लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एस्मा लागू कर दिया है. जिसके बाद शिक्षक संगठनों की ओर से इसका विरोध शुरू हो गया है. संगठनों की ओर से सरकार पर शिक्षकों और कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने के आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि कोरोना महामारी के दौर में सरकार के साथ खड़े होने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों की आवाज को अब दबाया जा रहा है.
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संवैधानिक हक छीनने के लगाए आरोप
कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा का कहना है कि कर्मचारी और शिक्षकों की ओर से किसी मुद्दे को लेकर हड़ताल की सूचना दिए जाने पर सरकार द्वारा इस तरह का कठोर कदम उठाया जाना गलत है. अभी तक किसी संगठन की ओर से आधिकारिक रूप से हड़ताल पर जाने की सूचना तक नहीं दी गई, ऐसे में सरकार द्वारा इस तरह का कदम उठाया जाना पूरी तरह से गलत है. उन्होंने मांग की है कि सरकार इस कठोर कानून को वापस ले और संगठनों के साथ वार्ता करके उनकी समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करें.