संविधान ने मान्यता न दी हो, लेकिन रामचरितमानस को तो भारत का जन-जन पाठ करके मान्यता दे रहा है.

ये भी पढ़ें- उन्नाव के डीएम देवेन्द्र कुमार पांडेय निलंबित, रवींद्र कुमार बने नए जिलाधिकारी

सीएम योगी ने कहा कि संस्कृत पढ़ने वाला व्यक्ति कभी भूखा नहीं मर सकता. संस्कृत सभी भाषाओं का आधार है. जितनी भी भाषाएं हैं यहां तक कि दुनिया की तमाम ऐसी भाषाएं हैं, जिनका आधार संस्कृत ही है. सभी को एक साथ जोड़ने की क्षमता संस्कृत रखती है. देश के बड़े भूभाग को जोड़ने का कार्य हिंदी करती है. हम भारतवासियों को इस बात में गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि दुनिया को साहित्य का पाठ हम लोगों ने पढ़ाया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे साथ तमाम देशों के राजदूत बात करने आते हैं और वे अंग्रेजी में बात करते हैं, लेकिन मैं हिंदी का इस्तेमाल करता हूं. अब वे लोग खुद हिंदी सीखने लगे हैं और अब हिंदी में संवाद करते हैं. यह एक नई शुरुआत है. वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुलकर हिंदी में बात करते हैं.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय भारतीय भाषा महोत्सव का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को शुभारंभ किया. इस महोत्सव में विभिन्न प्रदेशों और देशों के तमाम साहित्यकार जुटे हैं. तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में सभी भाषा सहित्य पर विचार, मंथन और मनन किया जाएगा. कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई पुस्तकों का विमोचन भी किया.

संबोधित करते सीएम योगी.
इस मौके पर उपस्थित गण्यमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाषा और साहित्य के उत्थान पर विचार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय साधना व संस्कृति का आधार भारतीय भाषा के इन सभी मनीषियों की उपस्थिति बहुत कुछ संदेश दे रही है. ये महोत्सव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का 150वां जयंती वर्ष है, साथ ही साथ इस विश्वविद्यालय में भाषा महोत्सव संपन्न कर रहे हैं.

इस विश्वविद्यालय का यह शताब्दी वर्ष प्रारंभ हुआ है और इस शताब्दी वर्ष में लखनऊ विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा महोत्सव का आयोजन भारतीयता के प्रति हम सब के भावों को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा. उन्होंने सभी भाषाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अवधी को भले ही भारतीय संविधान ने मान्यता न दी हो, लेकिन रामचरितमानस को तो भारत का जन-जन पाठ करके मान्यता दे रहा है.

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सीएम योगी ने कहा कि संस्कृत पढ़ने वाला व्यक्ति कभी भूखा नहीं मर सकता. संस्कृत सभी भाषाओं का आधार है. जितनी भी भाषाएं हैं यहां तक कि दुनिया की तमाम ऐसी भाषाएं हैं, जिनका आधार संस्कृत ही है. सभी को एक साथ जोड़ने की क्षमता संस्कृत रखती है. देश के बड़े भूभाग को जोड़ने का कार्य हिंदी करती है. हम भारतवासियों को इस बात में गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि दुनिया को साहित्य का पाठ हम लोगों ने पढ़ाया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे साथ तमाम देशों के राजदूत बात करने आते हैं और वे अंग्रेजी में बात करते हैं, लेकिन मैं हिंदी का इस्तेमाल करता हूं. अब वे लोग खुद हिंदी सीखने लगे हैं और अब हिंदी में संवाद करते हैं. यह एक नई शुरुआत है. वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुलकर हिंदी में बात करते हैं.

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