लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार कम कारपेट एरिया में फ्लैट बनाए जाने के मानकों में बदलाव करने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश आवास विकास द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव का प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष किया गया.
इसके बाद सीएम ने कम कारपेट एरिया में फ्लैट बनाए जाने को हरी झंडी दी है. सूत्रों का दावा है कि आवास विभाग के स्तर पर जल्द ही इस को लेकर शासनादेश भी जारी किया जाएगा.
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम के अंतर्गत मॉडल बायलॉज यानी उपविधियां बनाने को लेकर भी प्रेजेंटेशन दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद बायलाज बनाकर लागू किया जाएगा जिसके अंतर्गत मुख्य मार्गों के भवनों को एक जैसे रंग में रंगने का फैसला होगा और इसको लेकर शासनादेश भी जारी किया जाएगा. इसके अंतर्गत एक ही तरह के रंग का प्रयोग मार्गों के भवनों में पुताई के लिए होगा जिनमें आवासीय के साथ-साथ व्यवसायिक गतिविधियां भी संचालित हो रही होंगी.
यह भी पढ़ें : ट्विटर समेत सात पर एफआईआर, कंपनी ने नियुक्त किया आईसीईओ
इसके अलावा पूर्व में ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित जमीनों पर बन चुके मकानों को ना हटाए जाने को लेकर भी शासनादेश जारी किए जाने की बात कही गई है. आवास एवं शहरी नियोजन विभाग इसको लेकर भी एक बायलॉज बनाने का फैसला किया है. यह प्रेजेंटेशन भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिखाया गया है. इसके अंतर्गत मास्टर प्लान के तहत ग्रीन बेल्ट में जो मकान बनाए गए हैं, उनमें भी छूट दी जाएगी. इसको लेकर ग्रीन बेल्ट में मकान बने होने का प्रमाण पत्र भवन स्वामी को दिया जाएगा. हालांकि इस पूरी कवायद के अंतर्गत मकान मालिक को अपने मकान में किसी तरह का नया निर्माण में बदलाव करने का अधिकार नहीं होगा. इसे लेकर नगर नियोजन विभाग के स्तर पर मास्टर प्लान में बदलाव को लेकर भी शासनादेश जारी किया जाएगा.
इस बदलाव को लेकर शासनादेश होने के बाद कम जमीन पर ज्यादा फ्लैट बनाए जा सकेंगे. फ्लैट बनाए जाने को लेकर अधिकतम कारपेट एरिया 90 वर्ग मीटर का होगा. कीमत भी ₹40 लाख से कम रहने की बात कही जा रही है. अभी एक हेक्टेयर में 330 फ्लैट बनाए जाने का मानक है. ऐसे में मानक बदलने के बाद कम कमाई वाले लोगों का भी अपने घर का सपना साकार हो सकेगा. इस बदलाव के बाद किफायती आवास नीति में संशोधन करते हुए एक हेक्टेयर में 800 तक फ्लैट बनाए जाने की शर्त के साथ मंजूरी देने का फैसला किया गया है.