लखनऊ: राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे बनने वाले फोरलेन ग्रीन कॉरिडोर निर्माण के लिए कई बड़ी नामचीन कंपनियां टेंडर प्रक्रिया में भाग ले रही हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के स्तर पर इस ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया चल रही है. अधिकारियों के अनुसार आने वाले एक-दो महीने में टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी और कंपनी का चयन किया जाएगा.
एक दो महीने में किया जाना है कंपनी का चयन
अधिकारियों के अनुसार ग्रीन कॉरिडोर के लिए आयोजित प्रीबिड में अमेरिका की प्रसिद्ध कंपनी एर्नस्ट एंड यंग ने हिस्सा लिया है. कंपनी बड़े ग्रीन कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को बनाने के लिए तैयार है और इसका डीपीआर भी तैयार करने की बात अमेरिकी कम्पनी ने अधिकारियों से कही है.
इस कम्पनी ने दिखाई रुचि
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार ग्रीन कॉरिडोर निर्माण के लिए अमेरिका की कंपनी तथा विश्व की टॉप 5 कंपनियों में शामिल एर्नस्ट एंड यंग कंपनी ने रुचि दिखाई है. कंपनी की तरफ से इस प्रोजेक्ट को लेकर सभी संबंधित जानकारी एलडीए के अधिकारियों से ली गई है. जिससे आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सके.
23 किमी लंबा है ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट
एलडीए की तरफ से राजधानी लखनऊ को जाम से निजात दिलाने के लिए गोमती नदी के किनारे 23 किलोमीटर लंबे ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर डीपीआर तैयार करने की कवायद भी शुरू हो गई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसके लिए टेंडर भी मांगा था, जिसमें कई कंपनियों ने हिस्सा लिया है.
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इन कम्पनियों ने टेंडर प्रक्रिया में लिया है हिस्सा
ग्रीन कॉरिडोर निर्माण को लेकर जिन कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया गया है. उनमें स्काईलाइन, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, डिजाइन प्वांइट कंपनी शामिल है. एलडीए अधिकारियों के अनुसार अगले 20 मई तक ये सभी कंपनियां अपना-अपना टेंडर जमा कर देंगी. इसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण इनमें से योग्य किसी एक कंपनी का चयन करेगा. इसके बाद निर्माण कार्य को लेकर आगे की तैयारी की जाएगी.
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क्या कहते हैं एलडीए के चीफ इंजीनियर
एलडीए के चीफ इंजीनियर इंदु शेखर सिंह ने कहा कि ग्रीन कॉरिडोर जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए कई बड़ी व मल्टीनेशनल कंपनियां टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुई हैं. आने वाले कुछ समय में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और आगे की प्रक्रिया की जाएगी. अभी कंसल्टेंट के तौर पर कंपनियों का चयन किया जा रहा है, जिस कंपनी को प्रोजेक्ट के लिए चयनित किया जाएगा. वो कंपनी इसका डीपीआर भी तैयार कराएगी. डीपीआर बनने के बाद ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा. फिलहाल इस पूरे काम में अभी शुरुआती चरण में ही 6 महीने का समय लगने की उम्मीद है. इसके निर्माण से लखनऊवासियों को जाम से निजात मिलेगी.