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लविव के शिक्षक तैयार करेंगे स्नातक का पाठ्यक्रम - लखनऊ खबर

प्रदेश सरकार ने 20 अप्रैल को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया कि वह न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का 70 फीसदी हिस्सा शामिल करते हुए स्नातक पाठ्यक्रम तैयार करें. इस न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को लविवि के करीब करीब सभी संकायों ने नकार दिया था और लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) भी न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का विरोध किया था. वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुल सचिव विनोद कुमार सिंह ने शुक्रवार को एक नया आदेश जारी किया है. जिसमे उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों से खुद ही नए सिरे से नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्नातक पाठ्यक्रम बनाकर पांच अगस्त तक उपकुल सचिव को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.

लखनऊ विश्वविद्यालय
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Published : Jul 24, 2021, 5:04 AM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के कुल सचिव विनोद कुमार सिंह ने शुक्रवार को एक नया आदेश जारी किया है. जिसमे उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों से खुद ही नए सिरे से नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्नातक पाठ्यक्रम बनाकर पांच अगस्त तक उपकुल सचिव को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. हालांकि 15 जुलाई के आदेश में कुल सचिव ने 70 फीसदी सरकार के न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को शामिल करते हुए नया पाठ्यक्रम पास कराने को कहा था. सरकार के पाठ्यक्रम को लेकर कुलपति प्रो. आलोक राय और कुल सचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने भी पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है. सूत्रों का कहना है कि प्रदेश शासन ने लविवि के शिक्षकों को न्यूनतम समान पाठ्यक्रम से छूट प्रदान कर दी है.



प्रदेश सरकार ने 20 अप्रैल को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया कि वह न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का 70 फीसदी हिस्सा शामिल करते हुए स्नातक पाठ्यक्रम तैयार करें. इस न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को लविवि के करीब करीब सभी संकायों ने नकार दिया था और लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) भी न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का विरोध किया था. इसके बाद 13 जुलाई को फिर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया कि वह जल्द से जल्द इसे पास करें. फिर लविवि कुल सचिव डॉ. विनोद सिंह ने कुलपति प्रो. आलोक राय के आदेश पर सभी विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष को पत्र जारी कर न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को शामिल करते हुए स्नातक का नया पाठ्यक्रम सम्बन्धित शैक्षणिक समितियों से पास करने का आदेश दिया.




इस पत्र के बाद शिक्षक काफी नाराज हो गए. उन्हें इसे अपना अपमान माना और कुलपति से लेकर सरकार तक से पूछ लिया कि उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम की किस धारा के तहत शिक्षकों को न्यूतनम समान पाठ्यक्रम को पास करने का आदेश दिया गया हैं. उसने न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय की स्वायत्तता खत्म करने की साजिश करार दिया. इसके खिलाफ विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया, साथ ही 15 जुलाई को जारी कुल सचिव डॉ विनोद कुमार सिंह के पत्र को वापस लेने की मांग की. इसको लेकर आम सभा में प्रस्ताव तक पारित कर दिया और शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक से मिलने का समय मांगा.




