लखनऊ: साइबर क्राइम सेल ने हसनगंज पुलिस के साथ मिलकर एक ऐसे साइबर जालसाज गिरोह को गिरफ्तार करने का दावा किया है, जो फर्जी कॉल सेंटर चलाकर लोगों से ठगी करने का काम करते थे. वहीं गिरोह का मास्टरमाइंड दिल्ली में बैठकर फर्जी कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था. लखनऊ में अभिषेक नामक शातिर जालसाज अपने साथियों के साथ मिलकर यह कॉल सेंटर चला रहा था. फर्जी कॉल सेंटर में बैठकर आरोपी लोगों को फोन कर उनसे ठगी करने का काम कर रहे थे. अपराधी ठगी रकम को आपस में बांट लेते थे. साइबर जालसाजों की गिरफ्तारी चिनहट इलाके के मटियारी से हुई है. जहां अक्टूबर माह से कॉल सेंटर चल रहा था.
कई राज्यों में चलाया जा रहा फेक कॉल सेंटर
मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में बैठकर आमिर नामक युवक अपने मित्र अभिषेक कुमार पाल, अशोक कुमार पाल और राजकुमार वर्मा के साथ मिलकर लॉकडाउन के बाद अक्टूबर माह में चिनहट के मटियारी के पास गो-इंडिया नाम से एक फर्जी कॉल सेंटर खोला था. जिसका रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ था. यह गिरोह दिल्ली, लखनऊ समेत कई अन्य राज्यों में इस तरह फर्जी कॉल सेंटर चलाकर बुजुर्ग और रिटायर्ड लोगो के नंबरों पर फोन कर उनको क्रेडिट कार्ड के नाम पर लुभावने सपने दिखा कर उनको अपना निशाना बनाने का काम कर रहे थे.
जालसाज SBI के वर्चुअल नंबर का कर रहे थे इस्तेमाल
पुलिस की मानें तो पकड़े गए यह शातिर जालसाज फर्जी कॉल सेंटर को चलाने के लिए बेरोजगार लोगों का अभी हाल ही के दिनों में इंटरव्यू लेकर कुछ लड़कियों की ज्वाइनिंग की थी. जिन्हें आरोपी राजकुमार ने कुछ मोबाइल दिए थे. जिसमें एसबीआई बैंक का वर्चुअल नंबर था. उसके साथ ही कुछ लोगों के मोबाइल नंबर देकर उनको फोन कर क्रेडिट कार्ड की तरह-तरह की स्कीम बताकर उनको अपने झांसे में लेने का काम करते थे. कॉल के झांसे में आने के बाद उनकी कॉल को अभिषेक, राजकुमार व अशोक में जो फ्री होता था उसको फारवर्ड कर दी जाती थी.
हसनगंज थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
डीसीपी साइबर क्राइम सेल पीके तिवारी का कहना है कि अभी एक जनवरी को हसनगंज थाना में सिराज नामक युवक ने मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें उनकी शिकायत थी कि एक एसबीआई बैंक नंबर से उनको फोन आया था और क्रेडिट कार्ड की बात कहकर उनको एक मैसेज भेजा. मैसेज भेजते ही एक ओटीपी आया. इस ओटीपी को उन्होंने मांगा. ओटीपी देने के बाद ही उनके बैंक खाते से 30 हजार रुपये निकल गये.
आरोपियों के पास से सामान बरामद
इस मामले की स्थानीय पुलिस के साथ साइबर टीम भी काम कर रही थी. इसी दौरान इन अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है. पकड़े गए अपराधियों की पहचान अभिषेक कुमार पाल मऊ निवासी, अशोक कुमार पाल आजमगढ़ निवासी और राजकुमार वर्मा नई दिल्ली निवासी के रूप में कराई है. पकड़े गए आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, आठ सिम कार्ड, दो एटीएम कार्ड, चार मोबाइल, एक फर्जी मोहर और दो राउटर बरामद किये हैं.