लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल के कार्यकाल के अंतिम 10 दिन बचे बताए जा रहे हैं. इन्हीं 10 दिनों में इन दोनों पदों पर नए नेताओं की आमद संभव है. राष्ट्रपति चुनाव का मतदान हो गया है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में रिक्त हुई विधान परिषद की दो सीटों के लिए निर्वाचन आयोग ने चुनाव की घोषणा भी कर दी है. इन दो सीटों के अलावा विधान परिषद के लिए मनोनीत किए जाने वाले छह विधान परिषद सदस्यों के नामों की भी घोषणा की जानी है.
सुनील बंसल और स्वतंत्र देव सिंह दोनों को ही अब नई जिम्मेदारियों को निभाना है इसलिए एमएलसी के दावेदारों की भी घोषणा नहीं की जा रही थी मगर चुनाव का कार्यक्रम जारी होने के बाद भाजपा के लिए अनिवार्य हो गया है कि वह नामांकन से पहले उम्मीदवार घोषित करे. इस वजह से भाजपा के प्रदेश संगठन को जल्द ही नए अध्यक्ष और नए महामंत्री मिल सकते हैं.
निर्वाचन आयोग ने सपा नेता अहमद हसन के दिवंगत होने और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के एमएलए बनने के बाद रिक्त हुईं विधान परिषद के दो सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है. चुनाव आयोग ने खाली हुई सीटों के लिए 25 जुलाई जुलाई को अधिसूचना जारी करने की घोषणा की है. एक अगस्त को नामांकन, दो अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच, चार अगस्त तक नामांकन वापसी करने और 11 अगस्त को सुबह 9:00 से शाम 4:00 बजे तक इन दोनों पदों के मतदान होगा. 16 अगस्त को चुनाव परिणाम आना है.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी में रिक्त हुई दो विधान परिषद सीटों और मनोनीत किए जाने वाले हे विधान परिषद सदस्यों के नामों की घोषणा महामंत्री संगठन सुनील बंसल के अपने पद पर अब ना बने रहने का आग्रह करने और स्वतंत्र सिंह के कार्यकाल समाप्त होने के बाद नए नेताओं के आने तक रुकी हुई थी. सूत्रों का कहना है कि एक सूची पहले बनाई गई थी मगर बाद में उसको इसलिए रोक दिया गया क्योंकि दोनों पदों पर अब भाजपा नए व्यक्तियों को लाएगी.
ऐसे में नए व्यक्तियों की पसंद का ख्याल अधिक रखा जाएगा मगर अब जबकि चुनाव आयोग ने विधान परिषद के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है, तब भाजपा के लिए यह अनिवार्य हो गया है कि वह 1 अगस्त से पहले हर हाल में प्रत्याशियों की घोषणा कर दे.
ऐसे में सूत्र बता रहे हैं कि 31 जुलाई तक दोनों पदों पर नए नेता आ सकते हैं जिससे भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के संगठन में बड़े बदलाव आएंगे. गौरतलब है कि संगठन में दो उपाध्यक्ष नगर विकास और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह मंत्री बन चुके हैं. इसी तरह से महामंत्री जेपीएस राठौर भी सहकारिता मंत्री हैं. उनको भी संगठन में अब नहीं रखा जाना है उनकी जगह भी भाजपा अपने नेताओं को जगह देगी.
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