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कोविड मरीज की मौत के बाद थमाया 19 लाख का बिल, शव देने से किया मना

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के रहने वाले अनिल कुमार की पत्नी का लखनऊ के प्राइवेट हॉस्पिटल 'टेंडर पाल्म' (tender palm hospital ) में कोरोना का इलाज चल रहा था. रविवार शाम उनकी पत्नी की मौत हो गई. निजी अस्पताल ने पीड़ित को 19 लाख का बिल थमाया, जिसमें से करीब 8 लाख जमा भी कर दिया गया, लेकिन अभी 10 लाख 75 हजार रुपये न मिलने पर शव देने से मना कर दिया.

निजी अस्पताल में कोरोना मरीज का इलाज
टेंडर पाल्म अस्पताल ने दिया 19 लाख का बिल
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Published : May 31, 2021, 12:32 PM IST

लखनऊः राजधानी लखनऊ में प्राइवेट अस्पताल की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. प्रशासन की कार्रवाई का निजी अस्पतालों (private hospital) पर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है, जबकि पिछले 15 दिनों के भीतर कोविड- मरीजों से मनमानी वसूली करने पर राजधानी के दर्जनभर अस्पतालों पर कार्रवाई हुई है. अब राजधानी की गोमती नगर विस्तार में 'टेंडर पाल्म' नाम के प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ मरीज से 19 लाख रुपये की वसूली इस शिकायत जिला प्रशासन पर पहुंची है.

उन्नाव के रहने वाले अनिल कुमार ने अपनी पत्नी गयावती कोविड के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था. रविवार को उनकी पत्नी की मौत हो गई. वहीं अस्पताल में अब उन्हें 10 लाख 75 हजार का बिल थमा दिया. जबकि इलाज के नाम पर 8 लाख रुपया पहले ही जमा करा लिया था. पैसा ना देने पर अस्पताल ने अनिल को उनकी पत्नी का शव देने से मना कर दिया. इसके बाद पीड़ित परिजनों ने जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की. वहीं इस मामले की जांच एडीएम प्रशासन को दी गई है.

निजी अस्पतालों की मनमानी पर कार्रवाई
निजी अस्पतालों की मनमानी पर कार्रवाई

पढ़ें- अधिक वसूली पर तीन और अस्पतालों के खिलाफ FIR के निर्देश


पैसे नहीं देने पर अस्पताल ने 12 घंटे तक शव को रखा कब्जे में

राजधानी लखनऊ में जिला प्रशासन की शक्ति और कोविड प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब की लगातार कारवाई के बाद भी राजधानी के निजी अस्पताल सुधरने का नाम नहीं ले रहे है. पीड़ित अनिल कुमार की पत्नी गयावती रविवार को रात 8:00 बजे मौत हो गई थी. फिर शव देने के लिए परिजनों से 10 लाख 75 हजार की मांग की गई. इतने पैसे सुनकर परिजनों के होश उड़ गए. वहीं इसकी शिकायत हुई तो हॉस्पिटल वालों ने भी बीच का रास्ता अपनाना शुरू कर दिया. परिजन मनोज सोनी ने बताया कि अस्पताल कार्रवाई के डर से आज सुबह एक लाख रुपये देने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया.

पढ़ें-अलीगढ़ में मौत का तांडव जारी, तीन और लोगों ने तोड़ा दम, वजह साफ नहीं


राजधानी के इन अस्पतालों पर हो चुकी है कार्रवाई

राजधानी लखनऊ में कोविड मरीज से मनमानी वसूली को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने इलाज की दरें निर्धारित की हैं, लेकिन उसके बावजूद भी राजधानी के दर्जन भर से ज्यादा निजी अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें मिल चुकी है. वहीं इन शिकायतों की जांच के बाद इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है. अभी तक लखनऊ में मेट्रो सिटी अस्पताल, देवीना अस्पताल, साई लाइफ अस्पताल, जेपी अस्पताल पर कार्रवाई हो चुकी है तो वहीं चरक, मेदांता जैसे अस्पतालों के खिलाफ पब्लिक ग्रीवेंस कमेटी जांच कर रही है.

लखनऊः राजधानी लखनऊ में प्राइवेट अस्पताल की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. प्रशासन की कार्रवाई का निजी अस्पतालों (private hospital) पर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है, जबकि पिछले 15 दिनों के भीतर कोविड- मरीजों से मनमानी वसूली करने पर राजधानी के दर्जनभर अस्पतालों पर कार्रवाई हुई है. अब राजधानी की गोमती नगर विस्तार में 'टेंडर पाल्म' नाम के प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ मरीज से 19 लाख रुपये की वसूली इस शिकायत जिला प्रशासन पर पहुंची है.

उन्नाव के रहने वाले अनिल कुमार ने अपनी पत्नी गयावती कोविड के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था. रविवार को उनकी पत्नी की मौत हो गई. वहीं अस्पताल में अब उन्हें 10 लाख 75 हजार का बिल थमा दिया. जबकि इलाज के नाम पर 8 लाख रुपया पहले ही जमा करा लिया था. पैसा ना देने पर अस्पताल ने अनिल को उनकी पत्नी का शव देने से मना कर दिया. इसके बाद पीड़ित परिजनों ने जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की. वहीं इस मामले की जांच एडीएम प्रशासन को दी गई है.

निजी अस्पतालों की मनमानी पर कार्रवाई
निजी अस्पतालों की मनमानी पर कार्रवाई

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राजधानी लखनऊ में जिला प्रशासन की शक्ति और कोविड प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब की लगातार कारवाई के बाद भी राजधानी के निजी अस्पताल सुधरने का नाम नहीं ले रहे है. पीड़ित अनिल कुमार की पत्नी गयावती रविवार को रात 8:00 बजे मौत हो गई थी. फिर शव देने के लिए परिजनों से 10 लाख 75 हजार की मांग की गई. इतने पैसे सुनकर परिजनों के होश उड़ गए. वहीं इसकी शिकायत हुई तो हॉस्पिटल वालों ने भी बीच का रास्ता अपनाना शुरू कर दिया. परिजन मनोज सोनी ने बताया कि अस्पताल कार्रवाई के डर से आज सुबह एक लाख रुपये देने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया.

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राजधानी लखनऊ में कोविड मरीज से मनमानी वसूली को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने इलाज की दरें निर्धारित की हैं, लेकिन उसके बावजूद भी राजधानी के दर्जन भर से ज्यादा निजी अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें मिल चुकी है. वहीं इन शिकायतों की जांच के बाद इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है. अभी तक लखनऊ में मेट्रो सिटी अस्पताल, देवीना अस्पताल, साई लाइफ अस्पताल, जेपी अस्पताल पर कार्रवाई हो चुकी है तो वहीं चरक, मेदांता जैसे अस्पतालों के खिलाफ पब्लिक ग्रीवेंस कमेटी जांच कर रही है.

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