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उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों समेत शिक्षक भी नहीं हैं ऑनलाइन क्लासेस के लिए तैयार

कोरोना संक्रमण से जहां जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं शिक्षा व्यवस्था पर भी इसका खासा असर हुआ है. बेसिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कोरोना की इस महामारी में ठप पड़ गए हैं. अब जब कोरोना का संक्रमण दूसरी लहर में गांव की तरफ बढ़ रहा है, ऐसे में उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र और अध्यापक भी ऑनलाइन क्लासेस के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं.

छात्रों और शिक्षक नहीं हैं ऑनलाइन क्लासेस के लिए तैयार
छात्रों और शिक्षक नहीं हैं ऑनलाइन क्लासेस के लिए तैयार
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Published : May 18, 2021, 8:18 AM IST

लखनऊः शासन ने भले ही 20 मई से उच्च शिक्षण संस्थानों में भी ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के आदेश दिए, लेकिन ज्यादातर उच्च शिक्षण संस्थान इसके लिए तैयार नहीं है. कुछ संस्थानों में जहां ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की जा चुकी है वहीं, कई में शिक्षक अभी पोस्ट कोविड संक्रमण से जूझ रहे हैं. गांव में अभी संक्रमण तेजी से फैला हुआ है. इन हालातों में वहां के छात्रों के लिए इन कक्षाओं में शामिल हो पाना भी संभव नहीं हो पा रहा है.

बीबीएयू समेत कई में अवकाश की घोषणा
राजधानी के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की जा चुकी है. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगामी 25 मई तक के लिए बंद है. इसी तरह डॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय 23 मई तक के लिए बंद चल रहा है. बीते दिनों कोरोना संक्रमण के चलते लखनऊ विश्वविद्यालय समेत शहर के विभिन्न महाविद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

इन संस्थानों ने 40 से ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों को खोया है. जिसके चलते यह अभी तक इससे उबर नहीं पाए हैं. इन हालातों में फिलहाल ऑनलाइन कक्षाओं को सुचारू रुप से संचालित किए जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

पढ़ें- कोविड की तीसरी लहर से लड़ने के लिए अभी से यूपी हो तैयार: योगी

गांव में फैला है संक्रमण
लखनऊ विश्वविद्यालय और आसपास के विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में छात्र गांव और दूरदराज के इलाकों से आते हैं. इस समय इन इलाकों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला हुआ है. वहां के छात्र-छात्राओं को इसके लिए इसमें जोड़ पाना बेहद मुश्किल होगा. वहीं, छात्रों की शिकायत है कि प्रदेश सरकार ने सिर्फ शहरी इलाकों को देखते हुए यह आदेश जारी कर दिया.

ग्रामीण इलाकों में अभी स्थितियां बेहद खराब हो चुकी है. छात्र अंकित सिंह बाबू का कहना है कि सरकार को कोई भी फैसला लेने से पहले शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों की स्थितियों का पूरी तरह से जायजा लेना चाहिए था. उधर, लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉक्टर विनीत वर्मा का कहना है कि इन हालातों में सामान्य रूप से कक्षाएं संचालित कर पाना आसान नहीं होगा.

लखनऊः शासन ने भले ही 20 मई से उच्च शिक्षण संस्थानों में भी ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के आदेश दिए, लेकिन ज्यादातर उच्च शिक्षण संस्थान इसके लिए तैयार नहीं है. कुछ संस्थानों में जहां ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की जा चुकी है वहीं, कई में शिक्षक अभी पोस्ट कोविड संक्रमण से जूझ रहे हैं. गांव में अभी संक्रमण तेजी से फैला हुआ है. इन हालातों में वहां के छात्रों के लिए इन कक्षाओं में शामिल हो पाना भी संभव नहीं हो पा रहा है.

बीबीएयू समेत कई में अवकाश की घोषणा
राजधानी के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की जा चुकी है. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगामी 25 मई तक के लिए बंद है. इसी तरह डॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय 23 मई तक के लिए बंद चल रहा है. बीते दिनों कोरोना संक्रमण के चलते लखनऊ विश्वविद्यालय समेत शहर के विभिन्न महाविद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

इन संस्थानों ने 40 से ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों को खोया है. जिसके चलते यह अभी तक इससे उबर नहीं पाए हैं. इन हालातों में फिलहाल ऑनलाइन कक्षाओं को सुचारू रुप से संचालित किए जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

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गांव में फैला है संक्रमण
लखनऊ विश्वविद्यालय और आसपास के विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में छात्र गांव और दूरदराज के इलाकों से आते हैं. इस समय इन इलाकों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला हुआ है. वहां के छात्र-छात्राओं को इसके लिए इसमें जोड़ पाना बेहद मुश्किल होगा. वहीं, छात्रों की शिकायत है कि प्रदेश सरकार ने सिर्फ शहरी इलाकों को देखते हुए यह आदेश जारी कर दिया.

ग्रामीण इलाकों में अभी स्थितियां बेहद खराब हो चुकी है. छात्र अंकित सिंह बाबू का कहना है कि सरकार को कोई भी फैसला लेने से पहले शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों की स्थितियों का पूरी तरह से जायजा लेना चाहिए था. उधर, लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉक्टर विनीत वर्मा का कहना है कि इन हालातों में सामान्य रूप से कक्षाएं संचालित कर पाना आसान नहीं होगा.

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