लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में दो चरणों का मतदान हो चुका है. ये मतदान पश्चिमी यूपी की 20 जिलों की 113 सीटों पर सम्पन्न हुए हैं. अब तीसरे चरण के लिए 20 फरवरी यानी कल मतदान है. पश्चिमी यूपी से शुरू हुआ मतदान बुंदेलखंड होते हुए पूर्वांचल की ओर बढ़ रहा है और जब पूर्वांचल की बात होती है तो बाहुबलियों की चर्चा होना तय है. इस बार के यूपी चुनाव में बाहुबलियों की धमक की गूंज जितनी धीमी है, उतनी ही उनकी धड़कने तेज हैं. क्योंकि इस बार का चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य को तय करेगा. कुछ ने तो अपना राजनीतिक कैरियर खत्म मान लिया है तो कुछ अब भी डंटे हुए हैं और कुछ ने अपनी विरासत नई पीढ़ी को सौंप दी है.
एक वक्त था जब यूपी में चुनाव कोई भी हो अतीक अहमद, मुख्तार अंसार, डीपी यादव, रमाकांत यादव, धनंजय सिंह जैसे दर्जन भर बाहुबलियों की फौज चुनावी मैदान में ताल ठोकते थे. लेकिन इस बार कई ऐसे नाम है जो चुनावी मैदान से बाहर है और कुछ अपना वर्चस्व बचाने के लिए अपने परिवार के सदस्य को चुनाव लड़ा रहे हैं. हालांकि कुछ ऐसे भी है जो इस बार भी अपनी जमीन बचाए रखने के लिए डटे हुए हैं.
माफिया धनंजय सिंह मल्हनी से मैदान में
पूर्वांचल में अपनी धमक और भौकाल से हमेसा चर्चा में रहने वाले बाहुबली धनंजय सिंह एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. जेडीयू के टिकट पर जौनपुर की मल्हनी सीट से ताल ठोक रहे हैं. 2017 में उन्होंने इसी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वो हार गए थे. आखिरी जीत उन्हें 2009 के लोकसभा चुनाव में मिली थी, जब उन्होंने बसपा के टिकर पर जौनपुर से चुनाव लड़ा था.
वहीं, धनंजय के इस बार चुनाव लड़ने पर संशय था. लखनऊ में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजित सिंह हत्याकांड में धनंजय को लखनऊ पुलिस ने हत्याकांड का साजिशकर्ता बताया था व उसके खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित किया था. इस मामले में वो वांछित चल रहा था. लेकिन जांच एसटीएफ के पास जाने के बाद पुनः विवेचना में उसके ऊपर से ये आरोप हट गया, जिससे उसने नामांकन कर एक बार फिर सियासत में हलचल मचा दी है.
धनंजय के धुर विरोधी अभय सिंह गोसाईगंज से ठोक रहे ताल
पूर्वांचल के माफिया व बाहुबलियों की लिस्ट में अव्वल अभय सिंह समाजवादी पार्टी के टिकट पर अयोध्या जिले की गोसाईगंज सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अभय सिंह को धनंजय का धुर विरोधी व मुख्तार का सबसे खास माना जाता है. 2012 में पहली बार इस सीट से विधायक बने अभय सिंह 2017 का चुनाव हार गए थे. इस बार फिर वो इसी सीट से ताल ठोक रहे हैं. अभय सिंह के खिलाफ बाहुबली खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी चुनाव लड़ रही हैं. दोनों के ही बीच कांटे की टक्कर है.
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अपनी सियासी जमीन बचाने को मैदान में बाहुबली रमाकांत
आजमगढ़ के बाहुबली रमाकांत यादव जिले की फूलपुर पवई सीट से सपा प्रत्याशी हैं. रमाकांत के सामने अपनी सियासी जमीन बचाये रखने के लिए इस बार का चुनाव जीतना बड़ी चुनौती है. 4 बार सांसद व 4 बार विधायक रह चुके रमाकांत यादव को 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद जीत का स्वाद चखने को नहीं मिला है. ऐसे में अब उनके लिए अपनी राजनीतिक जमीन को उपजाऊ रखने के लिए जीत जरूरी है.
मुख्तार अंसारी ने राजनीतिक विरासत नई पीढ़ी को सौंपी
जिस मुख्तार अंसारी का पूर्वांचल की राजनीति में धमक थी. आज वो खुद चुनाव से दूर बांदा जेल में बंद है. हालांकि जेल में बंद रहते हुए भी वो चुनाव लड़ चुका है. लेकिन अब इसे योगी सरकार की बुल्डोजर स्कीम का असर कहें या फिर अपने राजनीतिक भविष्य को खत्म होते देख व बेटे के राजनीतिक भविष्य को सुधारने के लिए खुद चुनावी मैदान से दूर हो गया है. मुख्तार ने अपनी राजनीतिक जमीन अपने बेटे अब्बास अंसारी को सौंप दी है.
जिस सीट से मुख्तार 5 बार विधायक रह चुका है उस सीट मऊ सदर से उसका बड़ा बेटा अब्बास अंसारी सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है. अब्बास अंसारी के खिलाफ भी एसटीएफ आर्म्स एक्ट के मामलें में जांच कर रही है. वहीं मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह ने भी अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे को दे दी है. समाजवादी पार्टी ने मोहम्मदाबाद सीट से सिबगतुल्लाह के बेटे शोएब अंसारी को प्रत्याशी बनाया है. सिबगतुल्लाह दो बार विधायक रह चुके हैं.
बाहुबली अमरमणि की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे अमनमणि त्रिपाठी
महराजगंज की नौतनवां सीट से बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि बसपा के उम्मीदवार हैं. अमरमणि मधुमिता हत्याकांड के मामले में जेल में है तो अमनमणि अपनी पत्नी सारा सिंह की हत्या के मामलें में बेल पर है. बाहुबली पिता की ही राह पर चल रहे अमनमणि भी किसी बाहुबली से कम नहीं है. 2017 का चुनाव जेल से जीत कर उसने पूर्वांचल में अपनी धमक बनाने में सफलता हासिल की है. हालांकि इस बार के चुनाव में कितनी सफलता मिलती है यह कहना मुश्किल है.
सैयदराजा सीट से बाहुबली बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह चुनाव मैदान में
पूर्वांचल के बाहुबलियों की सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त कर चुके माफिया डॉन व बाहुबली ब्रजेश सिंह जो जेल में बंद है और फिलहाल वो सक्रीय राजनीति में एक्टिव नहीं है. लेकिन उसका भतीजा सुशील सिंह भाजपा की टिकट पर सैयदराजा सीट से चुनाव लड़ रहा है. वर्तमान में भी सुशील सैयदराजा से विधायक हैं.
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