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लखनऊ में सजी युवा शायरों की महफिल में महकी गजलें और नज्में - the poets house foundation lucknow

राजधानी लखनऊ में रविवार को 'द पोएट्स हाउस फाउंडेशन' की ओर से 'शाम-ए-उल्फत' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में कई युवा शायरों और कवियों ने शिरकत की. कार्यक्रम में प्रोफेसर ललित जायसवाल, सिमरजीत कौर, कवयित्री रूपा पांडे और आरजे प्रतीक भारद्वाज मौजूद रहे.

लखनऊ में सजी युवा शायरों की महफिल.
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Published : Sep 16, 2019, 7:56 AM IST

लखनऊ: राजधानी में रविवार को 'द पोएट्स हाउस फाउंडेशन' की ओर से 'शाम-ए-उल्फत' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन गोमती नगर के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में कई युवा शायरों और कवियों ने शिरकत की. कार्यक्रम में प्रोफेसर ललित जायसवाल, सिमरजीत कौर, कवयित्री रूपा पांडे 'सतरूपा' और आरजे प्रतीक भारद्वाज मुख्य रूप से मौजूद रहे.

लखनऊ में सजी युवा शायरों की महफिल.

इसे भी पढ़ें:- रामपुर दौरे से अखिलेश को मिलेगा राजनीतिक फायदा!

युवा कवियों की रचनाएं सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रोता
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश समेत कई आसपास के राज्यों से भी युवा कवियों और शायरों ने शिरकत की. शाम-ए-उल्फत की महफिल में शायर जुबेर, अली ताबिश, शादाब जावेद, आकिब जावेद, उमर सिद्धकी, कंचन, नीतिका श्रीवास्तव, अल्पना भारती, जोहेब अमरोहवी, कुणाल वर्मा, जुल्फीकार सैफी, सत्यम मिश्रा, शेखर और कवि गित्यम उपाध्याय ने अपनी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

'द पोएट्स हाउस 'ने एक छोटे से मंच से शुरुआत की थी और तब से मैं इनके साथ जुड़ी हुई हूं. इसमें अच्छा यह है कि नए और उभरते हुए युवाओं और शायरों को मंच देकर यह संस्था उन्हें इस काबिल बना रही है कि वह आगे चलकर अपना नाम कमा सकें. आज यह एक बड़े आयोजन को करने में सफल हो रहे हैं और मेरी शुभकामनाएं इनके साथ हैं.
-रूपा पांडेय 'सतरूपा', कवयित्री

लखनऊ: राजधानी में रविवार को 'द पोएट्स हाउस फाउंडेशन' की ओर से 'शाम-ए-उल्फत' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन गोमती नगर के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में कई युवा शायरों और कवियों ने शिरकत की. कार्यक्रम में प्रोफेसर ललित जायसवाल, सिमरजीत कौर, कवयित्री रूपा पांडे 'सतरूपा' और आरजे प्रतीक भारद्वाज मुख्य रूप से मौजूद रहे.

लखनऊ में सजी युवा शायरों की महफिल.

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युवा कवियों की रचनाएं सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रोता
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश समेत कई आसपास के राज्यों से भी युवा कवियों और शायरों ने शिरकत की. शाम-ए-उल्फत की महफिल में शायर जुबेर, अली ताबिश, शादाब जावेद, आकिब जावेद, उमर सिद्धकी, कंचन, नीतिका श्रीवास्तव, अल्पना भारती, जोहेब अमरोहवी, कुणाल वर्मा, जुल्फीकार सैफी, सत्यम मिश्रा, शेखर और कवि गित्यम उपाध्याय ने अपनी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

'द पोएट्स हाउस 'ने एक छोटे से मंच से शुरुआत की थी और तब से मैं इनके साथ जुड़ी हुई हूं. इसमें अच्छा यह है कि नए और उभरते हुए युवाओं और शायरों को मंच देकर यह संस्था उन्हें इस काबिल बना रही है कि वह आगे चलकर अपना नाम कमा सकें. आज यह एक बड़े आयोजन को करने में सफल हो रहे हैं और मेरी शुभकामनाएं इनके साथ हैं.
-रूपा पांडेय 'सतरूपा', कवयित्री

Intro:लखनऊ। द पोएट्स हाउस फाउंडेशन की ओर से आज राजधानी में शाम ए उल्फत कार्यक्रम का आयोजन किया गया यह आयोजन गोमती नगर से अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में आयोजित किया गया कार्यक्रम में कई युवा शायरों और कवियों ने शिरकत की कार्यक्रम में प्रोफेसर ललित जयसवाल, सिमरजीत कौर, कवयित्री रूपा पांडे सतरूपा और आरजे प्रतीक भारद्वाज मौजूद रहे।


Body:वीओ1 इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश समेत कई आसपास के राज्यों से भी युवा कवियों और शायरों ने शिरकत की। शाम-ए-उल्फत की महफिल में शायर जुबेर अली ताबिश, शादाब जावेद, आकिब जावेद, उमर सिद्धकी, कंचन, नीतिका श्रीवास्तव, अल्पना भारती, जोहेब अमरोहवी, कुणाल वर्मा, जुल्फीकार सैफी, सत्यम मिश्रा, शेखर और कवि गित्यम उपाध्याय ने अपनी रचनाएं पढ़ी और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अर्जुन मुख्य अतिथि के रूप में पधारी कवित्री और साहित्यकार रूपा पांडे सतरूपा ने बताया कि द पोएट हाउस मैं एक छोटी सी मंच से शुरुआत की थी और तब से मैं इनके साथ जुड़ी हुई हूं इनकी एक अच्छा यह है कि नए और उभरते हुए युवाओं और शायरों को मंच देकर यह संस्था उन्हें इस काबिल बना रही है कि वह आगे चलकर अपना नाम कमा सकें आज यह एक बड़े आयोजन को करने में सफल हो रहे हैं और मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। वही लखनऊ के आरजे प्रतीक कहते हैं कि ऐसे प्लेटफार्म नए युवाओं को मोटिवेट करने के लिए एक बढ़िया जगह हो सकते हैं क्योंकि यह न केवल लोगों को मोटिवेट करते हैं बल्कि साथ ही उन्हें आगे बढ़ने का मौका भी देते हैं। एक छोटे से प्लेटफार्म से लेकर बड़े मंच तक पहुंचना काफी संघर्षपूर्ण सफर होता है और ऐसे सफर में द पोएट हाउस जैसी संस्थाएं ही आगे बढ़ने और बढ़ाने का काम करती हैं। इसके अलावा यहां पर आए युवा शायर भी बेहद तल्लीनता से लिखते और पड़ते नजर आ रहे हैं जो कि अच्छी बात है युवाओं का शायरी और कविताओं में रूचि बढ़ाना साहित्य के लिहाज से एक बेहद अच्छी बात हो सकती है।


Conclusion: बाइट- रूपा पांडेय 'सतरूपा', कवयित्री बाइट- आरजे प्रतीक भारद्वाज रामांशी मिश्रा
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