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इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग में छिपा है KGMU में शिक्षक भर्ती के घपले का राज

राजधानी में स्थित KGMU में जूनियर डॉक्टर से लेकर सीनियर डॉक्टरों की भर्ती कई बार सवालों के घेरे में आई है. इसी क्रम में राजभवन ने साक्षात्कार प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग के निर्देश दिए हैं. ऐसे में संस्थान प्रशासन को रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा.

King george's medical university
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी
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Published : Mar 12, 2021, 6:26 PM IST

लखनऊ: राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में शिक्षक भर्ती में घपले का राज काफी गहरा है. यहां अभ्यर्थियों के आवदेन की स्क्रीनिंग से ही खेल शुरू हो जाता है. इंटरव्यू प्रक्रिया में भी गड़बड़झाला है. एक अभ्यर्थी के मुताबिक यहां 'कोड वर्ड' में बुलाने के बजाय नाम से दावेदार को बुलाया जाता है. जो चयन समिति की गोपनीयता-पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाता है. इसलिए अब राजभवन ने साक्षात्कार प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग के निर्देश दिए हैं.

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ.

हर इंटरव्यू की वीडियो रिकॉर्डिंग करने का निर्देश
KGMU में जूनियर डॉक्टर से लेकर सीनियर डॉक्टरों की भर्ती कई बार सवालों के घेरे में आई है. पारदर्शिता के नाम पर कड़े नियमों का दावा किया गया लेकिन गड़बड़ी पर अंकुश नहीं लग सका. इसी क्रम में राजभवन ने साक्षात्कार प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग के निर्देश दिए हैं. ऐसे में संस्थान प्रशासन को रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखना अनिवार्य है. वहीं आवश्यकता पड़ने पर राजभवन रिकॉर्डिंग को तलब भी कर सकता है. अब भर्ती प्रक्रिया को राजफाश करने के लिए एक अभ्यर्थी ने नाम न छापने की शर्त पर राजभवन से रिकॉर्डिंग तलब करने की मांग की है.

स्क्रीनिंग कमेटी से छंटनी करा देते हैं आवेदन
KGMU में चहेतों को नौकरी देने के लिए अफसर-विभागाध्यक्ष विज्ञापन निकालने के पहले ही सक्रिय हो जाते हैं. चहेतों के लिहाज से एनएमसी-इंस्टिट्यूट के एक्ट-शर्तों को सुविधानुसार थोपते हैं. इसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी में सेटिंग कर दावेदारों के आवेदन में कमियां निकालकर फॉर्म की छंटनी करवा डालते हैं. दंत संकाय में कुछ माह पहले ऐसे ही एक मेधावी अभ्यर्थी का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया था. अभ्यर्थी ने मामले की उच्च स्तर पर शिकायत की तो फार्म स्वीकार कर लिया गया.

कोड वर्ड की अनदेखी, सबसे बड़ी गड़बड़ी
भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का चयन समिति के सामने गोपनीयता अनिवार्य है. इसके लिए उसका नाम, पता, जाति, धर्म को गुप्त रखा जाता है. कमेटी के समक्ष हाजिर होने से पहले उसे एक कोड वर्ड आवंटित कर दिया जाता है. उसी कोड से अभ्यर्थी को बुलाया जाता है. एक अभ्यर्थी के मुताबिक केजीएमयू में चहेतों को शिक्षक बनाने के लिए इस नियम को तार-तार किया जा रहा है. हाल, में ही शिक्षक प्रमोशन साक्षात्कार मसले पर भी यह सवाल उठा. एससी-एसटी आयोग ने संस्थान से प्रमोशन कमेटी की रिकार्डिंग तलब की है.

केजीएमयू में 230 पदों पर शिक्षक भर्ती
KGMU के करीब 43 विभागों में लगभग 230 पदों पर शिक्षक भर्ती चल रही है. महीनों से मेडिकल संकाय में शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार चल रहे हैं. इंटरव्यू के लिफाफे एक-एक कर ज्यों-ज्यों खुल रहे हैं, त्यों-त्यों विभिन्न विभागों की नियुक्तियों में कारनामे भी उजागर हो रहे हैं. नव नियुक्त शिक्षिकों के नाम सार्वजनिक होते ही भर्ती विवादों के घेरे में आ गई.

अपर मुख्य सचिव ने रिपोर्ट तलब की
सबसे बड़ा धांधली का आरोप प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिक्षक भर्ती में लगा. इसमें सरकारी कॉलेज से सुपर स्पेशयलिटी डिग्री हासिल करने वाले मेधावियों को दरकिनार कर दिया गया. वहीं नेपाल से प्राइवेट डिग्री लेकर आए केजीएमयू के एक बड़े अफसर के बेटे को शिक्षक पद पर नियुक्त कर दिया गया. ऐसे ही रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में शिक्षक भर्ती में एक वरिष्ठ शिक्षक के चहेते को नौकरी देने की बिसात बिछा दी गई है. आलम यह है कि दूसरे विभाग का अनुभव लगाने वाले अभ्यर्थी को स्क्रीनिंग कमेटी ने साक्षात्कार के लिए वैध कर परिणाम भी जारी कर दिया. मामले की शिकायत मेरठ के सर्वेन्द्र चौहान ने एक मार्च को मुख्यमंत्री व राज्यपाल से शिकायत की है. आठ मार्च को अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा ने केजीएमयू के रजिस्ट्रार से मामले पर रिपोर्ट तलब की है.


