लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में चल रहे उथल-पुथल ने विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और प्रबंधन के विद्यार्थियों को काफी प्रभावित किया है. पिछले सम सेमेस्टर परीक्षा के 30 हजार से अधिक छात्रों की चुनौती मूल्यांकन परिणाम भी पांच महीने के बाद भी एकेटीयू के ऑनलाइन पोर्टल नहीं जारी हुआ है. जिसकों लेकर छात्रों ने कई सोशल मीडिया साइड पर इसकी शिकायत साझा कर रहे है. चुनौती मूल्यांकन परिणाम नहीं जारी होने से यह छात्र नौकरियों के लिए आवेदन करने में असमर्थ हैं और इंटर्नशिप के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. इस बात को तय नहीं कर रहे हैं कि वे पास हो गए हैं या उनके अंक बढ़ गए हैं या नहीं. उनका पूरा भविष्य अधर में लटक गया है.
एकेटीयू उन विद्यार्थियों को चुनौती मूल्यांकन की सुविधा देता है, जो रिजल्ट से संतुष्ट नहीं हैं. ऐसे छात्रों को एकेटीयू प्रशासन दोबारा से आंसर कॉपी के मूल्यांकन का मौका देता है. चुनौती मूल्यांकन परिणाम कहा जाता है, इसके लिए छात्रों को प्रति विषय ढाई हजार रुयये जमा करना होता है. इस प्रक्रिया में छात्रों को थोड़ा जोखिम उठाना पड़ता है चुनौती मूल्यांकन परिणाम मैं जो अंक छात्रों को मिलेगा वही अंतिम अंक माना जाता है. अगर छात्र इससे पहले वाले परिणाम में ज्यादा अंक पाया हो तो उसे चुनौती मूल्यांकन परिणाम को ही मानना पड़ता है.
बीटेक (सूचना और प्रौद्योगिकी) की छात्रा शम्भवी मिश्रा का कहना है कि बीटेक में जो अंक मिले फाइनल रिजल्ट तैयार हुआ है वो प्रतियोगी परीक्षाओं में मुझे शामिल होने की अहर्ता से थोड़ा कम है. ऐसे में मुझे चुनौती मूल्यांकन परिणाम करना पड़ा. इस परीक्षा से मुझे कम से कम 30-35 अंकों से अपने विषय में मिलने की उम्मीद है. इन बढ़े नंबरों के सहारे में अपने क्षेत्र में कुछ प्रवेश परीक्षाओं और नौकरियों पाने के योग्य हो जाती. लगभग पांच महीने रहा है पर अभी तक परिणाम नहीं जारी हुआ है. ऐसे में कई छात्र जो अपने अंक सुधारने से बेहतर रोजगार पाने, इंटर्नशिप और अन्य अवसरों की उम्मीद कर रहे हैं. उनको दिक्कत हो रही है. सैकड़ों छात्र जल्दी से जल्द परिणाम की घोषणा की मांग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर विश्वविद्यालय तक कर रहे हैं. दूसरी छात्रा मीना शाह का कहना है कि मैं बहुत चिंतित हूं क्योंकि मेरे पास नौकरी नहीं है और वर्तमान में, मेरे पास प्रोविजन डिग्री है उसे कंपनियों द्वारा स्वीकार्य नहीं किया जा रहा है. चुनौती मूल्यांकन परिणाम घोषित किए जाने के बाद ही मुझे मूल डिग्री प्राप्त कर सकता हूं. जब हमें अपने लाभ को समय पर डिग्री न मिले तो चुनौती मूल्यांकन सुविधा देने का क्या फायदा. हम नौकरी के लिए आवेदन हो , विभिन्न छात्रवृत्तियों और प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन करने योग्य ही ना रहे.
विश्वविद्यालय के सूत्रों के मुताबिक परिणाम घोषित करने में देरी इसलिए हुई क्योंकि विश्वविद्यालय को कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वाले पूर्व कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक द्वारा परीक्षा एजेंसी में परिवर्तन करना पड़ा. जिस कारण से छात्रों का पुराना रिकॉर्ड ना होने से रिजल्ट जारी करने में दिक्कत हो रही है. इसका खामियाजा 30 हजार छात्रों को उठाना पड़ रहा है. इस मामले पर एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि हमने इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है और कुछ दिनों के भीतर मामला सुलझा लिया जाएगा. साथ ही विश्वविद्यालय एक उचित प्रणाली भी स्थापित कर रहा है, ताकि भविष्य में छात्रों को कोई भी असुविधा न हो.