लखनऊ: प्रतापगढ़ में बारातियों से भरी एक बोलेरो कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 14 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. इनमें 6 बच्चे भी शामिल हैं. इस हृदय विदारक घटना ने एक बार फिर परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस समय कोरोना के कारण परिवहन विभाग का चेकिंग अभियान पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है. ऐसे में बेखौफ होकर लोग यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.
प्रतापगढ़ की घटना से पहले भी तमाम ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें सीटिंग कैपेसिटी से ज्यादा सवारियां बैठे होने के कारण दुर्घटना हुई और मौके पर ही कई लोगों की मौत हो गई. हालांकि परिवहन विभाग की तरफ से जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाता है, लेकिन लोग यातायात नियमों का पालन करने से गुरेज करते हैं और यही दुर्घटना का बड़ा कारण बनता है.
आज के समय में सड़क हादसों की संख्या काफी इजाफा हो गया है और इस समस्या का कोई एक कारण नहीं है वास्तव में ऐसे कई सारे कारण है जो सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ावा देने का काम करते हैं. इनमें यातायात नियमों की जानकारी न होना, सड़कों की स्थिति ठीक न होना, वाहन चलाते समय सुरक्षा सावधानियां न बरतना.
सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के साथ ही इन दुर्घटनाओं में जान गवाने वालों की भी संख्या बढ़ती जा रही है. अगर इस समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो सड़क दुर्घटना की यह समस्या आगे चलकर और भी भयावह रूप धारण कर लेगी. सामान्यतः सड़क दुर्घटनाओं का मूल कारण यातायात नियमों की जानकारी ना होना, अपरिपक्व चालक द्वारा वाहन चलाना, सीमा गति से अधिक गति में वाहन चलाना, सुरक्षा उपायों की अनदेखी करना, यातायात नियमों का पालन ना करना और सड़कों की स्थिति खराब होना शामिल है.
- सड़क पर चलने वाले सभी को अपने बाएं तरफ होकर चलना चाहिए खासतौर से चालक को और दूसरी तरफ से आ रहे वाहन को जाने देना चाहिए.
- चालक को सड़क पर गाड़ी घुमाते समय गति धीमी रखनी चाहिए.
- अधिक व्यस्त सड़कों और रोड जंक्शन पर चलते समय ज्यादा सावधानी बरतें.
- दोपहिया वाहन चालकों को अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट पहनने चाहिये, उन्हें बिना हेलमेट के रोड पर नहीं आना चाहिए.
- गाड़ी की गति निर्धारित सीमा तक ही रखें खासतौर से स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलोनी आदि क्षेत्रों में.
- सभी वाहनों को दूसरे वाहनों से निश्चित दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
- सड़कों पर चलने वाले सभी लोगों को रोड पर बने निशान और नियमों की अच्छे से जानकारी हो.
- यात्रा के दौरान सड़क सुरक्षा के नियम-कानूनों को जेहन में रखें.
- यातायात लाइटों के सभी नियमों, नियंत्रकों और चिन्हों का अनुसरण करना चाहिए.
- स्कूल में शिक्षकों के द्वारा उचित शिक्षा पाने और घर पर अपने अभिवावकों से बच्चों को सही ज्ञान के द्वारा सड़क सुरक्षा के बारे में अच्छे से अभयस्त होना चाहिए.
सड़क सुरक्षा से जुड़ी जानकारी - पैदल चलते वक्त हमेशा फुटपाथ का प्रयोग करना चाहिए और जहां फुटपाथ न हो वहां हमेशा सड़क की बाईं ओर से चलना चाहिए.
- वाहन चलाते या सड़क यात्रा के वक्त कभी जल्दबाजी ना दिखाएं, कभी भी सिग्नल तोड़कर या जल्दबाजी में भागकर रास्ता पार ना करें.
- ट्रैफिक सिग्नल व नियमों की पूरी जानकारी रखें और हमेशा इनका पालन करें.
- सड़क पार करते समय जेब्रा क्रॉसिंग, फुट ओवर ब्रिज से गुजरें और जहां यह सुविधाएं न हों, वहां सड़क के दोनों तरफ देखकर ही सड़क पार करें.
- कभी भी रेड सिग्नल पर सड़क पार करने का प्रयास न करें.
- सड़क पार करते वक्त हमेशा ग्रीन सिग्नल का ध्यान रखें.
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे कि बस आदि में दौड़कर चढ़ने की कोशिश न करें.
- वाहन चलाते वक्त मोबाइल का उपयोग न करना.
सड़क हादसों से जुड़े तथ्य
- पूरे विश्व भर में प्रतिवर्ष 13 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं.
- भारत में प्रतिवर्ष 1.5 लाख लोगों की सड़क हादसों में मृत्यु हो जाती है.
- शराब पीकर गाड़ी चलाना सड़क हादसों का सबसे प्रमुख कारण हैं.
- पूरे वर्ष सड़क हादसों में होने वाली मृत्यु में 25 प्रतिशत दोपहिया वाहन चालक होते हैं.
- देश में होने वाले सड़क हादसों में लगभग 16 बच्चे प्रतिदिन अपनी जान गवा बैठते हैं.
सड़क पर चलते समय यातायात नियमों का पालन जरूर करना चाहिए. जहां यातायात नियमों का पालन नहीं होता, वहीं दुर्घटना हो जाती है. ओवर स्पीडिंग इसका मुख्य कारण होता है. ओवरस्पीडिंग न करें. शराब पीकर वाहन न चलाएं. दो पहिया वाहन पर चलते समय हेलमेट का इस्तेमाल जरूर करें. फोन पर बात न करें. ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन न करें. इसके अलावा सीटिंग कैपेसिटी से ज्यादा यात्री न बैठाएं. यह एक तरह का अपराध है और दुर्घटना होने पर सीटिंग कैपेसिटी से ज्यादा यात्री पाए जाने पर प्रति व्यक्ति ₹1000 का जुर्माना लगता है. चालान के साथ वाहन सीज की भी कार्रवाई की जाती है.
-विदिशा सिंह, आरटीओ प्रवर्तन