लखनऊ : राजधानी में उत्तर प्रदेश सहकारिता बैंक (Uttar Pradesh Cooperative Bank) की हजरतगंज ब्रांच से 146 करोड़ रुपये उड़ाने की साजिश करने वाले तीसरे मास्टरमाइंड को साइबर क्राइम टीम ने गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने बैंक से 146 करोड़ उड़ाने की योजना का खुलासा करते हुए कई अन्य आरोपियों के भी नाम उगले हैं.
एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह के मुताबिक, सहकारिता बैंक से 146 करोड़ उड़ाने वाले गैंग के मास्टरमाइंड ज्ञानदेव पाल, जो मूलरूप से शाहजहांपुर की नई बस्ती तरीन गादीपुरा का रहने वाला है, उसने लोकभवन में तैनात सेक्शन अफसर रामराज और शातिर ध्रुव कुमार श्रीवास्तव के साथ मिलकर सहकारिता बैंक से 300 करोड़ रुपये उड़ाने की साजिश रची थी. इस योजना में सीतापुर महमूदाबाद में सहकारिता बैंक के सहायक प्रबंधक कर्मवीर सिंह, आकाश कुमार श्रीवास्तव, भूपेंद्र, सतीश और बैंक के पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे को शामिल किया था. आरोपी ने पूछताछ में बैंक के कई अधिकारी व कर्मचारियों के नाम उगले हैं.
आरोपी ज्ञान देव ने पूछताछ में बताया कि वह अपने अन्य साथी, जिसमें इसी बैंक के पूर्व मैनेजर व अन्य तीन साथी कई दिन तक बैंक की रेकी करते थे. इसी दौरान बैंक के पूर्व मैनेजर दुबे और साइबर एक्सपर्ट ने बैंक के दो कर्मचारियों की यूजर आईडी व पासवर्ड हासिल कर लिया. इसके जरिए 146 करोड़ रुपये एक बिल्डर व ठेकेदार के आठ खातों में ट्रांसफर कर दिए.
बता दें, 16 अक्टूबर को सहकारिता बैंक की हजरतगंज शाखा से 146 करोड़ उड़ाने के मामले में साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. वारदात के दो दिन बाद ही पूर्व मैनेजर आरएस दुबे, सोलर कंपनी के मालिक व बिल्डर के भाई सुखसागर सिंह चौहान को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद साइबर हैकर सतीश, लोकभवन के सेक्शन अफसर रामराज, मास्टर माइंड ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, आकाश कुमार श्रीवास्तव, कोआपरेटिव बैंक के महमूदाबाद के सहायक मैनेजर कर्मवीर सिंह, भूपेंद्र को गिरफ्तार किया गया था. ज्ञानदेव फरार चल रहा था. उस पर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर अजीत यादव के मुताबिक, 146 करोड़ की हेराफेरी के मास्टरमाइंड तीन लोग हैं. इसमें लोकभवन का सेक्शन अफसर रामराज, ध्रुव कुमार श्रीवास्तव और ज्ञानदेव पाल ने अपने पास से एक करोड़ रुपये खर्च किए. वहीं 18 महीने में 300 करोड़ रुपये बैंक के खाते से उड़ाने की साजिश रची, लेकिन 14 अक्टूबर की शाम 6 बजे आरोपियों ने कोआपरेटिव बैंक के एनएडी अनुभाग (कृषियेत्तर ऋण अनुभाग) के खाते से 146 करोड़ रुपये एक बार में सीबीएस आईडी से अनधिकृत रूप से आईसीआईसीआई व एचडीएफसी बैंक के आठ खातों में आरटीजीएस किया गया था.
पुलिस के मुताबिक, शातिर हैकर ध्रुव कुमार श्रीवास्तव ने इस हेराफेरी के लिए 50 लाख रुपये का इंतजाम किया था. वहीं रामराज व ज्ञानदेव पाल ने 50 लाख रुपये का इंतजाम किया था.
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