लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो खुद को यूपी के मंत्रियों का पीआरओ बताकर बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था. एसटीएफ ने गिरोह के 3 लोगों को गिरफ्तार किया है.
यूपी एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम ने बताया कि लखनऊ समेत कई जिलों में यह गिरोह सक्रिय था, गिरोह के सदस्य खुद को कई मंत्रियों का पीआरओ या फिर अधिकारियों का स्टाफ अफसर बताकर बेरोजगार युवक युवतियों को परिवहन विभाग, एसजीपीजीआई, केजीएमयू में एएनएम, जीएनएम के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे.
इस मामले में लखनऊ के विभूतिखंड थाने में एफआईआर भी दर्ज हुई थी. इसके बाद एसटीएफ ने जांच शुरू की तो पता चला कि लखनऊ के राम व्यास उर्फ गुड्डू सिंह, शैलेश यादव व आदित्य श्रीवास्तव बेरोजगारों को ठगने का काम कर रहे है. विभूतिखंड से तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
विशाल विक्रम ने बताया कि गिरफ्तार किए गए ठगों के मोबाइल में व्हाट्सअप चैट मिली है, जिसमें वो विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने से संबंधित बातें किया करते थे. मोबाइल में ही शिक्षा विभाग व परिवहन विभाग समेत कई सरकारी विभागों के नियुक्ति पत्र भी बरामद हुए है.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों व प्रमुख सचिवों का निजी स्टॉफ और करीबी होने का झांसा देकर बेरोजगार युवक-युवतियों को परिवहन विभाग में परिचालक के पद पर व एसजीपीजीआई, केजीएमयू में एएनएम-जीएनएम पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे. आरोपी राम व्यास उर्फ गुड्डू सिंह ने बताया कि 3 साल पहले उसने अपने ही गांव के चंदन सिंह नाम के एक लड़के से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 8 लाख रुपए लिया था. यही नही वो अन्य आरोपी आदित्य और शैलेश को झांसे में रखकर शिकार लाकर देता था और उनसे जो पैसा मिलता है, उसे हम लोग आपस में बांट लेते थे.
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