लविवि प्रशासन ने जारी किया नया पत्र
कुलसचिव द्वारा जारी किए गए पत्र के बाद शिक्षक संघ ने काफी नाराजगी दिखाइ, जिसके चलते लूटा के कड़े तेवर के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से कुल सचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने एक नया आदेश जारी किया है. उन्होंने इसमें सरकार के न्यूनतम पाठ्यक्रम का जिक्र न करते हुए संकायाध्यक्षों और विभागध्यक्षों से कहा है कि वह नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्नातक पाठ्यक्रम पांच अगस्त तक तैयार कर उपबल्ध कराए. सूत्रों का कहना है कि लूटा के आंदोलन के ऐलान के बाद शासन भी नरम हुआ है. उसने 22 जुलाई की शाम लूटा अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार वर्मा, महामंत्री राजेन्द्र कुमार वर्मा को वार्ता के लिए बुलाया. वहां पर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के अलावा अपर मुख्य सचिव मोनिका गर्ग और लविवि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय भी थे. वार्ता के बाद शासन ने लविवि को न्यूनतम समान पाठ्यक्रम के दायरे से बाहर रखते हुए लविवि के शिक्षकों को अपना पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुसार बनाने की छूट दी है. इसके बाद ही कुल सचिव ने यह आदेश जारी किया है. इसको लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय से पूछा गया तो वह यह कहते हुए टाल गए कि अभी वह आगरा में हैं. वहीं कुल सचिव डॉ. विनोद सिंह ने भी गोलमोल जवाब दिया कि नई शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम शिक्षक बनाएंगे.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के कुल सचिव विनोद कुमार सिंह ने शुक्रवार को एक नया आदेश जारी किया है. जिसमे उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों से खुद ही नए सिरे से नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्नातक पाठ्यक्रम बनाकर पांच अगस्त तक उपकुल सचिव को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. हालांकि 15 जुलाई के आदेश में कुल सचिव ने 70 फीसदी सरकार के न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को शामिल करते हुए नया पाठ्यक्रम पास कराने को कहा था. सरकार के पाठ्यक्रम को लेकर कुलपति प्रो. आलोक राय और कुल सचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने भी पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है. सूत्रों का कहना है कि प्रदेश शासन ने लविवि के शिक्षकों को न्यूनतम समान पाठ्यक्रम से छूट प्रदान कर दी है.



प्रदेश सरकार ने 20 अप्रैल को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया कि वह न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का 70 फीसदी हिस्सा शामिल करते हुए स्नातक पाठ्यक्रम तैयार करें. इस न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को लविवि के करीब करीब सभी संकायों ने नकार दिया था और लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) भी न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का विरोध किया था. इसके बाद 13 जुलाई को फिर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया कि वह जल्द से जल्द इसे पास करें. फिर लविवि कुल सचिव डॉ. विनोद सिंह ने कुलपति प्रो. आलोक राय के आदेश पर सभी विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष को पत्र जारी कर न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को शामिल करते हुए स्नातक का नया पाठ्यक्रम सम्बन्धित शैक्षणिक समितियों से पास करने का आदेश दिया.




इस पत्र के बाद शिक्षक काफी नाराज हो गए. उन्हें इसे अपना अपमान माना और कुलपति से लेकर सरकार तक से पूछ लिया कि उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम की किस धारा के तहत शिक्षकों को न्यूतनम समान पाठ्यक्रम को पास करने का आदेश दिया गया हैं. उसने न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय की स्वायत्तता खत्म करने की साजिश करार दिया. इसके खिलाफ विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया, साथ ही 15 जुलाई को जारी कुल सचिव डॉ विनोद कुमार सिंह के पत्र को वापस लेने की मांग की. इसको लेकर आम सभा में प्रस्ताव तक पारित कर दिया और शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक से मिलने का समय मांगा.




लविवि प्रशासन ने जारी किया नया पत्र
कुलसचिव द्वारा जारी किए गए पत्र के बाद शिक्षक संघ ने काफी नाराजगी दिखाइ, जिसके चलते लूटा के कड़े तेवर के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से कुल सचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने एक नया आदेश जारी किया है. उन्होंने इसमें सरकार के न्यूनतम पाठ्यक्रम का जिक्र न करते हुए संकायाध्यक्षों और विभागध्यक्षों से कहा है कि वह नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्नातक पाठ्यक्रम पांच अगस्त तक तैयार कर उपबल्ध कराए. सूत्रों का कहना है कि लूटा के आंदोलन के ऐलान के बाद शासन भी नरम हुआ है. उसने 22 जुलाई की शाम लूटा अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार वर्मा, महामंत्री राजेन्द्र कुमार वर्मा को वार्ता के लिए बुलाया. वहां पर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के अलावा अपर मुख्य सचिव मोनिका गर्ग और लविवि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय भी थे. वार्ता के बाद शासन ने लविवि को न्यूनतम समान पाठ्यक्रम के दायरे से बाहर रखते हुए लविवि के शिक्षकों को अपना पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुसार बनाने की छूट दी है. इसके बाद ही कुल सचिव ने यह आदेश जारी किया है. इसको लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय से पूछा गया तो वह यह कहते हुए टाल गए कि अभी वह आगरा में हैं. वहीं कुल सचिव डॉ. विनोद सिंह ने भी गोलमोल जवाब दिया कि नई शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम शिक्षक बनाएंगे.

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