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बिजली विभाग में कैसे हो सुधार, जब खाली हैं कई हजार पद

उत्तर प्रदेश विद्युत विभाग में कई हजार पद रिक्त पड़े हुए हैं. रिक्त पदों को भरने के लिए विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की.

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा
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Published : Oct 20, 2020, 12:00 PM IST

लखनऊ: बिजली विभाग में सुधार के लिए मैन पावर की आवश्यकता है, लेकिन विभाग में पहले से ही मैन पावर की काफी कमी है. यही वजह है कि विभाग में तेजी से सुधार नहीं हो पा रहा है. उपभोक्ताओं की समस्याओं का सही समय पर निपटारा नहीं हो पा रहा है. विभाग में हजारों पद रिक्त हैं, जिसकी वजह से काम प्रभावित है. ऐसे में रिक्त पदों को भरने के लिए विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की.

इतना है मैन पावर का एवरेज

देश का नॉर्म एक हजार उपभोक्ता पर 2.65 कार्मिक आ रहा है, जिसमें तकनीकी व अन्य स्टॉफ शामिल हैं, लेकिन प्रदेश में वर्तमान में केवल लगभग 40 हजार कुल कार्मिक हैं, जिनका नॉर्म एक हजार उपभोक्ता पर मात्रा 1.34 कार्मिक है. ये संख्या बहुत कम है. पूर्व में विद्युत नियामक आयोग ने एक बेंच मार्क स्टडी कराई थी, जिसमें यह बात सामने आई थी कि तकनीकी सहित अन्य स्टाफ की कमी के चलते विभाग की का कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है.

इस व्यवस्था में कार्मिकों की ज्यादा जरूरत

वर्तमान में पूरा सिस्टम ईआरपी पर शिफ्ट होकर ऑनलाइन व्यवस्था में परवर्तित हो रहा है, जिसमे पासवर्ड बेस्ड ऑनलाइन कार्रवाई होगी. ऐसे में ऑनलाइन कोई भी अनुमोदन या संशोधन परमानेंट कार्मिक के जिम्मे ही होगा न कि ठेकेदारी व्यवस्था के कार्मिक के हाथ में. ऐसे में रिक्त पदों को भरा जाना बहुत ही आवश्यक है. वर्तमान में मुआवजा नियम भी प्रदेश में लागू है और उसका क्रियान्वन भी ऑनलाइन डाटा बेस्ड होना है.

बढ़ा बिजली कंपनियों का खर्च

सभी बिजली कम्पनियों में खर्च बढ़ रहा है, जिससे यह साबित होता है कि ठेकेदारी वयवस्था पर ज्यादा खर्च हो रहा है. अगर प्लानिंग के तहत रिक्त पद भरे जाएं तो काम ज्यादा होगा और खर्च कम होगा. वर्ष 2018-19 में खर्च 5345 करोड़ था जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 9752 करोड़ हो गया. इसका सीधा सा मतलब है कि ठेकेदारी व्यवस्था में खर्च ज्यादा हो रहा है, लेकिन काम कम हो रहा है.

बिलजी कार्मिकों की है भारी कमी

वर्तमान में प्रदेश भर में लगभग तीन करोड़ विद्युत उपभोक्ता हैं, जिन्हें उच्च गुणवक्ता की उपभोक्ता सेवा प्रदान करने के लिए मानक के अनुसार कार्मिकों की आवश्यकता है, लेकिन प्रदेश में कार्मिकों की भारी कमी के चलते उपभोक्ताओं को उच्च गुणवक्ता की सेवा नहीं मिल पा रही है. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से रिक्त पदों को उसके सापेक्ष भरे जाने का प्रस्ताव सौंपा.

ऊर्जा मंत्री ने दिया आश्वासन

ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व चेयरमैन पावर कॉर्पोरेशन को लिखित निर्देश जारी किया कि उपभोक्ता हित में तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए कार्रवाई करें. उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को भरोसा दिया कि सरकार रिक्त पदों को भरने पर विचार जरूर करेगी.

लखनऊ: बिजली विभाग में सुधार के लिए मैन पावर की आवश्यकता है, लेकिन विभाग में पहले से ही मैन पावर की काफी कमी है. यही वजह है कि विभाग में तेजी से सुधार नहीं हो पा रहा है. उपभोक्ताओं की समस्याओं का सही समय पर निपटारा नहीं हो पा रहा है. विभाग में हजारों पद रिक्त हैं, जिसकी वजह से काम प्रभावित है. ऐसे में रिक्त पदों को भरने के लिए विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की.

इतना है मैन पावर का एवरेज

देश का नॉर्म एक हजार उपभोक्ता पर 2.65 कार्मिक आ रहा है, जिसमें तकनीकी व अन्य स्टॉफ शामिल हैं, लेकिन प्रदेश में वर्तमान में केवल लगभग 40 हजार कुल कार्मिक हैं, जिनका नॉर्म एक हजार उपभोक्ता पर मात्रा 1.34 कार्मिक है. ये संख्या बहुत कम है. पूर्व में विद्युत नियामक आयोग ने एक बेंच मार्क स्टडी कराई थी, जिसमें यह बात सामने आई थी कि तकनीकी सहित अन्य स्टाफ की कमी के चलते विभाग की का कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है.

इस व्यवस्था में कार्मिकों की ज्यादा जरूरत

वर्तमान में पूरा सिस्टम ईआरपी पर शिफ्ट होकर ऑनलाइन व्यवस्था में परवर्तित हो रहा है, जिसमे पासवर्ड बेस्ड ऑनलाइन कार्रवाई होगी. ऐसे में ऑनलाइन कोई भी अनुमोदन या संशोधन परमानेंट कार्मिक के जिम्मे ही होगा न कि ठेकेदारी व्यवस्था के कार्मिक के हाथ में. ऐसे में रिक्त पदों को भरा जाना बहुत ही आवश्यक है. वर्तमान में मुआवजा नियम भी प्रदेश में लागू है और उसका क्रियान्वन भी ऑनलाइन डाटा बेस्ड होना है.

बढ़ा बिजली कंपनियों का खर्च

सभी बिजली कम्पनियों में खर्च बढ़ रहा है, जिससे यह साबित होता है कि ठेकेदारी वयवस्था पर ज्यादा खर्च हो रहा है. अगर प्लानिंग के तहत रिक्त पद भरे जाएं तो काम ज्यादा होगा और खर्च कम होगा. वर्ष 2018-19 में खर्च 5345 करोड़ था जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 9752 करोड़ हो गया. इसका सीधा सा मतलब है कि ठेकेदारी व्यवस्था में खर्च ज्यादा हो रहा है, लेकिन काम कम हो रहा है.

बिलजी कार्मिकों की है भारी कमी

वर्तमान में प्रदेश भर में लगभग तीन करोड़ विद्युत उपभोक्ता हैं, जिन्हें उच्च गुणवक्ता की उपभोक्ता सेवा प्रदान करने के लिए मानक के अनुसार कार्मिकों की आवश्यकता है, लेकिन प्रदेश में कार्मिकों की भारी कमी के चलते उपभोक्ताओं को उच्च गुणवक्ता की सेवा नहीं मिल पा रही है. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से रिक्त पदों को उसके सापेक्ष भरे जाने का प्रस्ताव सौंपा.

ऊर्जा मंत्री ने दिया आश्वासन

ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व चेयरमैन पावर कॉर्पोरेशन को लिखित निर्देश जारी किया कि उपभोक्ता हित में तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए कार्रवाई करें. उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को भरोसा दिया कि सरकार रिक्त पदों को भरने पर विचार जरूर करेगी.

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