यह राजभवन व संस्थान के बीच का गोपनीय मामला होता है. इतनी जानकारी मीडिया सेल को नहीं दी जाती है. यदि राजभवन से कोई भी निर्देश आता है, तो उसका पालन किया जाता है. कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.
-डॉ. सुधीर सिंह,प्रवक्ता-केजीएमयू

लखनऊ: राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में शिक्षक भर्ती में घपले का राज काफी गहरा है. यहां अभ्यर्थियों के आवदेन की स्क्रीनिंग से ही खेल शुरू हो जाता है. इंटरव्यू प्रक्रिया में भी गड़बड़झाला है. एक अभ्यर्थी के मुताबिक यहां 'कोड वर्ड' में बुलाने के बजाय नाम से दावेदार को बुलाया जाता है. जो चयन समिति की गोपनीयता-पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाता है. इसलिए अब राजभवन ने साक्षात्कार प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग के निर्देश दिए हैं.

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ.

हर इंटरव्यू की वीडियो रिकॉर्डिंग करने का निर्देश
KGMU में जूनियर डॉक्टर से लेकर सीनियर डॉक्टरों की भर्ती कई बार सवालों के घेरे में आई है. पारदर्शिता के नाम पर कड़े नियमों का दावा किया गया लेकिन गड़बड़ी पर अंकुश नहीं लग सका. इसी क्रम में राजभवन ने साक्षात्कार प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग के निर्देश दिए हैं. ऐसे में संस्थान प्रशासन को रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखना अनिवार्य है. वहीं आवश्यकता पड़ने पर राजभवन रिकॉर्डिंग को तलब भी कर सकता है. अब भर्ती प्रक्रिया को राजफाश करने के लिए एक अभ्यर्थी ने नाम न छापने की शर्त पर राजभवन से रिकॉर्डिंग तलब करने की मांग की है.

स्क्रीनिंग कमेटी से छंटनी करा देते हैं आवेदन
KGMU में चहेतों को नौकरी देने के लिए अफसर-विभागाध्यक्ष विज्ञापन निकालने के पहले ही सक्रिय हो जाते हैं. चहेतों के लिहाज से एनएमसी-इंस्टिट्यूट के एक्ट-शर्तों को सुविधानुसार थोपते हैं. इसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी में सेटिंग कर दावेदारों के आवेदन में कमियां निकालकर फॉर्म की छंटनी करवा डालते हैं. दंत संकाय में कुछ माह पहले ऐसे ही एक मेधावी अभ्यर्थी का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया था. अभ्यर्थी ने मामले की उच्च स्तर पर शिकायत की तो फार्म स्वीकार कर लिया गया.

कोड वर्ड की अनदेखी, सबसे बड़ी गड़बड़ी
भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का चयन समिति के सामने गोपनीयता अनिवार्य है. इसके लिए उसका नाम, पता, जाति, धर्म को गुप्त रखा जाता है. कमेटी के समक्ष हाजिर होने से पहले उसे एक कोड वर्ड आवंटित कर दिया जाता है. उसी कोड से अभ्यर्थी को बुलाया जाता है. एक अभ्यर्थी के मुताबिक केजीएमयू में चहेतों को शिक्षक बनाने के लिए इस नियम को तार-तार किया जा रहा है. हाल, में ही शिक्षक प्रमोशन साक्षात्कार मसले पर भी यह सवाल उठा. एससी-एसटी आयोग ने संस्थान से प्रमोशन कमेटी की रिकार्डिंग तलब की है.

केजीएमयू में 230 पदों पर शिक्षक भर्ती
KGMU के करीब 43 विभागों में लगभग 230 पदों पर शिक्षक भर्ती चल रही है. महीनों से मेडिकल संकाय में शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार चल रहे हैं. इंटरव्यू के लिफाफे एक-एक कर ज्यों-ज्यों खुल रहे हैं, त्यों-त्यों विभिन्न विभागों की नियुक्तियों में कारनामे भी उजागर हो रहे हैं. नव नियुक्त शिक्षिकों के नाम सार्वजनिक होते ही भर्ती विवादों के घेरे में आ गई.

अपर मुख्य सचिव ने रिपोर्ट तलब की
सबसे बड़ा धांधली का आरोप प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिक्षक भर्ती में लगा. इसमें सरकारी कॉलेज से सुपर स्पेशयलिटी डिग्री हासिल करने वाले मेधावियों को दरकिनार कर दिया गया. वहीं नेपाल से प्राइवेट डिग्री लेकर आए केजीएमयू के एक बड़े अफसर के बेटे को शिक्षक पद पर नियुक्त कर दिया गया. ऐसे ही रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में शिक्षक भर्ती में एक वरिष्ठ शिक्षक के चहेते को नौकरी देने की बिसात बिछा दी गई है. आलम यह है कि दूसरे विभाग का अनुभव लगाने वाले अभ्यर्थी को स्क्रीनिंग कमेटी ने साक्षात्कार के लिए वैध कर परिणाम भी जारी कर दिया. मामले की शिकायत मेरठ के सर्वेन्द्र चौहान ने एक मार्च को मुख्यमंत्री व राज्यपाल से शिकायत की है. आठ मार्च को अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा ने केजीएमयू के रजिस्ट्रार से मामले पर रिपोर्ट तलब की है.


यह राजभवन व संस्थान के बीच का गोपनीय मामला होता है. इतनी जानकारी मीडिया सेल को नहीं दी जाती है. यदि राजभवन से कोई भी निर्देश आता है, तो उसका पालन किया जाता है. कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.
-डॉ. सुधीर सिंह,प्रवक्ता-केजीएमयू

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