लखनऊः विधानसभा सदन में शुक्रवार को कार्यवाही के शून्य प्रहर में बसपा के वरिष्ठ सदस्य उमाशंकर सिंह और सपा के सदस्य लालजी वर्मा ने दो घटनाओं का उल्लेख करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया. बसपा के उमाशंकर सिंह ने उन्नाव के असोहा थाने में एक युवती की गला रेतकर हत्या किए जाने और आरोपियों पर कार्रवाई न होने का मामला उठाया. वहीं, सपा के लालजी वर्मा ने अपने क्षेत्र की घटना का जिक्र करते हुए घटना में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने का मामला उठाया.
सवालों के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि वर्तमान सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि कानून व्यवस्था है. इसके चलते प्रदेश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को दोबारा सरकार बनाने का मौका दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा न किसी को बचाने की है न ही किसी निर्दोष को फंसाने की है.
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि 'एनसीआरबी के रिकॉर्ड को देखें तो पता चलता है कि प्रदेश में अपराधिक घटनाओं का ग्राफ गिरा है. बसपा के सदस्य उमाशंकर सिंह ने उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र की जिस घटना का उल्लेख किया उसमें आरोपी को बारह घंटे के भीतर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया'. इसी तरह संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सपा सदस्य लालजी वर्मा की घटना के बारे में कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गयी है'.
इससे पहले विधानसभा में प्रश्नकाल में प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सरकार ने रात्रि पाली में महिलाओं को काम करने के लिए मानक निर्धारित किए हैं. निजी कंपनियां उस निर्धारित मानकों का पालन करते हुए रात्रि पाली में कार्य स्थल पर महिलाओं से काम ले सकती हैं और उनकी सुरक्षा को भी सुनिश्चित कर महिलाओं को स्वावलंबी बनाए जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए एक करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया कराएगी. इसके अलावा सरकार ने सदन में यह स्पष्ट किया कि सरकार न्यूनतम मजदूरी का पुनरीक्षण करेगी और रोजगार सृजन को लेकर जल्द आयोग का भी गठन करेगी.
सदन में शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी रही. चर्चा में भाग लेते हुए राज्य सरकार के मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि 'जातीय जनगणना की बात विपक्षी दल के लोग कह रहे हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी चार बार उत्तर प्रदेश की सत्ता में रही मगर उन्होंने कभी जातीय जनगणना नहीं कराई और जब सत्ता के बाहर होते हैं तो वह बार-बार जातीय जनगणना का मुद्दा उठाती है'.
आशीष पटेल ने कहा कि 'जातीय जनगणना अपना दल के लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा मामला है. जहां तक राजनीतिक विश्वास की बात है तो जनता ने हमें और हमारे सहयोगी दलों पर इतना भरोसा किया है. 2017, 2019, 2022 में जनता ने मौका दिया और अब 2024 में भी परिणाम आपके सामने आने वाला है. राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद, उर्जा मंत्री एके शर्मा, सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर, कांग्रेस की आराधना मिश्रा, रघुराज प्रताप सिंह, बसपा के उमाशंकर सिंह, सपा की डॉ. रागिनी सोनकर समेत कई सदस्यों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया.